इन सभी बिंदुओं में करीब एक मिनट के लिए दबाव डाला जाता है। फिर करीब तीन से चार मिनट के बाद इसे दोहराया जा सकता है। ऐसा करने से संकुचन की स्थिति पैदा होती है और प्लासेंटा के बाहर आने के चांस बढ़ जाते हैं।
ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन
ज्यादातर मामलों में ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन (एर्गोमेट्रिन) से आमतौर पर परहेज किया जाता है। ये गर्भाशय ग्रीवा को बहुत जल्द बंद कर सकता है और प्लासेंटा को बाहर आने से रोक सकता है। अगर महिला को अधिक मात्रा में ब्लीडिंग हो रही है और प्लासेंटा निकल चुका है तब ऑक्सिटोसिन इंजेक्शन दिया जा सकता है।
मैनुअल तरह से प्लासेंटा को हटाना
ये रीटेंड प्लासेंटा की स्थिति से बचने का बहुत ही आसान तरीका है। जब महिला का प्लासेंटा वजायना से बाहर नहीं आ पाता है तो डॉक्टर मैनुअल तरीका अपनाते हैं। डॉक्टर वजायना में हाथ डालकर ये चेक करते हैं कि आखिर प्लासेंटा कहां है। फिर अपनी फिंगर का यूज करके डॉक्टर वजायना से प्लासेंटा को बाहर निकाल लेते हैं।
अगर आपको रीटेंड प्लासेंटा के संबंध में कोई भी जानकारी चाहिए हो तो एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। कोई परेशानी महसूस होती है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।