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प्रेग्नेंसी में हल्दी का सेवन करने के फायदे और नुकसान

प्रेग्नेंसी में हल्दी का सेवन करने के फायदे और नुकसान

प्रेग्नेंसी में हल्दी का सेवन कितना सुरक्षित हो सकता है, इसकी जानकारी होना जरूरी है। आमतौर पर हल्दी का इस्तेमाल हम हर तरह की पकवानों को बनाने में करते हैं। फिर चाहे वो पकवान सामान्य हो या फिर किसी गर्भवती महिला के लिए हो। साधारण तौर पर प्रेग्नेंसी के समय किसी भी तरह के हर्बल दवाओं या सप्लीमेंट्स का सेवन एक गर्भवती महिला पर अलग-अलग प्रभाव कर सकता है। जबकि हल्दी कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर है। वहीं, दूसरी तरफ इसके नुकसान भी हो सकते हैं।

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प्रेग्नेंसी में हल्दी के सुरक्षित सेवन पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

डॉक्टर्स और डायटिशियन के मुताबिक, सामान्य तौर पर प्रेग्नेंसी में हल्दी वाला दूध या हल्दी के इस्तेमाल से बने पकवान खाने के कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। हालांकि, यह कितना लाभकारी है इसके बारे में अभी तक कोई उचित प्रमाण भी नहीं मिला है। लेकिन, अगर प्रेग्नेंसी में हल्दी का सेवन करना है, तो हल्दी खरीदने के पहले उसके पैकेजिंग पर ध्यान दे, क्योंकि अगर हल्दी में कोई मिलावट हो, जैसे उसमें लेड या मेटल की मात्रा हो, तो वह गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। हमेशा हर्बल और नेचुरल पैक्ड हल्दी ही खरीदें। इसके अलावा आप हल्दी के कच्ची या सूखी हुई गांठ का इस्तेमाल भी करें, तो यह एक सुरक्षित तरीका हो सकता है।

क्या कहती है रिसर्च?

इसके अलावा, साल 2010 के एक अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्स्ट्रेसियन एंड गायनाकॉलोजिस्ट के अनुसार प्रेग्नेंसी हल्दी या हर्बल और नैचुरल सप्लीमेंट्स लेने से शिशु के जन्म के समय समस्याएं हो सकती हैं। अगर प्रेग्नेंसी में हल्दी का इस्तेमाल करना है, तो हमेशा उसकी कम मात्रा का ध्यान रखें। अगर प्रेग्नेंसी में नियमित तौर पर सोते समय हल्दी वाला दूध पीना चाहती है, तो इसके लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

प्रेग्नेंसी में हल्दी का इस्तेमाल करने के फायदे

हल्दी एक दक्षिण भारतीय मसाला है। प्राकृतिक तौर पर इसमें एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं। हल्दी का इस्तेमाल खाने के साथ-साथ घावों को भरने, त्वचा की रंगत निखारने के लिए भी किया जाता है। साथ ही, आयुर्वेद में भी हल्दी को एक दवा की तरह इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी में गुण अर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द, अनिद्रा जैसी कई समस्याओं के उपचार में लाभकारी होते हैं। साथ ही, प्रेग्नेंसी में हल्दी के सेवन से कुछ फायदे देखे गए हैं, जिनमें शामिल हैंः

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फीटल एल्कोहल सिंड्रोम से करें बचाव

गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर सभी गर्भवती महिलाओं को एल्कोहल का सेवन न करने की सलाह देते हैं। एल्कोहल के सेवन से बच्चे के विकास पर बुरा असर पड़ सकता है। जिसकी वजह से बच्चे के दिल और ब्रेन का विकास प्रभावित हो सकता है। जिसे फीटल एल्कोहल सिंड्रोम कहा जाता है। ऐसी स्थिति से बचाव करने के लिए प्रेग्नेंसी में हल्दी का सेवन लाभकारी हो सकता है।

फ्लू और सर्दी-जुकाम से बचाए

हल्दी के एंटी इंफ्लामेटरी गुण गर्भवती महिला के शरीर को ठंड और फ्लू से बचाए रखने में मदद प्रदान करते हैं। गर्म हल्दी वाला दूध पीने से गले की खराश और आम सर्दी-खांसी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

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दर्द से राहत प्रदान करे

हल्दी के एंटी इंफ्लामेटरी गुण गर्भवती महिलाओं के लिए शारीरिक तौर पर काफी लाभकारी हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान पैरो में सूजन व दर्द की समस्या काफी आम हो जाती है जो कि गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोन परिवर्तन के कारण होते हैं। ऐसी स्थिति में प्रेग्नेंसी में हल्दी के सेवन ने इन समस्यों से राहत पाई जा सकती है। साथ ही, जोड़ों के दर्द में भी हल्दी राहत दिलाती है।

