गर्भवती होने की इच्छुक महिलाओं के लिए ऑव्युलेशन के दिनों में शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना काफी बढ़ जाती है। जिन महिलाओं के पीरियड्स नियमित रहते हैं उनके लिए ऑव्युलेशन का पता लगाना आसान होता है लेकिन, अनियमित मासिक धर्म वाली महिलाएं ऑव्युलेशन टाइमिंग का पता लगाने के लिए टेस्ट किट का सहारा ले सकती हैं। लखनऊ के जनरल फिजीशियन डॉ मुकुल पांडेय ने हैलो स्वास्थ्य से बात करते हुए बताया कि, “ऑव्युलेशन टेस्ट किट (Ovulation test kit) से ल्यूटिनिजिंग हार्मोन (एलएच) में वद्धि की मात्रा का पता लग जाता है। जो ऑव्युलेशन के लगभग 24 से 48 घंटे पहले होता है। ल्यूटिनिजिंग हार्मोन के बढ़ने के बाद सेक्स करने पर कंसीव करने की संभावना बढ़ जाती है।”
ऑव्युलेशन टेस्ट किट (Ovulation test kit) का उपयोग कब करें?
ऑव्युलेशन टेस्ट किट का उपयोग तब करें जब लगे कि ऑव्युलेशन होने वाला है। अनियमित पीरियड्स मे ऑव्युलेशन के दिन को पता करने के लए बार-बार टेस्ट करना पड़ सकता है। इसके अलावा, ऑव्युलेशन प्रक्रिया के दौरान सर्विकल म्यूकस पहले से ज्यादा गाढ़ा, चिकना और स्पष्ट दिखाई देने लगता है। इस लक्षण पर ध्यान दें और इस दौरान किट से किया गया टेस्ट काफी सटीक रहता है। वैसे तो दिन के किसी भी समय में टेस्ट किया जा सकता है लेकिन, दोपहर के समय किया गया परीक्षण ज्यादा विश्वसनीय माना जाता है। जांच से चार घंटे पहले तक कोई तरल पदार्थ का सेवन न करें।
ऑव्युलेशन टेस्ट किट (Ovulation test kit) का उपयोग कैसे करें?
ऑव्युलेशन की जांच करने के लिए मार्केट में दो मुख्य प्रकार की किट उपलब्ध हैं।
- यूरिन बेस्ड ऑव्युलेशन टेस्ट किट
- सलाइवा ऑव्युलेशन प्रिडिक्शन टेस्ट किट
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यूरिन बेस्ड ऑव्युलेशन टेस्ट किट (Ovulation test kit) का उपयोग कैसे करें?
इसमें महिलाएं यूरिन को एक कंटेनर में लेकर या यूरिन पास करते वक्त स्टिक को वजायना के पास रखें। कुछ सेकंड बाद ऑव्युलेशन टेस्ट स्टिक पर एक कलर बैंड दिखाई देगा। अगर इसमें एक गहरे रंग की लाइन आएं तो मतलब है रिजल्ट सकारात्मक है और ऑव्युलेशन की प्रक्रिया होने जा रही है। वहीं, अगर महिलाएं डिजिटल ऑव्युलेशन टेस्ट किट का प्रयोग कर रही हैं तो रिजल्ट पॉजिटिव होने पर एक स्माइली फेस दिखता है।
सलाइवा ऑव्युलेशन प्रिडिक्शन टेस्ट किट का इस्तेमाल कैसे करें?
सलाइवा ऑव्युलेशन टेस्ट किट में एक स्लाइड होती है, जिस पर महिलाएं लार या थूक से ऑव्युलेशन के दिनों की जांच कर सकती हैं। दरअसल, जैसे-जैसे शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है, लार में मौजूद नमक की मात्रा बढ़ती है। इसलिए स्लाइड पर लार डालकर उसे सूखने दें। यदि ऑव्युलेशन शुरू होने वाला है तो लार में एक अलग फर्न जैसा पैटर्न बन जाएगा। जो दिखाता है कि ऑव्युलेशन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
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ऑव्युलेशन टेस्ट किट का परिणाम
ऑव्युलेशन टेस्ट किट के प्रयोग के बाद इसके रिजल्ट को प्राप्त करने के लिए कुछ समय तक इंतजार करें। करीब पांच मिनट के बाद देखने पर इसका परिणाम दिखाई देता है।
- सकारात्मक परिणाम (positive result)- अगर यूरिन में एलएच की मात्रा बढ़ी हुई है तो किट में दिख रही टेस्ट लाइन गहरे रंग की हो जाएगी। इसका मतलब है कि अगले एक-दो दिनों में ऑव्युलेशन शुरू हो जाएगा।
- नकारात्मक परिणाम (negative result)- अगर टेस्ट लाइन का रंग हल्का दिखता है तो आपके शरीर में एचएल हार्मोन के स्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई है और सकारात्मक परिणाम पाने के लिए इस टेस्ट को नियमित अंतराल पर लगातार जारी रखें।
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ऑव्युलेशन टेस्ट किट (Ovulation test kit) को क्या प्रभावित करता है?
