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प्रेग्नेंट हैं? प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज के बारे में जरूर जानें!


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/09/2021

    प्रेग्नेंट हैं? प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज के बारे में जरूर जानें!

    शिशु को जन्म देने के लिए महिलाओं को लेबर के तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। इन्हें प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) भी कह सकते हैं। प्रेग्नेंट महिला और उसके पार्टनर के लिए प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज के बारे में जानकारी होना जरूरी है। लेबर की पहली स्टेज सबसे ज्यादा लंबी होती है। यह  20 घंटों तक रह सकती है। इसके अलावा दूसरी और तीसरी स्टेज इतनी लंबी नहीं होती लेकिन, इनमें दर्द का अहसास ज्यादा हो सकता है। प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) के बारे में पहले से पता होना महिला और उसके पार्टनर दोनों के लिए सही होता है।

    प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage)

    प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage):  पहली स्टेज

    इस स्टेज की शुरुआत गर्भाशय ग्रीवा के खुलने से होती है और यह ग्रीवा के 10 सेंटीमीटर तक खुलने पर खत्म होती है। गर्भाशय ग्रीवा के 0-3 या 4 सेंटीमीटर तक खुलने पर कॉन्ट्रैक्शन ज्यादा तीव्र होता है। इस दौरान 15 से 20 मिनट हल्के कॉन्ट्रैक्शन का अहसास हो सकता है। जिसे लेटेंट स्टेज भी कहा जाता है। प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) के बारे में पता होना

    वहीं, चार से आठ सेंटीमीटर तक गर्भाशय ग्रीवा के खुलने को एक्टिव फेज भी कहा जाता है। इस दौरान कॉन्ट्रैक्शन और तेज हो जाता है। इस स्टेज में सिर में दर्द हो सकता है और वजायना से ब्लीडिंग बढ़ सकती है।

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    ट्रांजिशनल स्टेज (Transitional stage)

    प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) में ट्रांजिशनल स्टेज के बारे में जानना जरूरी है। इस स्टेज में गर्भाशय ग्रीवा करीब आठ सेंटीमीटर तक खुल जाती है और महिला को पहली बार पुशिंग का अहसास हो सकता है। इस दौरान कॉन्ट्रैक्शन की फ्रीक्वेंसी भले ही कम हो जाती है लेकिन, यह पहले के मुकाबले और ज्यादा स्ट्रॉन्ग हो जाते हैं। यह कॉन्ट्रैक्शन काफी देर तक रह सकते हैं। प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) में यह स्टेज काफी अहम माना जाता है। प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) के ट्रांजिशनल स्टेज में  महिला को घबराहट का अहसास हो सकता है। साथ ही सर्दी लगने, बीमार या कंपकपी का अहसास भी हो सकता है। यह पूरी प्रक्रिया सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकती है। आपको ऐसा लग सकता है कि आप इसे नहीं सह सकतीं।

    प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage): दूसरी स्टेज

    इस दौरान गर्भाशय ग्रीवा पूरी तरह खुल जाती है और आप शिशु को बाहर पुश करने के लिए तैयार होती हैं। इस दौरान आपको कुछ चीजों का अहसास हो सकता है। प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) के दूसरी स्टेज में महिला पूरी तरह से तैयार होती है। इस समय गर्भाशय ग्रीवा पूरी तरह से खुल जाती है और महिला पहले स्टेज से दर्द लेकर इसकी आदी हो जाती है।

