लेबर के दौरान महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में तेजी से दर्द महसूस होता है। इसे संकुचन कहते हैं जो कुछ सेकेंड या मिनट तक रहता है और फिर दोबारा होने लगता है। ऐसी स्थिति में महिलाओं को ये समझने में दिक्कत हो सकती है कि कौन सी पुजिशन को अपनाना सही रहेगा? लेबर में पुजिशन क्या है, ये बात बहुत मायने रखती है। महिलाओं को ऐसे समय में कई प्रकार से बैठने या खड़ा होने से राहत मिल सकती है। लेबर में पुजिशन का चुनाव करना फायदेमंद साबित होता है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि लेबर में कौन सी पुजिशन बेस्ट होती है, और किसका चुनाव करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
और पढ़ें : क्या एबॉर्शन और मिसकैरिज के बाद हो सकती है हेल्दी प्रेग्नेंसी?
लेबर की पहली स्टेज में
लेबर की फर्स्ट स्टेज शुरू हो जाने पर एक जगह न बैठे, ऐसे में चलते-फिरते रहना सही रहेगा। ऐसा करने से लेबर जल्दी होगा। रिसर्च में ये बात सामने आई है कि लेबर की फर्स्ट स्टेज में एक्टिव रहने से संकुचन में राहत मिलती है। जब लेबर स्ट्रॉन्ग हो जाएं तो बॉडी बैलेंस में ध्यान देने के साथ ही सांस को तेज गति से लेना चाहिए और फिर रिलैक्स करना चाहिए।
- लेबर की पहली स्टेज शुरू होने के साथ ही दीवार के सहारे या फिर कुर्सी के सहारे पीछे की ओर झुक के खड़ी हो जाएं।
- चाहें तो इसी स्थिति में बेड पर पिलो की हेल्प से आगे की ओर झुकना सही रहेगा।
- फर्श पर कुशन रखें और घुटनों के बल बैठ जाएं। फिर पार्टनर की हेल्प से उनके ऊपर हाथ रखें। ऐसे में बर्थ बॉल पर रेस्ट करना भी सही रहेगा।
- बर्थ बॉल पर बैठने के बाद मूमेंट करना सही रहेगा।
- पार्टनर से बैक मसाज के लिए कहें। ऐसा करने से बहुत राहत महसूस होगी।
[mc4wp_form id=’183492″]
शरीर को रखें सीधा
ज्यादातर महिलाओं को लगता है कि लेबर के दौरान बेड पर लेट जाने से उन्हें राहत मिलेगी। ऐसा बिल्कुल नहीं है। लेबर के दौरान जितना संभव हो, शरीर को सीधा रखें।
- ऐसा करने से संकुचन के दौरान राहत मिलेगी।
- लेबर के दौरान सीधा रहने से लेबर के तेज होने की संभावना बढ़ जाती है।
- लेबर के दौरान पुजिशन को ध्यान में रखना डिलिवरी को आसान बनाता है।
लेबर पेन के दौरान लेटने से हो सकती है परेशानी
- लेबर के दौरान बेड पर लेटने से संकुचन तेज हो सकता है।
- लंबे लेबर के कारण संकुचन कम प्रभावी हो सकता है।
- सिजेरियन होने की अधिक संभावना।
- बच्चे के जन्म के बाद उसे विशेष देखभाल की संभावना हो सकती है।
और पढ़ें : गोरा बच्चा चाहिए तो नारियल खाएं, कहीं आप भी तो नहीं मानती इन धारणाओं को?
पीठ दर्द के दौरान अपनाएं ये पुजिशन
संकुचन के दौरान अगर पीठ में दर्द महसूस हो रहा है तो पेट के अंदर बच्चा पोस्टीरियर पुजिशन में होगा। ऐसे में रीढ़ से वजन कम करने से आराम महसूस हो सकता है। बच्चे का वजन रीढ़ पर न पड़े इसलिए अपने घुटनों और हाथों के नीचे तकिया रखें। आप चाहे तो बर्थ बॉल का यूज भी कर सकती हैं। ऐसा करने से संकुचन के दौरान पीठ दर्द से आराम मिलेगा।
पुश करने के दौरान पुजिशन
रिसर्च में ये बात सामने आई है कि लेबर के दौरान अपराइट पुजिशन बेस्ट रहती है। ऐसा करने से लेबर लंबा नहीं खिंचता है। साथ ही बच्चे को भी बैटर फील होता है। अपराइट पुजिशन से टीयरिंग के चांस भी कम हो जाते हैं।
खुशियों का रास्ता है योग, वीडियो देख एक्सपर्ट की लें राय
स्क्वैटिंग पुजिशन
स्क्वैटिंग पुजिशन की हेल्प से पेल्विक आउटलेट का डायमीटर बढ़ाने में हेल्प मिलती है। इसे जीरो स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है। पेल्विक में बच्चे को लाने के लिए ये बेहतरीन पुजिशन साबित हो सकती है। इस पुजिशन की हेल्प से सेकेंड लेबर छोटा हो सकता है। साथ ही ये पेरेनियम को सेफ करने का भी काम करती है। पेरेनियम को सेफ करने से मतलब है कि डिलिवरी के दौरान पेरेनियम में चीरा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
और पढ़ें : सेकेंड बेबी प्लानिंग के पहले इन 5 बातों का जानना है जरूरी
साइड लाइंग पुजिशन
