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रीटेंड प्लासेंटा क्या है?

रीटेंड प्लासेंटा क्या है?

रीटेंड प्लासेंटा से मतलब प्लासेंटा बाहर न आ पाने से है। जब महिला लेबर के समय पुश करती है तो बच्चे के बाद प्लासेंटा भी डिलीवर होता है। जब महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद भी प्लासेंटा डिलिवर नहीं हो पाता है तो उसे रीटेंड प्लासेंटा कहते हैं। जब महिला के शरीर में डिलिवरी के बाद भी प्लासेंटा रह जाता है तो ब्लीडिंग कम मात्रा में हो सकती है। महिला के वजायना से प्लासेंटा न निकल पाने की स्थिति में कुछ उपाय किए जा सकते हैं।

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नैचुरल इंटरवेंशन

अगर डिलिवरी के बाद ब्लीडिंग की मात्रा कम है तो आपको थोड़ा इंतजार करना चाहिए। ऐसे में कुछ नैचुरल इंटरवेंशन करना सही रहेगा। मेडिकल इंटरवेंशन के पहले ये काम किया जा सकता है। न्यूनतम ब्लीडिंग का मतलब है कि प्लासेंटा अभी भी जुड़ा हुआ है और इसलिए प्लासेंटा को तुरंत डिलिवर करने की कोई जरूरत नहीं है।

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निप्पल इस्टीमुलेशन

बच्चे के जन्म के आधे से एक घंटे बाद तक मां बच्चे को दूध पिलाने में सक्षम हो जाती है। बच्चे को मां का निप्पल पहचाने और दूध को पीने में थोड़ा समय लगता है। हो सकता है कि बच्चा 20 से 30 मिनट के भीतर निप्पल से दूध पीने की कोशिश करें। ऐसा करने पर शरीर में ऑक्सिटोसिन का सिकरीशन होता है। ऑक्सिटोसिन के निकलने से यूट्रस कॉन्ट्रेक्ट करने के लिए स्टिमुलेट करता है। ऐसा करने से प्लासेंटा के बाहर आने के चांसेस बढ़ जाते हैं। अगर बच्चा निप्पल से दूध नहीं खींच रहा है तो स्किन को स्किन टच भी बेहतर रहेगा। आप बच्चे की आंखों में कुछ देर देखें और उसे प्यार करें। ऐसा करने से भी ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज हो सकता है।

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ब्लैडर को खाली करना है जरूरी

अगर आपने डिलिवरी के पहले ब्लैडर को खाली नहीं किया है तो भी रीटेंड प्लासेंटा की समस्या हो सकती है। बेहतर रहेगा कि ब्लैडर को खाली करें। यूरिन से भरे हुए ब्लैडर के कारण प्लासेंटा अपनी जगह से हट नहीं पाता है। इसी कारण से रीटेंड प्लासैंटा की स्थिति बन जाती है। बेहतर रहेगा कि आप डिलिवरी के बाद यूरिन पास करने की कोशिश करें। अगर यूरिन पास करने में दिक्कत हो रही है तो यूरिनरी कैथेटर का यूज भी किया जा सकता है।

डिलिवरी से पहले खानपान

लेबर के दौरान महिलाओं को लगता है कि वो कुछ भी खा या पी नहीं पाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। आपको डिलिवरी के पहले एनर्जी ड्रिंक्स, जूस या फिर चॉकलेट खाना चाहिए। ऐसा करने से आपके शरीर में शुगर का लेवल बढ़ जाएगा। शुगर का लेवल बढ़ जाने से यूट्रस में कॉन्ट्रैक्ट करने में मदद मिलेगी। डिलिवरी के पहले क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

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मसाज की ले सकते हैं हेल्प

रीटेंड प्लासेंटा से छुटकारा पाने के लिए डिलिवरी के बाद मसाज की हेल्प ली जा सकती है। बैक मसाज की हेल्प से यूट्रस में कॉन्ट्रैक्ट हो सकता है। आप चाहे तो रीटेंड प्लासेंटा की समस्या से निपटने के लिए पुजिशन में चेंज कर सकते हैं। पुजिशन चेंज करने के साथ ही टॉयलेट में जाकर थोड़ी देर बैठने से भी आराम मिल सकता है। हो सकता है कि आपको यूरिन पास करने का अहसास न हो रहा हो। अगर आप थोड़ी देर टॉयलेट में जाकर बैठेंगी तो शायद यूरिन पास हो जाए। यूरिन पास होने के साथ ही रीटेंड प्लासेंटा की समस्या भी दूर हो सकती है।

क्यों होती है रीटेंड प्लासेंटा की समस्या?

