सी-सेक्शन के फैक्ट्स- डिलिवरी नॉर्मल हो या सिजेरियन इससे शिशु को स्तनपान करवाने पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है। दरअसल सी-सेक्शन के बाद स्तनपान करवाने से मां और शिशु दोनों को नुकसान नहीं पहुंचता है। सिर्फ ब्रेस्टफीडिंग करवाते महिला को सतर्कता बरतने की जरूरत होती है।
सी-सेक्शन मिथ 4- शिशु को जन्म देने के लिए नॉर्मल डिलिवरी ही है बेहतर विकल्प है।
सी-सेक्शन की जानकारी- डिलिवरी कैसी होगी? यह गर्भवती महिला की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि नॉर्मल डिलिवरी ही बेहतर विकल्प है। वैसे नॉर्मल डिलिवरी, सिजेरियन डिलिवरी के साथ-साथ वॉटर बर्थ से भी शिशु का जन्म करवाया जाता है।
सी-सेक्शन मिथ 5- सी-सेक्शन के बाद वजायनल ब्लीडिंग नहीं होती है।
सी-सेक्शन के फैक्ट्स- डिलिवरी नॉर्मल हो या सिजेरियन दोनों ही स्टेज में वजायनल ब्लीडिंग होती है, लेकिन यह स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से बात करें।
और पढ़ें:अपनी कुछ आदतें मां बनने के बाद न छोड़ें, नहीं तो पड़ सकता है पछताना
सी-सेक्शन मिथ 6- सिजेरियन डिलिवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन नहीं होता है।
सी-सेक्शन की जानकारी- सिजेरियन डिलिवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन न हो ऐसा कम होता है क्योंकि नई मां पर एक अच्छी मां बनने का दवाब होता है और वो खुद भी एक बेहतर मां बनने की कोशिश में लगी रहती हैं। ऐसे में पोस्टपार्टम डिप्रेशन होना लाजमी है।