backup og meta

लेबर के दौरान मूवमेंट से क्या लाभ होता है?

लेबर के दौरान मूवमेंट से क्या लाभ होता है?

प्रेग्रेंसी के नौंवे महीने के दौरान महिला को हर वक्त मन में ये ख्याल आता है कि कहीं अचानक से पेट में दर्द न शुरू हो जाए। ये डर बहुत ही आम होता है। जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज, डांस या फिर मूवमेंट करती हैं, उनके लिए लेबर की शुरुआत और आखिरी स्टेज में मेहनत करना थोड़ा आसान हो जाता है। लेबर के दौरान मूवमेंट के कई फायदे होते हैं। अगर लेबर के दौरान मूमेंट और पुजिशन का ध्यान रखा जाएं तो डिलिवरी में आसानी होती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि लेबर के दौरान मूवमेंट से क्या फायदा होता है।

Benefits of Movements during pregnancy:

पेल्विस बोन में मूवमेंट से होता है फायदा

हैलो स्वास्थ्य ने फोर्टिस हॉस्पिटल कोलकाता की कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्‍ट डॉ. अर्चना सिन्हा से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा किप्रेग्नेंसी और लेबर के दौरान मूवमेंट से पेल्विस में ढीलापन आता है। अगर महिलाएं मूमेंट के लिए एक्सरसाइजया फिर अन्य कोई काम करती हैं तो पेल्विस मसल्स ढीली हो जाती है। ये बच्चे की डिलिवरी को आसान बनाने का काम करता है। प्रेग्नेंसी के आखिरी में या लेबर के दौरान मूमेंट करने से महिलाओं को फायदा पहुंचता है।”

और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के समय खाएं ये चीजें, प्रोटीन की नहीं होगी कमी

लेबर (Labor) मसल्स का टेंशन होगा दूर

नर्सिंग रिचर्स की स्टडी के मुताबिक लेबर की शुरुआती और आखिरी स्टेज में महिलाओं को संकुचन के कारण दर्द सहना पड़ता है। ऐसे में अगर महिला थोड़ी हिम्मत करके लेबर के दौरान मूवमेंट करती है तो लेबर मसल्स की टेंशन दूर होने में आसानी होती है। ये काम भले ही हिम्मत भरा है, लेकिन इससे महिला को फायदा पहुंचता है। ऐसे में महिला को बैक पेन होना भी आम बात होती है। कुछ समय की मेहनत से डिलिवरी में आसानी रहती है।

और पढ़ें: क्या प्रेग्नेंसी में केसर का इस्तेमाल बन सकता है गर्भपात का कारण?

लेबर के दौरान मूमेंट से होता है फायदा (Movements benefit during labor)

इंटरनेशनल गायनेकोलॉजी जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक जो महिलाएं लेबर के दौरान मूवमेंट करती हैं, उनमें वजायनल डिलिवरी के दौरान एपिसिऑटमी (Episiotomy) का कम चांस रहता है। एपिसिऑटमी की जरूरत तब पड़ती है जब बच्चे को बर्थ कैनाल से निकलने में दिक्कत होती है तो डॉक्टर कट लगाते हैं। ये कट वजायना से एनस के बीच की स्किन में लगाया जाता है। फर्स्ट डिग्री, सेकेंड डिग्री, फोर्थ डिग्री कट को परिस्थितियों के अनुसार लगाया जाता है। फोर्थ डिग्री कट बड़ा होता है और महिला को इसकी वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जो महिलाएं लेबर की सेकेंड स्टेज में मूवमेंट करती हैं, उनको एपिसिऑटमी की जरूरत कम ही पड़ती है।

और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में आने वाले 6 अजीबोगरीब सपने

बर्थ बॉल (birth ball) आपके लिए साबित होगी फायदेमंद

लेबर के दौरान मूवमेंट करने के लिए बर्थ बॉल भी आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है। बर्थ बॉल के सहारे बॉडी के आधे भाग का मूमेंट करें। ऐसा करने से पेल्विक मसल्स में खिंचाव पैदा होगा। पेल्विक मसल्स डिलिवरी के समय ढीली होना बहुत जरूरी होता है। ऐसा करने से बच्चे को बर्थ कैनाल से बाहर निकलने में समस्या नहीं होगी। बर्थ बॉल का यूज किस तरह से करना है, इस बारे में एक्सपर्ट से जरूर राय लें।

ग्रेविटी का सही यूज

बच्चे को बर्थ कैनाल से बाहर लाने के लिए अपराइट मूवमेंट सही रहता है। बच्चे को पुश करने से मतलब है कि आप पावरफुल फोर्स ग्रेविटी का यूज कर रही हैं। पुश करने का साफ मतलब ये भी है कि जैसा फोर्स स्टूल पास करते समय लगाना होता है, ठीक वैसे ही बच्चे के जन्म के समय भी महिला को पुश करने में मेहनत करनी पड़ती है। लेबर के दौरान मूवमेंट से लेबर के समय में कमी की भी संभावना रहती है।

और पढ़ें:  नॉर्मल डिलिवरी में कितना जोखिम है? जानिए नैचुरल बर्थ के बारे में क्या कहना है महिलाओं का?

