मिसकैरिज… इस शब्द से हम सभी परिचित हैं लेकिन, इस शब्द को वही महिलाएं समझ सकती हैं जो इससे गुजरी हों। यूएससी फर्टिलिटी के अनुसार तकरीबन 15 प्रतिशत महिलाएं एक से ज्यादा बार मिसकैरिज की शिकार होती हैं। हालांकि सिर्फ 2 प्रतिशत महिलाएं 2 बार प्रेग्नेंसी लॉस और 1 प्रतिशत महिलाओं में 3 बार प्रेग्नेंसी लॉस देखा गया है। गर्भ का न ठहर पाना कई कारणों से होता है। दूसरे मिसकैरिज के बाद 24 से 29 प्रतिशत संभावना फिर से गर्भधारण की होती है। दूसरे मिसकैरिज के बाद महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
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मिसकैरिज (Miscarriage) का कारण क्या है?
रिसर्च के अनुसार 60 प्रतिशत तक मिसकैरिज फर्टिलाइजेशन के दौरान एब्नॉर्मल क्रोमोसोम के कारण होता है। ऐसा जेनेटिक प्रॉब्लम के कारण होता है, जिसे ट्रांसलोकेशन (Translocation) कहते हैं। हालांकि ऐसा उम्र ज्यादा होने के कारण भी होता है लेकिन, इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। ऐसा माना जाता है की 50 से 75 प्रतिशत महिलाओं में बार-बार मिसकैरिज का पता भी नहीं चलता है। प्रेग्नेंसी लॉस या मिसकैरिज या गर्भपात के बाद महिला का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। मिसकैरिज के बाद कब प्रेग्नेंसी प्लानिंग करें और मिसकैरिज के बाद महिला कितनी फिट हैं गर्भधारण करने के लिए ये समझना जरूरी है।
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दूसरे मिसकैरिज के बाद कैसे रखें खुद का ख्याल और फिर कब करें फिर से बेबी प्लानिंग?
दूसरे मिसकैरिज के बाद कब करें प्रेग्नेंसी प्लानिंग?
मिसकैरिज क्यों हुआ इसे समझना बेहद जरूरी होता है। यह हर महिला में अलग-अलग कारणों से होता है। हेल्थ एक्सपर्ट की मदद से इसे आसानी से समझा जा सकता है। कुछ कपल्स ऐसे होते हैं जो फिर से बेबी प्लानिंग का निर्णय लेते हैं। दूसरे मिसकैरिज के बाद थोड़े वक्त के बाद कपल्स को डॉक्टर से मिलना चाहिए और फिर बेबी प्लानिंग करनी चाहिए। डॉक्टर आपको सही सलाह देंगे और क्या एहतिहात बरतनी है इसकी भी जानकारी दे देंगे। दूसरे मिसकैरिज के बाद अगर आप फिर से गर्भवती होना चाहती हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें।
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गर्भधारण के लिए आप कितना फिट हैं?
सबसे पहले पीरियड्स (मासिक धर्म) के नॉर्मल होने का इंतजार करें। पीरियड साइकिल ठीक नहीं होने पर इंफेक्शन का खतरा और मोलर प्रेग्नेंसी (Molar Pregnancy) या एक्टॉपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy) की संभावना हो सकती है। इसलिए पीरियड्स नॉर्मल होने तक इंतजार करें और अगर पीरियड्स की समस्या ठीक होने में ज्यादा वक्त लग रहा हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। आज के समय में पीसीओडी या पीसीओएस की समस्या होना आम हो गया है। जिसमें पीरियड्स अनिमियत रहते हैं। ऐसे में पहले इस बीमारी का इलाज कराना चाहिए। ताकि गर्भधारण के अवसर बढ़ सकें। डॉक्टर का इलाज और लाइफस्टाइल में चेंज करके आप इस बीमारी को ठीक कर सकती हैं।
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बॉडी को फिट होने में कितना वक्त लग सकता है?
शरीर को फिट होने के लिए भी सबसे पहले पीरियड्स का ठीक होना जरूरी है। ऐसे समय में हेल्थ एक्सपर्ट इंटरकोर्स की सलाह भी नहीं देते हैं। अनियमित पीरिड्स को भी रेगुलर होना चाहिए। अनियमित पीरियड्स के दौरान सेक्स प्रोटेक्शन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए नहीं तो इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। मुंबई की रहने वाली कविता देशपांडे एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हैं। हैलो स्वास्थ्य से बात करते हुए कहती हैं कि, ‘उन्हें मिसकैरिज के बाद पीरियड्स रेगुलर होने में 6 से 7 महीने का वक्त लगा, जो काफी परेशानी वाला था। इस दौरान उन्हें एंग्जाइटी और तनाव की समस्या भी शुरू हो गई थी।’
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दूसरे मिसकैरिज के बाद गर्भ कब धारण करना चाहिए?
