ऑव्युलेशन के संकेतों को पहचानने के लिए आप मेंस्ट्रुअल चार्ट भी बना सकती हैं। यह इसका एक सरल तरीका है। इसके लिए आप अपने पीरियड्स की डेट (Period date) का रिकॉर्ड रखें। पीरियड्स (Period) कब शुरू होते हैं कब खत्म होते हैं इसे नोट कर लें। अगर मेंस्ट्रुअल सायकल नॉर्मल है, तो मासिक धर्म से लगभग 14 दिन पहले ऑव्युलेशन होने की संभावना हैं। जब भी ऑव्युलेशन के संभावित संकेतों का अनुभव हो तो उसका एक चार्ट बनाएं। ऑव्युलेशन के संकेत में ऐंठन, ग्रीवा में वृद्धि, स्तन कोमलता, फ्लूइड रिटेंशन (Fluid retention), और भूख या मनोदशा में बदलाव शामिल हैं।
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ऑव्युलेशन और लाइफस्टाइल (ovulation and lifestyle)
प्रेग्नेंसी प्लानिंग में ऑव्युलेशन से साथ इन बातों का भी रखें ध्यान:
अच्छी डायट लें (Healthy Diet)
जब आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं, तो आपके लिए हेल्दी डायट लेना बहुत जरूरी है। सुनिश्चित करें कि आप अपने दैनिक आहार में भरपूर मात्रा में स्वस्थ वसा जैसे ओमेगा-3, फोलेट, कैल्शियम, प्रोटीन (Proteins), आयरन (Iron) और फाइबर (Fiber) शामिल कर रहे हैं।
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व्यायाम (Exercise)
प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए दिन में 30 मिनट के लिए मध्यम व्यायाम रोज करना जरूरी है । चाहें फिर वह जिम जाना हो, जॉगिंग करना हो या वजन उठाना हो, गर्भ धारण करने की कोशिश करें कि आप व्यायाम नियमित करें।
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पर्याप्त नींद लें (Healthy Sleep)
जब आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही है, तो सात से आठ घंटे की अच्छी नींद जरूर लें। खराब नींद, आपकी प्रजनन क्षमता को बाधित कर सकता है। तनाव को दूर करने के लिए नींद भी महत्वपूर्ण है।
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हर महिला की एक अलग चक्र और शरीर रचना होती है। कुछ महिलाओं में निश्चित तिथि या समय पर ऑव्युलेशन नहीं हो पाता है। जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि अनियमित मासिक चक्र (Irregular monthly) या पीसीओडी की समस्या आदि। जिससे सबसे अच्छे ऑव्युलेशन डेट (Ovulation date) का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। यदि आपको ऑव्युलेशन (Ovulation in Hindi) नहीं होता है, तो इसका कारण पीसीओंडी (PCOD) या कोई अन्य इनफर्टिलिटी (infertility) सम्बंधित कारण हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से बात करें।