
“प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे”…
…यह वाक्य पढ़ने में ठीक न लग रहा हो लेकिन, यह सच है की प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे भी होते हैं। हैलो स्वास्थ्य की टीम ने कुछ महिलाओं से मिसकैरिज (Pregnancy loss) से जुड़े सवाल किये, तो ज्यादतर महिलाओं का कहना है की हमारे आसपास ऐसे कपल हैं जो शादी के बंधन में बंधने के बाद भी एबॉर्शन का सहारा लेते हैं। क्योंकि उनकी अपनी कुछ मजबूरी होती है, तो वहीं कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिन्हें प्रेग्नेंसी की जानकारी कम होने के अभाव में प्रेग्नेंसी लॉस यानि मिसकैरिज हो जाता है।
किन कारणों से होता है मिसकैरिज?
जेनेटिक यानी अनुवांशिक कारणों की वजह से प्रेग्नेंसी लॉस (मिसकैरिज) की संभावना बढ़ सकती है। रिसर्च के अनुसार कपल में से किसी एक व्यक्ति या दोनों में जेनेटिकल प्रॉब्लम होने पर मिसकैरिज की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने में होने वाले 50 से 60 प्रतिशत मिसकैरिज क्रोमोसोमल एब्नॉर्मलटिस के कारण ही होते हैं। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी लॉस के कई अन्य कारण हो सकते हैं। दरअसल प्रेग्नेंसी लॉस क्यों हुआ इसे समझना बेहद आवश्यक होता है। यह हर महिला में अलग-अलग कारणों से हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट की मदद से इसे आसानी से समझा जा सकता है। कुछ कपल्स ऐसे होते हैं जो इसके कारणों को समझकर फिर बेबी प्लानिंग का निर्णय लेते हैं।
कहते हैं जो होता है अच्छे के लिए होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे को भी इसी तरह से जोड़कर देखा गया है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) द्वारा किये गए सर्वे के अनुसार कई महिलाओं ने प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे बताएं। इस सर्वे में उन महिलों से बात की गई जिनका मिसकैरिज हुआ था। वहीं मुंबई में रह रहें एक कपल से जब हमने प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे की बात की तो कपल ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा की “मैं दो महीने से गर्भवती थीं और मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी की मैं प्रेग्नेंट हूं। घर पर प्रेग्नेंसी चेक करने के बाद जैसे ही मैंने पॉसिटिव साइन देखा मैं बहुत घबरा गई। हालांकि जानकारी के अभाव में मुझे कुछ प्रिकॉशन लेने थें जो मैं नहीं ले पाई थी जिस वजह से मेरी सेहत काफी खराब थी और बच्चे तक सही न्यूट्रिशन न मिलने के कारण वो भी ठीक तरह विकसित नहीं हुआ था और मेरा मिसकैरिज हो गया। यह वक्त मेरे लिए निराशा के साथ-साथ आशावादी भी रहा। इसलिए मुझे लगता है की प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे भी हैं।”
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प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे क्या हैं?
प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:-
प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे 1: मिसकैरिज के बाद फिर से मां बनने की चाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार प्रेग्नेंसी लॉस या मिसकैरिज होने के बाद महिला को शारीरिक तौर से फिट होने में कुछ वक्त का समय लगता है। मिसकैरिज के बाद फिर से गर्भवती होने के लिए कम से कम दो से तीन महीने का समय देना बेहतर हो सकता है। इसके साथ यह भी ध्यान रखना आवश्यक है की महिला का पीरियड्स साइकिल जब तक ठीक न हो तब तक कंसीव नहीं करना चाहिए। मिसकैरिज होने की वजह से प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई अहम जानकारी महिला को मिल जाती है और वह पहले की गई गलती को दुबारा नहीं दोहराती हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे हो सकते हैं और हेल्दी प्रेग्नेंसी की शुरुआत हो सकती है।
प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे 2: हस्बैंड का मिलता है साथ
ऐसा नहीं है की प्रेग्नेंसी लॉस सिर्फ मां बनने वाली महिला के लिए ही दुखद हो बल्कि यह उनके पार्टनर के लिए भी काफी परेशानीभरा होता है। लेकिन, इन सबके बावजूद पति अपनी पत्नी का ख्याल रखने में कोई कोताही नहीं करते हैं। वह अपनी लाइफ पार्टनर के साथ ऐसे पेश आते हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं। गम में डूबी महिला के लिए ऐसा साथ किसी नए जीवन से कम नहीं।
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प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे 3: हर किसी का मिलता है साथ
मिसकैरिज की जानकारी जितना एक कपल के लिए पीड़ादायक होता है, उतना ही परिवार के सदस्यों के लिए भी। लेकिन, ऐसे वक्त में परिवार के सदस्यों का भरपूर सहयोग और सपोर्ट मिलता है। इस दौरान महिला की सेहत का खास ख्याल रखा जाता है।
प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे 4: फाइनेंशियल प्लानिंग
बदलते वक्त में हर व्यक्ति अपने जीवन को प्लानिंग के साथ बिताना चाहता है। ऐसे में आजकल ज्यादातर कपल अपनी फैमली को आगे बढ़ाने के लिए भी प्लानिंग करते हैं, जिसे सामान्य भाषा में बेबी प्लानिंग भी कहते हैं। ऐसा नहीं है की बेबी प्लानिंग सिर्फ प्रेग्नेंसी लॉस के बाद ही की जाए। कपल सेकेंड बेबी प्लानिंग भी कई सारी बातों को ध्यान में रखकर करते हैं। ऐसा करने से कपल को जहां थोड़ा वक्त मिल जाता है वहीं बच्चे को घर में ही एक और दोस्त।
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प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे 5: सेहत का रखती हैं ध्यान
इस भागदौड़ और बदलती जीवनशैली में महिला या यूं कहें की कपल अपना ध्यान ठीक तरह से नहीं रख पाते हैं। ऐसी स्थिति में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जिन महिलाओं या कपल ने प्रेग्नेंसी लॉस से एक बार सामना कर लिया है, तो इससे बचने के वे उपाय अपनाते हैं और दोनों ही हेल्दी रहने की कोशिश करते हैं।
यूएससी फर्टिलिटी द्वारा किये गए रिसर्च के अनुसार तकरीबन 15 प्रतिशत महिलाएं एक से ज्यादा बार प्रेग्नेंसी लॉस की शिकार होती हैं। वहीं 2 प्रतिशत महिलाएं 2 बार प्रेग्नेंसी लॉस और 1 प्रतिशत महिलाओं में 3 बार प्रेग्नेंसी लॉस देखा गया है। गर्भ का न ठहर पाना कई कारणों से होता है। दूसरे मिसकैरिज के बाद 24 से 29 प्रतिशत संभावना फिर से गर्भधारण की होती है। दूसरे मिसकैरिज के बाद महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
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वहीं अमेरिकन कॉलेज ऑफ आब्स्टिट्रिशन एंड गायनोकोलॉजिस्ट (ACOG) द्वारा की गई रिसर्च के अनुसार दूसरी प्रेग्नेंसी लॉस के बाद फिर से मिसकैरिज की संभावना 28 प्रतिशत तक हो सकती है लेकिन, ऐसा नहीं है की मिसकैरिज के बाद आप फिर से मां नहीं बन सकतीं। 65 प्रतिशत ऐसी भी महिला हैं जिन्होंने मिसकैरिज के बाद फिर से गर्भधारण किया और स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे चुकी हैं।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आप प्रेग्नेंसी लॉस के फायदे या मिसकैरिज से होने वाले नुकसान से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। बिना जानकारी के कोई भी कदम न उठाएं, वरना आपके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।
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