  • एक-एक मिनट के अंतराल पर लंबे और तीव्र कॉन्ट्रैक्शन का अहसास
  • नीचे की तरफ प्रेशर का अहसास
  • शिशु को बाहर निकालने के भारी दबाव का अहसास
  • उल्टी होना और कंपकपाहट का अहसास
  • वजायना में खिंचाव या जलन का अहसास
  • प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) पर इस दौरान महिलाएं कॉन्ट्रैक्शन पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें। अलग-अलग बर्थ पुजिशन जैसे वॉकिंग, घुटने मोड़ना, स्टैंडिंग, सिटिंग या बर्थिंग बॉल को आजमाएं। संभव हो तो अपने पार्टनर को जरूर साथ रखें। इस दौरान आपको पसीना या गर्मी लगने का अहसास हो सकता है। ऐसे में मिडवाइफ या डॉक्टर आपके चेहरे को ठंडे कपड़े से साफ करेंगे, जिससे राहत मिल सकती है। प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) में यह स्टेज महिलाओं को परेशान करती है ऐसे में पति का साथ होना उन्हें थोड़ा रिलेक्स महसूस करवाता है।

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    प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज में इस दौरान शायद आपको पेन-रिलीवर दवाइयां दी जा सकती हैं। वजायना को फैलाने के लिए एनस और वजायना के बीच में डॉक्टर एक छोटा सा चीरा लगा सकते हैं। शिशु को तुरंत बाहर निकालने के लिए यह चीरा लगाया जाता है। इससे वजायना की वॉल को क्षति पहुंचने से बचाया जाता है।

    पेल्विक में शिशु के सिर की लोकेशन को स्टेशन के नंबरों के नाम से भी जाना जाता है। शिशु का सिर पेल्विक से नीचे की तरफ आता है। इन स्टेशन्स को -3 से +3 स्टेशन में उल्लेखित किया गया है।

    जब शिशु का सिर जीरो स्टेशन पर होता है तब वह बर्थ केनाल के बीच में होता है और पेल्विक से जुड़ा होता है। शिशु कौन से स्टेशन पर है, इससे दूसरे चरण के लेबर की प्रॉग्रेस के बारे में संकेत मिलता है।

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    बेबी पुशिंग (Baby pushing)

    सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर एस के सपरा का कहना है कि जोरदार पुशिंग के बाद शिशु के बाहर आने के लिए परेशान होने के बजाय डॉक्टर की बात सुनें। पुशिंग के वक्त आपको दबाव कम होने का अहसास हो सकता है। इस वक्त को आपको टॉयलेट जाने का अहसास भी हो सकता है। प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) में पुशिंग के दौरान पैनिक करने के बजाय डॉक्टर की सलाह मानें और उसके हिसाब से काम करें।

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    बच्चे का सिर नीचे की तरफ आने पर वजायना में खिंचाव या जलन का तेज अहसास हो सकता है। प्रत्येक कॉन्ट्रैक्शन में शिशु का सिर पेल्विक से नीचे की तरफ आता है। बर्थ केनाल में आने में इसे समय लग सकता है। एक बार शिशु का सिर बाहर आने पर बॉडी अपने आप ही फिसल कर बाहर आ जाएगी।

    प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage): तीसरी स्टेज

    शिशु के जन्म लेने के बाद लेबर की तीसरी स्टेज शुरू होती है। यूटरस की वॉल से प्लेसेंटा अलग होकर वजायना के जरिए बाहर आ जाता है। इस स्टेज को अक्सर ‘डिलिवरी आफ्टर बर्थ’ भी कहा जाता है। यह सबसे कम अवधि की स्टेज होती है। यह कुछ मिनटों से लेकर 20 मिनट तक रह सकती है। इस दौरान आपको कॉन्ट्रैक्शन का अहसास होगा लेकिन, तेज दर्द के मुकाबले हल्का दर्द हो सकता है। यदि एनस और वजायना के बीच छोटा चीरा लगाया गया है तो इस दौरान वहां पर टांके लगाए जाते हैं। यह सब इसी स्टेज में पूरा किया जाता है।

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    प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) के दौरान नैचुरल पेन रिलीवर

    महिलाओं के लिए कई विकल्प हैं जो उन्हें प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) के दर्द से राहत के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वे दवा के उपयोग के बिना दर्द को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:

    उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको प्रेग्नेंसी की लेबर स्टेज (Pregnancy labor stage) से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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