60% से अधिक न्यू मॉम्स शिशु को जन्म के बाद पहले महीने में बच्चों को ग्राइप वॉटर देती हैं। शिशु की कई तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए दादी-नानी के समय से, बच्चों को ग्राइप वॉटर दिया जाता रहा है लेकिन, यह शिशु के लिए अच्छा है या नहीं? इस सवाल का जवाब पाने में बस पांच मिनट लगेंगे। “हैलो स्वास्थ्य’ के इस आर्टिकल में ग्राइप वॉटर से जुड़ी सारी जानकारियां दी गई हैं, जिससे पेरेंट्स को यह समझने में आसानी होगी कि शिशु के लिए ग्राइप वॉटर सुरक्षित है या नहीं।
ग्राइप वॉटर (Gripe Water) क्या है?
ग्राइप वॉटर शिशु के लिए दिया जाने वाला एक पेय पदार्थ है। इसे कैमोमाइल, सौंफ, मुलेठी, इलायची, अदरक, ग्लिसरीन, लेमन बाम, दालचीनी जैसी जड़ी-बूटियों को मिलाकर बनाया जाता है। यह शिशु को होने वाली अपच, हिचकी, कोलिक, पेट फूलने की समस्या से आराम दिलाने के लिए दिया जाता है। बच्चे के दांत निकलने के समय होने वाले दर्द को कम करने के लिए भी ग्राइप वॉटर का उपयोग किया जाता है। ग्राइप वॉटर बच्चे को होने वाली गैस की समस्या से आराम दिलाता है। साथ ही, यह बच्चे की पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। हालांकि, वैज्ञानिक शोध के अनुसार, बच्चों को ग्राइप वॉटर देना उनके स्वास्थ्य के लिहाज से उचित नहीं है, लेकिन कुछ पारंपरिक मान्यताओं के आधार पर बच्चों को ग्राइप वॉटर दिया जा रहा है।
क्या बच्चों को ग्राइप वॉटर देना सुरक्षित है?
यह सवाल अक्सर मन में आता है कि बच्चों को ग्राइप वाॅटर देना कितना सुरक्षित है? हालांकि, यह साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि बच्चों को ग्राइप वाॅटर देना सुरक्षित है या नहीं। दरअसल, बच्चों को ग्राइप वाॅटर देने की कई किस्में बाजार में मौजूद हैं। किसी-किसी ग्राइप वाॅटर में एल्कोहॉल की कुछ मात्रा भी शामिल होती है, जो शिशु के लिए हानिकारक है। हालांकि, अब बिना एल्कोहॉल के ग्राइप वाॅटर आते हैं। इसके अलावा ग्राइप वॉटर में ऐसे इंग्रीडेंट्स होते हैं जिनका उपयोग शिशु की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
और पढ़ेंः प्रसव के बाद देखभाल : इन बातों का हर मां को रखना चाहिए ध्यान
सोडियम बायकार्बोनेट (Sodium Bicarbonate)
ग्राइप वॉटर में सोडियम बायकार्बोनेट भी मौजूद होता है। इसका उपयोग ज्यादा करने से शिशु को अल्कालोसिस (Alkalosis) और मिल्क अल्कली सिंड्रोम (Milk-alkali Syndrome) जैसी समस्या हो सकती है। इससे शिशु की किडनी और दूसरे अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है। अल्कली सिंड्रोम में बॉडी में कैल्शियम की मात्रा अधिक हो जाती है। बॉडी में हाई कैल्शियम की मात्रा से मसल्स अकड़ जाती हैं। इसके साथ ही इससे ईसीजी चेंजेज भी आ सकते हैं।
शुगर
ग्राइप वॉटर में अत्यधिक मात्रा में शुगर होती है। इसे शिशु को ज्यादा पिलाया जाए, तो बच्चों के नए दांत खराब हो सकते हैं। इसलिए, ग्राइप वॉटर खरीदते समय उसमें शुगर की मात्रा चेक करना न भूलें।
ग्लूटेन
