प्रेग्नेंसी के तीसरे ट्राइमेस्टर तक पहुंचते-पहुंचते महिलाओं में लेबर पेन के लक्षण नजर आने लगते हैं। कई बार ये लक्षण गलत भी हो सकते हैं। इसे फॉल्स लेबर के नाम से जाना जाता है। कुछ महिलाओं को इसका अहसास दूसरे ट्रैमेस्टर में ही हो जाता है। इसलिए वे तीसरे ट्राइमेस्टर में असली और फॉल्स लेबर के बीच के फर्क को समझ जाती हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जो अक्सर इन दोनों के बीच कंफ्यूज हो जाती हैं। आज हम इस आर्टिकल में फॉल्स लेबर पेन और असली लेबर पेन के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।
फॉल्स लेबर पेन क्या होता है?
एक ऐसी स्थिति जब गर्भवती महिला को कॉन्ट्रैक्शन की वजह से पेट के टाइट होने का अहसास होता है। कुछ ही देर बाद यह कॉन्ट्रैक्शन गायब हो जाते हैं। यह मासिक धर्म में आने वाले हल्के क्रैंप्स (cramps) की तरह ही होते हैं। फॉल्स लेबर में होने वाले कॉन्ट्रैक्शन तकलीफदेह हो सकते हैं लेकिन, इससे प्रसव नहीं होता और ना ही गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) खुलती है। फॉल्स लेबर को बेहतर समझने के लिए जरूरी है कि लेबर पेन के लक्षणों को सही से समझा जाए।
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फॉल्स लेबर पेन के लक्षण क्या हैं?
फॉल्स लेबर पेन के लक्षण इस प्रकार हैं जो सामान्यतः हर गर्भवती महिला को महसूस होते हैं। जैसे-
- अनियमित और अप्रत्याशित कॉन्ट्रैक्शन का होना (उदाहरण के लिए कॉन्ट्रैक्शन के बीच में दस, छह, दो, आठ मिनटों का अंतराल होना।)
- इन कॉन्ट्रैक्शन्स का अहसास पेट के टाइट होने जैसा होता है।
- एक्टिविटी या बॉडी पुजिशन (body position) में बदलाव होने से कॉन्ट्रैक्शन धीमा होना या रुक जाना।
- प्रसव पीड़ा का एक सामान रहना।
- मेम्ब्रेन टूटे हुए न होना।
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फॉल्स लेबर पेन के लक्षण: फॉल्स और असली लेबर पेन के लक्षण में अंतर
गर्भवती महिला के लिए जरूरी है कि वह फॉल्स और और असली प्रसव पीड़ा के बीच के अंतर को सही से समझें ताकि उसी हिसाब से एक्शन लिया जा सके इसके लिए रियल और फॉल्स लेबर पेन के लक्षण को समझें-
कॉन्ट्रैक्शन की फ्रीक्वेंसी
असली लेबर पेन में कॉन्ट्रैक्शन की आवृति लगातार होती है। लेबर के बढ़ने से कॉन्ट्रैक्शन और बढ़ जाते हैं। वहीं, फॉल्स लेबर में कॉन्ट्रैक्शन अनियमित बने रहते हैं।
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प्रसव पीड़ा: कितनी देर तक रहता है कॉन्ट्रैक्शन?