इस पुजिशन की हेल्प तब ली जाती है जब महिला को ब्लड प्रेशर संबंधी कोई समस्या हो। साथ ही होने वाला बेबी फीटल डिस्ट्रेस के लक्षण दिखा रहा हो। इसे ग्रेविटी न्यूट्रल पुजिशन भी कहते हैं। ये पुजिशन लेबर को कम करने में मदद करती है। इस पुजिशन का का यूज पेरिनियम में दबाव लाने के लिए भी किया जाता है। साइड लाइंग पुजिशन में महिला को एक तरफ करवट लेकर लेटना होता है।
और पढ़ें : गर्भनिरोधक दवा से शिशु को हो सकती है सांस की परेशानी, और भी हैं नुकसान
वॉकिंग
लेबर के दौरान वॉक करना भी बेस्ट है। ऐसा करने से महिला को आराम महसूस हो सकता है। ये पुजिशन अर्ली लेबर के लिए भी सही है। आप चाहें तो घर के आसपास वॉक कर सकती हैं। ऐसे समय में किसी के साथ वॉक पर जाना बेहतर रहेगा। वॉक के दौरान पेल्विस आसानी से मूव करेगा और बच्चे को भी पेल्विस में आने में आसानी होगी। लेबर की बाद की स्टेज में संकुचन के दौरान वॉक करने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में लेबर के लिए पुजिशन को चुनते समय ध्यान रखने की जरूरत होती है। आप चाहे तो ऐसे समय में दूसरी पुजिशन भी चुन सकते हैं।
सेमी सिटिंग पुजिशन
सेमी सिटिंग पुजिशन मुख्य रूप से बेड पर की जाती है। एपिड्यूरल एनेस्थेसिया या अन्य दवाओं को देने के दौरान इस पुजिशन को अपनाना सही रहेगा। इस पुजिशन में लंबे समय तक रहना सही नहीं है। कुछ समय बाद पुजिशन चेंज करके सीधा लेट जाना बेहतर रहेगा। रिलैक्शेसन को प्रमोट करने के लिए और लेबर पेन को कम करने के लिए इस पुजिशन को अपनाया जा सकता है।
लीनिंग फॉरवर्ड पुजिशन
लीनिंग फॉरवर्ड पुजिशन की हेल्प से लेबर के दौरान बैक में पड़ने वाले प्रेशर में कमी आ जाती है। आप चाहे तो इसके लिए बर्थ बॉल या पिलो का यूज कर सकते हैं। लेबर में ये पुजिशन महिलाओं को रिलैक्स करती है। संकुचन के दौरान ये पुजिशन कुछ पल के लिए राहत देती है।
इन पुजिशन को कर सकते हैं ट्राई
- सिटिंग : लेबर के समय में सिटिंग अच्छा पुजिशन हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शरीर आपका ऊपर की ओर होता है, ऐसे में ग्रुत्वाकर्षण बल शिशु को नीचे खींचता है। ऐसा कर गर्भवती रिलेक्स महसूस कर सकती है। आप चाहें तो इसे किसी भी प्रकार की चेयर, किचन चेयर से लेकर रॉकिंग चेयर पर आजमा सकते हैं। बता दें कि कई अस्पतालों से लेकर बर्थ सेंटर में इस प्रकार के चेयर उपलब्ध है। इसके अलावा बॉल भी उपलब्ध है जिसका इस्तेमाल कर सकते हैं। आप चाहें तो बेड पर बैठ सकते हैं या फिर बर्थ टब पर, यदि आपको शॉवर करने को कहा जाए तो आप शॉवर चेयर पर बैठकर शॉवर ले सकते हैं।
- बैकवर्ड पुजिशन में चेयर पर बैठकर : चेयर पर बैकवर्ड पुजिशन कर बैठा जाए तो उससे भी काफी फायदा मिलता है। इस पुजिशन में बैठे रहने की वजह से पीठ पर प्रेशर कम होता है। वहीं नर्स, पति यदि पीठ पर रब करें व हल्का मसाज दें तो आराम पहुंचता है।
- स्कवेटिग : स्कवेटिंग कर पेल्विक आउटलेट के डायमीटर को बढ़ा सकते हैं। लेकिन इस पुजिशन को तब ट्राई नहीं करना चाहिए जब शिशु पेल्विस के पास आ जाए। इस पुजिशन को जीरो स्टेशन और लोअर पॉजिटिव नंबर के नाम से जाना जाता है। यह पुजिशन इसलिए भी बेहतर है क्योंकि यह पेरीनियम की सुरक्षा करता है। दूसरी स्टडी से तुलना की जाए तो डिलीवरी की सेकंड स्टेज में स्कवेटिंग बेहतर होता है, इसे कर ब्लड लॉस को रोका जा सकता है।
हमेशा लें एक्सपर्ट की सलाह फिर आजमाएं
बता दें कि इन तमाम पुजिशन को हेल्थकेयर प्रोफेशनल के दिशा निर्देश व उनकी निगरानी में करना चाहिए। उनके बताए अनुसार ही इसे करने से इसके फायदों को उठा सकते हैं। यदि सही तरीके से न करें तो शिशु के साथ गर्भवती की सेहत पर असर पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि एक्सपर्ट की निगरानी में इसे करना उचित होता है।
लेबर के दौरान कौन सी पुजिशन अपनाना सही रहेगा? इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर से जरूर राय लें। हर महिला की कंडीशन लेबर के दौरान अलग हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर की राय लेना जरूरी है।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
[embed-health-tool-due-date]