नीचे बताई गई स्थितियां ऑव्युलेशन टेस्ट किट के रिजल्ट मे बदलाव कर सकती हैंः
- अगर आप गर्भवती हैं
- अगर आप हाल ही में गर्भवती हुई हैं
- यदि आप मेनोपॉज तक पहुँच चुकी हैं
इंजेक्शन के लिए मेनोट्रोपिन (पेर्गोनॉल®), डैनज़ोल (डैनोक्राइन®), और एचसीजी (जैसे, प्रोफसी या ए.पी.एल.) युक्त इंजेक्शन और कुछ दवाओं का सेवन ऑव्युलेशन टेस्ट किट के रिजल्ट को प्रभावित कर सकता है। अगर आप क्लोमीफीन साइट्रेट (जैसे Clomid® या Serophene®) के साथ थेरेपी कर रहे हैं, तो टेस्ट शुरू करने के लिए सही समय के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें। ज्यादातर मामलों में आपको इन दवाओं को लेने के 3 दिन बाद टेस्ट शुरू करना चाहिए।
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ओव्युलेशव टेस्ट किट कितना सही हैं?
जब सही ढंग से लिया जाता है, ओव्यूलेशन परीक्षण लगभग 99% सटीक होते हैं, जो ओएच से पहले होने वाले एलएच के उछाल का पता लगाने के लिए इस्तेमाल होता है। हालांकि ओव्युलेशव टेस्ट किट इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि क्या वास्तव में ओव्युलेशन एक या दो दिन बाद होता है। कुछ महिलाओं में अंडे को छोड़े बिना एलएच हार्मोन में वृद्धि हो सकती है। इस स्थिति को Luteinized Unruptured Follicle Syndrome (LUFS) के रूप में जाना जाता है।
अन्य महिलाओं को पूरी तरह से एलएच हार्मोन में पीक का अनुभव होता है जिसे फॉल्स-पीक्स कहते हैं आमतौर पर पॉलीसिस्टिक ओवरियन डिसीज वाली महिलाओं में यह देखा जाता है।
ऑव्युलेशन डिटेक्शन किट से चेक करते समय क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
- जांच के दौरान उपयोग होने वाली सभी चीजें साफ होनी चाहिए।
- टेस्ट से लगभग दो घंटे पहले पेय पदार्थों का सेवन न करें। इससे शरीर में ‘एलएच हार्मोन’ का पता लगाना कठिन हो सकता है और टेस्ट का परिणाम गलत आ सकता है।
- किट का उपयोग करने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट (प्रयोग की आखिरी तिथि) देखना न भूलें।
- पैकेट पर लिखें निर्देशों को फॉलो करें।
- पांच से दस मिनट के भीतर परीक्षण कार्ड पर रिजल्ट देखें। अगर रिजल्ट पॉजिटिव है तो वह गायब नहीं होगा।
- रिजल्ट पढ़ने के बाद एक बार उपयोग की गई ऑव्युलेशन डिटेक्शन किट को दोबारा यूज न करें।
इनफर्टिलिटी का ट्रीटमेंट करा रही महिलाएं या वे महिलाएं जो सभी मेडिकल कंडिशन सही होने के बावजूद भी कंसीव नही कर पा रही हैं वे डिटेक्शन किट से ऑव्युलेशन का सही समय का पता लगाकर बेबी प्लान कर सकती हैं। यह टेस्ट किट ऐसी महिलाओं के लिए भी उपयोगी है जो फर्टाइल समय को जानकर गर्भधारण को अवॉयड करना चाहती हैं।
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