असली लेबर की शुरुआत के मामले में कॉन्ट्रैक्शन आखिरी 30 सेकेंड तक रहता है। लेबर में प्रोग्रेस होने पर यह एक मिनट या इससे अधिक समय तक रह सकता है। वहीं, फॉल्स लेबर में होने वाले कॉन्ट्रैक्शन का समय और तीव्रता अलग-अलग होती है। एनसीबीआई (NCBI) में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, फॉल्स लेबर में उठने वाले कॉन्ट्रैक्शन 30 सेकेंड से लेकर दो मिनट तक रह सकते हैं।
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एक्टिविटी में परिवर्तन करने पर
असली लेबर पेन के मामले में एक्टिविटी में बदलाव करने पर भी कॉन्ट्रैक्शन बंद नहीं होते। यहां तक कि चलने फिरने से कॉन्ट्रैक्शन और ज्यादा मजबूत और तीव्र हो जाते हैं। वहीं, फॉल्स लेबर पेन में एक्टिविटी में परिवर्तन करने से यह हल्के हो जाते हैं। एनसीबीआई में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, फॉल्स लेबर पेन तकलीफदेह हो सकता हैं लेकिन, इसमें बहुत ज्यादा दर्द नहीं होता। महिलाओं ने फॉल्स लेबर पेन को मासिक धर्म में आने वाले हल्के क्रैंप्स के अनुसार बताया है। फॉल्स लेबर के समय उठने वाला दर्द पेट के एक विशेष हिस्से में होता है।
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दवाओं का असर
फॉल्स लेबर पेन को पेनकिलर खाकर रोका जा सकता है लेकिन, असली लेबर पेन इन दवाइयों से नहीं जाता। यह लेबर पेन के लक्षण में से सबसे अहम है।
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फॉल्स लेबर प्रसव: कब होता है अहसास
फॉल्स लेबर पेन के मामले में दर्द पेट के निचले हिस्से में होता है। वहीं असली लेबर में पेट के ऊपरी हिस्से से दर्द शुरू होकर पूरे पेट में होता है। यह लोअर बैक तक फैल जाता है। कई बार यह लोअर बैक से शुरू होकर पेट तक आता है।
फॉल्स लेबर पेन में पेट के एक तरफ दर्द का अहसास भी हो सकता है। इसे राउंड लिगामेंट पेन के नाम से भी जाना जाता है। यह दर्द उस लिगामेंट से उठता है, जो यूटरस को सपोर्ट करता है और पेल्विक से जुड़ा होता है। यूटरस के बढ़ने से इसमें खिंचाव आ जाता है। कई बार यह दर्द पेट और जांघों के बीच के हिस्से तक आता है। दर्द खड़े होने, लेटने, खांसने, छींकने या यूरिन पास करने से भी पैदा होता है। यह दर्द कुछ सेकेंड या मिनटों तक रहता है।
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फॉल्स लेबर का फायदा
एनसीबीआई में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, फॉल्स लेबर से गर्भवती महिला की सेहत को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है। यूट्राइन की मसल्स की टोनिंग में फॉल्स लेबर में उठने वाले कॉन्ट्रैक्शन एक अहम भूमिका निभाते हैं। इन कॉन्ट्रैक्शन से महिला डिलिवरी के लिए तैयार होती है। कई बार फॉल्स लेबर को डिलिवरी के अभ्यास के रूप में उल्लेखित किया जाता है।
फॉल्स लेबर में होने वाले कॉन्ट्रैक्शन से गर्भाशय ग्रीवा मुलायम हो जाती है। यूट्राइन मसल्स में बीच-बीच में आने वाले कॉन्ट्रैक्शन से प्लेसेंटा में फ्लूड का प्रवाह बढ़ता है। इससे गर्भाशय में खाली पड़ी जगह (जहां पर प्रेशर कम होता है) ऑक्सीजन से भरपूर ब्लड से भर जाती है। इससे शिशु में ऑक्सीजन से भरपूर ब्लड का प्रवाह शिशु में बढ़ जाता है।
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फॉल्स लेबर पेन के लक्षण: ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन (Braxton hicks contractions)
प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली ऐठन को भी कुछ महिलाएं लेबर पेन समझ लेती हैं। इसे मेडिकल भाषा में ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन कहते हैं। लेबर पेन के लक्षण गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे ट्राइमेस्टर में होता है। हालांकि, अक्सर प्रसव पूर्व होने वाले ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन हानिकारक नहीं होते हैं। लेकिन, अगर यह काफी पेनफुल और लंबे समय तक हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ब्रेक्स्टन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन प्रसव पीड़ा से पहले कई बार महसूस किया जा सकता है। गर्भावस्था के आखिर के दिनों में तो यह 10 से 20 मिनट तक मुहसूस हो सकता है। गर्भवती महिला इसे लेबर पेन के लक्षण समझकर परेशान होना न शुरू करें।
अब तो आप असली लेबर पेन के लक्षण और फॉल्स लेबर पेन में अंतर समझ ही गई होंगी। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपको ये लक्षण दिखाई दें तो परेशान न हो। इन्हें लेबर पेन के लक्षण न समझें लेकिन, अगर पेट का दर्द असहनीय हो जाए और ज्यादा देर तक बना रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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