ग्राइप वॉटर में कई बार ग्लूटेन भी रहता है, जो शिशु की सेहत को खराब कर सकता है। ग्लूटेन का सेवन शिशु को कम से कम छह महीने के बाद ही कराना चाहिए। यदि उससे पहले शिशु को यह दिया जाए, तो उसे सीलिएक (Celiac) होने की संभावना होती है। यह एक तरह की आंत संबंधी बीमारी है।
वेजिटेबल कार्बन या चारकोल
ग्राइप वॉटर में वेजिटेबल कार्बन या चारकोल का प्रयोग भी किया जाता है, जो शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है। शिशु के लिए ग्राइप वाॅटर खरीदने से पहले लेबल पर दी गई सामग्रियों की जांच जरूर करें। अगर उसमें चारकोल मौजूद हो, तो उसे अपने शिशु को न पिलाएं।
इन सबके अलावा ग्राइप वॉटर में कुछ ऐसी जड़ी-बूटियां होती हैं, जिसके साइड इफेक्ट्स शिशु पर हो सकते हैं। इसलिए, शिशु को ग्राइप वॉटर डॉक्टर की सलाह पर ही देना चाहिए।
और पढ़ें : शुगर का बेहतरीन ऑप्शन है स्टीविया, जानें इसके 5 फायदे
बच्चों को ग्राइप वॉटर देने के क्या फायदे हैं?
बच्चों को ग्राइप वॉटर देने के निम्न फायदे हैंः
बच्चों को ग्राइप वाटर : पेट संबंधी समस्याओं से राहत दिलाए
कई बार नवजात शिशुओं को भी गैस और पेट संबंधी अन्य समस्याएं जैसे, कब्ज या पेट फूलने की समस्या हो सकती है। ऐसे में शिशु को गैस और पेट फूलने की समस्या से राहत दिलाने के लिए ग्राइप वॉटर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
दांत निकलते समय दें बच्चों को ग्राइप वाटर
दांत निकलते समय शिशु बहुत ज्यादा चिड़चिड़ने हो जाते हैं और उन्हें मसूड़ों के दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल करना भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होता है। ऐसे में माता-पिता बच्चों को ग्राइप वॉटर दे सकते हैं। इससे बच्चे को दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है। हालांकि, ध्यान रखें कि इसमें शुगर की भी मात्रा होती है, तो बच्चे को इसे बहुत कम समय के लिए ही दें।
बच्चों को ग्राइप वाटर : हिचकी से दिलाए राहत
नवजात शिशुओं में भी हिचकी की समस्या काफी आम हो सकती है। ऐसे में बच्चों की हिचकी रोकने के लिए बच्चों को ग्राइप वॉटर दिया जा सकता है।
डिहाइड्रेशन से बचाए
जन्म के शुरुआत के छह महीने में शिशु का आहार मां का दूध होता है। यहां तक की छह माह तक बच्चों को पानी पिलाने से भी मना किया जाता है। इसलिए अधिक गर्मी के दौरान छोटे बच्चों का मुंह और गला सूखने लगता है जिससे उनमें डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है। इससे बचाव करने के लिए आप बच्चों को ग्राइप वॉटर दे सकते हैं और उनके शरीर में पानी की कमी को रोक सकते हैं।
और पढ़ें : शिशु की आंखों में काजल लगाना सही या गलत?
बच्चों को ग्राइप वाटर देने के नुकसान क्या हैं?
ग्राइप वॉटर के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से शिशु को कुछ समस्याएं हो सकती हैं। जैसे-
- एलर्जी
- सांस लेने में समस्या
- खुजली की समस्या
- उल्टी होना
- सूजन आ सकती है।
ग्राइप वॉटर के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। नवजात शिशु को ग्राइप वॉटर देते समय उसकी खुराक, सामग्री पर ध्यान देने को जरूरत होती है। आप डॉक्टर की सलाह के बाद ही शिशु को ग्राइप वॉटर दें।
[mc4wp_form id=’183492″]
[embed-health-tool-vaccination-tool]