आप बीमार हो या फिर न हो, अगर आप एक्सरसाइज करेंगे, तो फिट रहेंगे। एक्साइज मसल्स की स्ट्रेंथ को बरकरार रखने का काम करती है और साथ ही ज्वाइंट्स को फ्लेक्सिबल भी बनाती है। शरीर में सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ने से मूड भी अच्छा रहता है। सेरोटोनिन (Serotonin) न्यूरोट्रांसमीटर में से एक है। न्यूरोट्रांसमीटर ऐसे रसायन होते हैं जो एक सेल से दूसरे सेल में मैसेज भेजने का काम करते हैं। ब्रेन में कम प्रतिशत में सेरोटोनिन (Serotonin) होता है, जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिक स्ट्रेस के कारण सेरोटोनिन का लेवल कम हो सकता है, जिस कारण से डिप्रेशन का खतरा (Risk of depression) बढ़ जाता है। अगर आप एक्सरसाइज नहीं करेंगे, तो सेरोटोनिन का लेवल कम हो सकता है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि एक्सरसाइज एक नहीं बल्कि अनेक फायदे शरीर को पहुंचाती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है क्योंकि आपके साथ ही बच्चे के स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ता है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान फाइब्रोमायल्जिया की समस्या है, तो आपको डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए कि इस बीमारी से पैदा होने वाले लक्षणों को कैसे कम किया जा सकता है। आप रोजाना हल्के व्यायाम भी कर सकती हैं। आप शुरुआत में वॉकिंग, जॉगिंग कर सकती हैं। अगर आपको किसी तरह की समस्या नहीं है, तो एक्सपर्ट से जानकारी लेने के बाद आप स्ट्रेचिंग (Stretching), भी कर सकती हैं। रिलैक्सेशन टेक्निक के रूप में एक्सरसाइज आपको बहुत हेल्प करेगी लेकिन बिना एक्सपर्ट या डॉक्टर से जानकारी लिए कोई भी कदम न उठाएं।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको प्रेग्नेंसी और फाइब्रोमायल्जिया (Pregnancy and fibromyalgia) के संबंध में जानकारी मिल गई होगी। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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