यह हर कपल के लिए अलग-अलग होता है और यह सबकी अपनी-अपनी राय होती है। मिसकैरिज की वजह से महिलाएं ज्यादा तनाव में आ जाती हैं। इसलिए इस परिस्थिति से निकलने के लिए अगर महिला फिट हैं, तो गर्भधारण तुरंत किया जा सकता है जिससे तनाव और चिंता कम हो सकती है। हालांकि दूसरे मिसकैरिज के बाद डॉक्टर से लगातार संपर्क में रहें और जो सलाह डॉक्टर लें उसे ठीक तरह से फॉलो करें।
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फिर से गर्भवती होने में कितना वक्त लग सकता है?
मिसकैरिज के बाद गर्भधारण इसका जवाब हर महिला के लिए अलग-अलग होता है क्योंकि यह उनकी सोच और शारीरिक फिटनेस पर निर्भर करती है। कुछ कपल्स जल्द ही बेबी प्लान कर लेते हैं तो कुछ लोगों को ज्यादा वक्त लग जाता है। हॉर्मन में हो रहे बदलाव की वजह से भी गर्भधारण में देरी हो सकती है। इसलिए मिसकैरिज के बाद हेल्थ एक्सपर्ट से मिलें और सेकेंड प्रेग्नेंसी प्लानिंग के पहले हेल्थ चेकअप करवाएं।
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क्या फिर से मिसकैरिज हो सकता है?
गर्भाधारण हो या न हो अपने अंदर नकारात्मक विचार न आने दें और हेल्दी प्रेग्नेंसी के बारे में सोचें। प्रेग्नेंसी प्लानिंग के पहले और दौरान हेल्दी डायट फॉलो करें। बेहतर होगा की आप किसी डायटीशियन से मिलकर यह जानें और समझें कि आपको कौन-कौन से पौष्टिक तत्वों की ज्यादा जरूरत है। गर्भवती होने के लिए या किसी कारण गर्भ न ठहर पाने या मिसकैरिज के बाद भावनात्मक ख्याल रखना जरूरी है। मिसकैरिज के बाद बढ़ते तनाव के कारण भी फिर से बेबी प्लानिंग में परेशानी हो सकती है और तनाव ज्यादा बढ़ सकता है।
मिसकैरिज के बाद महिलाएं खुद कैसे संभलें जिससे तनाव कम हो सके और बेबी प्लानिंग में परेशानी न हो?
दिल्ली में रहने वाली 31 वर्ष की अलोलिका शाह कहती हैं कि, ‘इस बदलते वक्त में किसी और से अपेक्षा न करें जबकि इस बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों में जागरूकता फैलाएं। अगर आप वर्किंग नहीं हैं तो योगा क्लास या डांस क्लास में आपने आपको व्यस्त रखें। अगर आप वर्किंग लेडी हैं तो मिसकैरिज के बाद जल्द से जल्द अपने काम पर लौटें। ताकि आप बिजी रहे और ध्यान निगेटिव बातों पर न जाएं। माहौल चेंज होने से भी मूड बेहतर होता है। इसलिए इस दौरान अकेले बैठकर इसी बारे में सोचना सही नहीं है। अपनी पंसद की गतिविधियों में शामिल होना तनाव को दूर करने में मददगार होगा।’
अमेरिकन कॉलेज ऑफ आब्स्टिट्रिशन एंड गायनोकोलॉजिस्ट (ACOG) द्वारा की गई रिसर्च के अनुसार दूसरे मिसकैरिज के बाद फिर से मिसकैरिज की संभावना 28 प्रतिशत तक होती है लेकिन, ऐसा नहीं है की मिसकैरिज के बाद आप फिर से मां नहीं बन सकतीं। 65 प्रतिशत ऐसी भी महिला हैं जिन्होंने मिसकैरिज के बाद फिर से गर्भधारण किया और स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे चुकी हैं, लेकिन, अगर आप दूसरी मिसकैरिज या गर्भपात के बाद फिर से प्रेग्नेंसी प्लान कर रहीं और इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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