  • जब गर्भ का संकुचन रुक जाता है, या गर्भ की दीवार से अलग करने के लिए नाल का संकुचन पर्याप्त नहीं होता है। इससे रीटेंड प्लेसेंटा की स्थिति बन जाती है।
  • कई बार प्लासेंटा बाहर की ओर तो आता, लेकिन सर्विक्स के पीछे आधा फंस जाता है। इसे ट्रैप्ड प्लासेंटा (trapped placenta) कहा जाता है। जब प्लासेंटा का भाग गर्भ में गहराई से जुड़ जाता है तो भी रीटेंड प्लासेंटा की समस्या हो जाती है। यह होने की संभावना अधिक तब होती है जब प्लासेंटा खुद को पिछले सिजेरियन सेक्शन के निशान से अधिक एम्बेड कर लेता है।
  • अगर प्लासेंटा गर्भ की दीवार के माध्यम से बढ़ता है तो इसे प्लेसेंटा पेरेक्टा (placenta percreta) कहा जाता है।
  • जब बच्चा समय से पहले जन्म ले लेता है तो भी प्लासेंटा बाहर निकलने में समस्या पैदा कर सकता है। इससे भी रीटेंड प्लासेंटा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
  • पहली बर्थ या फिर सिंटोकिनॉन [SI] (syntocinon) का प्रयोग भी रीटेंड प्लासेंटा के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

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प्लासेंटा को बाहर लाने के लिए क्या करना चाहिए?

एक्यूप्रेशर पॉइंट्स

जन्म के बाद तीन तरह के मुख्य बिन्दु होते हैं जो संकुचन को रेगुलेट करने का काम करते हैं।

फुट पॉइंट (Foot Point (LV 3))- फुट पॉइंट की हेल्प से संकुचन के लिए हेल्प मिलती है। फुट पाउंट पैर में ऊपर की ओर होता है। फुट पॉइंट की हेल्प से हड्डियों के विशेष कोण में दबाव डाला जाता है।

एंकल पॉइंट (Ankle Point (SP6))- ये पॉइंट एंकलबोन में स्थित होता है। निचले पैर में टिबिया की हड्डियों के पीछे की ओर दबाव डालना बेहतर रहेगा।

हैंड पॉइंट्स (LI 4) – ये पॉइंट हाथ में स्थित होता है। अपनी तर्जनी और अंगूठे को एक साथ क्रीज बनाने के बाद मांसपेशियों के हाई पॉइंट में दबाव डाला जाता है।

इन सभी बिंदुओं में करीब एक मिनट के लिए दबाव डाला जाता है। फिर करीब तीन से चार मिनट के बाद इसे दोहराया जा सकता है। ऐसा करने से संकुचन की स्थिति पैदा होती है और प्लासेंटा के बाहर आने के चांस बढ़ जाते हैं।

ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन

ज्यादातर मामलों में ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन (एर्गोमेट्रिन)  से आमतौर पर परहेज किया जाता है। ये गर्भाशय ग्रीवा को बहुत जल्द बंद कर सकता है और प्लासेंटा को बाहर आने से रोक सकता है। अगर महिला को अधिक मात्रा में ब्लीडिंग हो रही है और प्लासेंटा निकल चुका है तब ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन दिया जा सकता है।

मैनुअल तरह से प्लासेंटा को हटाना

ये रीटेंड प्लासेंटा की स्थिति से बचने का बहुत ही आसान तरीका है। जब महिला का प्लासेंटा वजायना से बाहर नहीं आ पाता है तो डॉक्टर मैनुअल तरीका अपनाते हैं। डॉक्टर वजायना में हाथ डालकर ये चेक करते हैं कि आखिर प्लासेंटा कहां है। फिर अपनी फिंगर का यूज करके डॉक्टर वजायना से प्लासेंटा को बाहर निकाल लेते हैं।

अगर आपको रीटेंड प्लासेंटा के संबंध में कोई भी जानकारी चाहिए हो तो एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।  कोई परेशानी महसूस होती है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

What happens if you have a retained placenta?: https://www.kidspot.com.au/birth/labour/stages-of-labour/what-happens-if-you-have-a-retained-placenta/news-story/72eae3657548c2d3f5d0e1d03349ddc1 Accessed August 05, 2020

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Retained placenta: https://www.pregnancybirthbaby.org.au/retained-placenta Accessed August 05, 2020

Current Version

05/08/2020

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Manjari Khare


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/08/2020

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