डायलेशन (Dialation) होता है जल्दी

लेबर के दौरान मूवमेंट की हेल्प से डायलेशन का प्रॉसेस जल्दी होती है। ऐसा करने से बच्चे के सिर का एक्स्ट्रा प्रेशर सर्विक्स में पड़ता है। यही कारण है कि लेबर के दौरान मूवमेंट करने की सलाह दी जाती है। मूवमेंट के लिए डांस, वॉक या फिर एक्सरसाइज की मदद ली जा सकती है। डायलेशन से मतलब है कि जल्द ही बेबी बर्थ कैनाल से बाहर आने वाला है। डायलेशन के दौरान सर्विक्स 1 सेमी से 10 सेमी फैलता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी महिलाओं में डायलेशन का समय एक जैसा ही हो। डायलेशन मां की बॉडी पर भी डिपेंड करता है। इसीलिए लेबर के दौरान मूवमेंट पर जोर दिया जाता है। लेबर के दौरान बॉडी मूवमेंट से ये मुख्य रूप से फायदा पहुंचता है।

और पढ़ें: अगर दिखाई दें ये लक्षण तो समझ लें हो गईं हैं पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार

लेबर के दौरान मूवमेंट (Movement during labor)

लेबर के दौरान मूवमेंट के लिए अपराइट पुजिशन लें। पेल्विक को टिल्ट करना जरूरी है। इस दौरान अगर महिला का पार्टनर बैक मसाज और सैकरम (sacrum) मसाज करता है तो महिला के लिए लेबर के दौरान आसानी होगी। महिलाओं को लेबर के दौरान मूवमेंट करने से पेन में राहत भी महसूस हो सकती है। लेबर के दौरान पेल्विक टिल्ट करने से लिगामेंट पेन में रिलीफ मिलता है। साथ ही लेबर पेन का ड्यूरेशन भी कम होता है। ऐसा करने से बच्चे को बाहर आने के लिए फोर्स मिलता है। ग्रेविटी की हेल्प से फीटस को बाहर आने में मदद मिलती है।

ये जरूरी नहीं है लेबर के दौरान तेजी से डांस करना चाहिए। लेबर के दौरान मूवमेंट करने से मतलब मन मुताबिक मूवमेंट करने से हैं। ऐसे में महिला डॉक्टर की सलाह से लेबर के दौरान कोई भी पुजिशन अपना सकती है। ऐसा करने से बहुत से लाभ होते हैं। हांलाकि ये सच है कि लेबर के दौरान महिलाओं को तेजी से संकुचन होते हैं, ऐसे में मूवमेंट करने का साहस करना थोड़ा कठिन काम हो सकता है।अगर महिला डॉक्टर या एक्सपर्ट की निगरानी में लेबर के दौरान मूवमेंट किया जाए तो किसी भी प्रकार  की समस्या नहीं होगी।

लेबर का समय हो जाता है कम (Labor time becomes less)

लेबर के दौरान मूवमेंट का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि महिला के लेबर का समय कम हो जाता है। लेबर के दौरान हॉरिजेंटल मूवमेंट से फायदा होता है। रिचर्स में ये बात सामने आई है कि ऐसा करने से लेबर के दौरान करीब एक घंटे का समय बचता है।

ऊपर बताई गई बातों और अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही लेबर के दौरान मूवमेंट करना चाहिए। प्रेग्नेंसी और लेबर के दौरान अगर महिला को किसी भी प्रकार की समस्या हो तो इस बारे में डॉक्टर से जरूर चर्चा करें। अगर आपको लेबर के दौरान मूवमेंट के बारे में जानकारी नहीं हो तो इस बारे में मिडवाइफ से भी पूछ सकती हैं। वो आपको परिस्थितियों के अनुसार लेबर के दौरान कुछ आसान उपाय बताएंगी। अगर कोई परेशानी महसूस होती है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और प्रेग्नेंसी से संबंधित जरूरी जानकारियां मिली होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

[embed-health-tool-due-date]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Effect of Dance Labor on the Management of Active Phase Labor Pain & Clients’ Satisfaction: A Randomized Controlled Trial Study/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4825221/ Accessed on 18th March 2021

10 tips for staying active in pregnancy/https://www.tommys.org/pregnancy-information/im-pregnant/exercise-in-pregnancy/10-tips-staying-active-pregnancy/Accessed on 18th March 2021

Pregnancy week by week/https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/pregnancy-week-by-week/expert-answers/exercise-during-pregnancy/faq-20058359/Accessed on 18th March 2021

Effects of Exercise During Pregnancy/https://americanpregnancy.org/healthy-pregnancy/is-it-safe/exercise-during-pregnancy-2-1053/Accessed on 18th March 2021

Labor https://www.webmd.com/baby/labor-signs

 

 

 

(Accessed on 9/12/2019)

Current Version

29/12/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Bhawana Awasthi


संबंधित पोस्ट

क्या प्रेग्नेंसी के दौरान हार्ट पैल्पिटेशन सामान्य है?

जानिए कैसे पाएं प्रेग्नेंसी में ब्लैडर और बॉवेल प्रॉब्लम से छुटाकारा!


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/12/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement