इस भागदौड़ और बदलती जीवनशैली में महिला या यूं कहें की कपल अपना ध्यान ठीक तरह से नहीं रख पाते हैं। ऐसी स्थिति में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जिन महिलाओं या कपल ने प्रेग्नेंसी लॉस से एक बार सामना कर लिया है, तो इससे बचने के वे उपाय अपनाते हैं और दोनों ही हेल्दी रहने की कोशिश करते हैं।
यूएससी फर्टिलिटी द्वारा किये गए रिसर्च के अनुसार तकरीबन 15 प्रतिशत महिलाएं एक से ज्यादा बार प्रेग्नेंसी लॉस की शिकार होती हैं। वहीं 2 प्रतिशत महिलाएं 2 बार प्रेग्नेंसी लॉस और 1 प्रतिशत महिलाओं में 3 बार प्रेग्नेंसी लॉस देखा गया है। गर्भ का न ठहर पाना कई कारणों से होता है। दूसरे मिसकैरिज के बाद 24 से 29 प्रतिशत संभावना फिर से गर्भधारण की होती है। दूसरे मिसकैरिज के बाद महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
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वहीं अमेरिकन कॉलेज ऑफ आब्स्टिट्रिशन एंड गायनोकोलॉजिस्ट (ACOG) द्वारा की गई रिसर्च के अनुसार दूसरी प्रेग्नेंसी लॉस के बाद फिर से मिसकैरिज की संभावना 28 प्रतिशत तक हो सकती है लेकिन, ऐसा नहीं है की मिसकैरिज के बाद आप फिर से मां नहीं बन सकतीं। 65 प्रतिशत ऐसी भी महिला हैं जिन्होंने मिसकैरिज के बाद फिर से गर्भधारण किया और स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे चुकी हैं।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आप प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे (Benefits of pregnancy loss) या मिसकैरिज से होने वाले नुकसान से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। बिना जानकारी के कोई भी कदम न उठाएं, वरना आपके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।