- इसकी वजह से इंफेक्शन सर्विक्स और अपर जेनिटल ट्रैक्ट तक पहुंच जाता है।
- इंफेक्शन की वजह से पेल्विक इंफ्लामेट्ररी डिजीज (pelvic inflammatory disease) भी हो सकती है।
- गोनोरिया के कारण पीआईडी होने पर फीवर, एब्डोमिनल पेन और पेल्विक पेन होता है।
- बैक्टीरिया जो पेल्विक पेन का कारण बनते हैं वे फैलोपियन ट्यूब्स को डैमेज कर सकते हैं जो इनफर्टिलिटी, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy) और क्रोनिक पेल्विक पेन का कारण भी बन सकते हैं।
- गोनोरिया स्किन को भी प्रभावित कर सकता है। जिसकी वजह से हाथ, कलाई, कोहनी और एड़ियों पर रैशेज भी आ सकते हैं।
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प्रेग्नेंसी में गोनोरिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Gonorrhea treatments during pregnancy)
प्रेग्नेंसी में गोनोरिया से बचने का एक ही तरीका है वह है स्क्रीनिंग। महिलाओं को अपनी पहली प्रीनेटल विजिट (prenatal visit) के दौरान ही गोनोरिया के लिए स्क्रीनिंग करवाना चाहिए ताकि इसके लिए प्रॉपर ट्रीटमेंट किया जा सके। इससे जरिए बच्चे में इस बीमारी के ट्रांसफर होने का रिस्क भी बहुत कम हो जाता है। अगर प्रेग्नेंसी में गोनोरिया का इलाज ना किया जाए तो यह मिसकैरिज (miscarriage) और प्रीमैच्योर बर्थ (Premature birth) का कारण बन सकता है। अनकॉम्प्लिकेटेड गोनोरिया का इलाज एंटीबायोटिक व सेफट्रिआक्सोन (ceftriaxone) के जरिए किया जाता है, जिसे बच्चे को मां के लिए सुरक्षित बताया जाता है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। क्योंकि हर मरीज की स्वास्थ स्थिति अलग होती है। डॉक्टर उम्र, हेल्थ कंडिशन को देखते हुए दवा रिकमंड करते हैं।
क्या गोनोरिया को होने से रोका जा सकता है? (Can Gonorrhea be prevented)

गोनोरिया को केवल दो तरीके से ही रोका जा सकता है। जिसमें पहला है सेक्शुअल कॉन्टैक्ट से दूरी और दूसरा है किसी एक साथ के ही सेक्शुअल रिलेशन रखना। कंडोम का उपयोग गोनोरिया की रिस्क को कम कर सकता है, लेकिन उसे पूरी तरह रोक नहीं सकता। 2002 में नेशनल एसटीडी प्रिवेंशन कॉन्फ्रेंस (National STD Prevention Conference) में प्रस्तुत की गई स्टडी के अनुसार कंडोम का यूज 50% रिस्क को कम कर सकता है।
निम्न टिप्स को फॉलो करके भी आप प्रेग्नेंसी में गोनोरिया से बच सकते हैं।
- सीमित लोगों के साथ सेक्शुअल रिलेशन रखें
- सेक्स के पहले एल्कोहॉल या ड्रग्स का उपयोग ना करें। ऐसा करने से सेफ सेक्स के चांसेज कम हो जाते हैं
- एसटीडी के लक्षण और उनके बारे में जानकारी रखें। अपने पार्टनर को भी इस बारे में बताएं
- नए पार्टनर के साथ सेक्स करते वक्त कंडोम का यूज जरूर करें
- समय-समय पर एसटीडी के लिए जरूरी स्क्रीनिंग और टेस्ट करवाते रहें
- अगर आप गोनोरिया से इंफेक्टेड पाए जाते हैं तो जब तक आपका ट्रीटमेंट चल रहा है किसी के साथ सेक्स ना करें
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गोनोरिया का रिस्क किन लोगों को ज्यादा होता है? (Risk factors for gonorrehea)
गोनोरिया के हाय रिस्क फैक्टर्स में निम्न शामिल हैं।
- 15-24 उम्र के लोग
- नए सेक्स पार्टनर के साथ रिलेशन बनाना
- कई लोगों के साथ सेक्शुअल रिलेशन रखना
- पहले कभी गोनोरिया या कोई दूसरी सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज से एनकाउंटर
- एनल और ओरल सेक्स में ज्यादा इनवॉल्व होना
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उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और प्रेग्नेंसी में गोनोरिया के इलाज से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।