गर्भावस्था में हल्दी का सेवन इम्यून सिस्टम बनता है मजबूत

अगर प्रेग्नेंट महिला हल्दी वाले दूध का सेवन करती है तो हल्दी के नुकसान आमतौर पर देखने को नहीं मिलेंगे। कम मात्रा में हल्दी का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। और साथ ही होने वाले बच्चे के लिए भी हल्दी का सेवन करना लाभदायक साबित हो सकता है।

मेटाबॉलिज्म को बनाता है बेहतर

जिन महिलाओं का मेटाबॉलिज्म बेहतर नहीं रहता है, वो भी कुछ मात्रा में हल्दी का सेवन कर सकती हैं। मेटाबॉलिज्म के ठीक न रहने से वजन तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में नियमित रूप से हल्दी का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बेहतर हो सकता है। बॉडी के बढ़े हुए वेट को कंट्रोल करने के लिए हल्दी अच्छा ऑप्शन है।

पेट से जुड़ी समस्याओं को रखे दूर

गर्भावस्था के दौरान कब्ज भी एक आम समस्या होती है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोन प्रोजेस्टेरोन में वृद्धि होने के कारण पाचन तंत्र की मांसपेशियों सहित शरीर की कई अन्य मांसपेशियों को आराम प्रादन करती है। जिसके कारण गर्भवती महिला को पाचन और मल त्याग से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा मलाशय पर बढ़ते गर्भाशय का दबाव भी पड़ता है जिससे कब्ज की समस्या हो जाती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी में हल्दी का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।

रात को आएगी अच्छी नींद

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को रात में बेचैनी अधिक महसूस होती है। वहीं कुछ महिलाओं को रात में नींद भी नहीं आती है। ऐसे में रोजाना गुनगुने दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से रात में अच्छी नींद आती है। अगर आपको हल्दी से एलर्जी है तो बेहतर होगा कि आप हल्दी का सेवन न करें और इस बारें में डॉक्टर से भी परामर्श करें। अगर आपको पहले से ही नींद न आने की समस्या हो और आप मेडिसिन ले रही हो तो डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं। प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार की दवाओं का सेवन या फिर जड़ी-बूटियों का सेवन बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर भी डाल सकता है।

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कब नहीं करनी चाहिए गर्भावस्था में हल्दी का सेवन

प्रेग्नेंसी में हल्दी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की परामर्श जरूर लें। साथ ही इन बातों का भी ध्यान रखेंः

  • हल्दी में मौजूद करक्यूमिन, प्रेग्नेंट महिलाओं में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। करक्यूमिन शरीर में एस्ट्रोजेन हॉर्मोन की नकल करता है जिससे मेन्स्ट्रूअल क्रैम्प्स और यूटेराइन कॉन्ट्रैक्शन्स बढ़ जाता है जो समय से पहले के जन्म यानी प्रीमैच्योर बर्थ और मिसकैरिज का कारण भी बन सकता है।
  • अगर प्रेग्नेंसी के दौरान या पहले से ही गर्भवती महिला को पित्त की थैली में पथरी है, तो उसे हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • हल्दी के सेवन से हमारी बॉडी में टेस्टोस्टेरॉन का लेवल भी कम हो जाता है। इसलिए गर्भावस्था में हल्दी का सेवन बहुत ही कम मात्रा में करनी चाहिए।
  • प्रेग्नेंसी में उल्टी होना आम समस्या है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था में बहुत कम तो कुछ महिलाओं को बच्चे के जन्म के समय के उल्टी होने की समस्या होती है। ऐसी महिलाओं को गर्भावस्था में हल्दी का सेवन कम ही करना चाहिए।
  • अगर परिवार में डायबिटिज जनेटिक समस्या है, तो भी गर्भवती महिला को हल्दी के सेवन से परहेज करना चाहिए।
  • हल्दी का ज्यादा इस्तेमाल करने से खून को पतला करने और ऐसिड ब्लॉक करने वाली दवाइयों को काम करने का तरीका प्रभावित हो सकता है जो शरीर में खून के थक्के बनने का कारण भी हो सकता है। इसलिए हल्दी का इस्तेमाल सब्जी या दाल में ही करें।
  • अगर गर्भावस्था में हल्दी का सेवन करने के बाद गर्भवती महिला को सिरदर्द या शरीर पर किसी तरह का रैशेज नजर आए, तो यह गर्भावस्था में हल्दी के सेवन के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ऐसे में हल्दी का इस्तेमाल करना तुरंत बंद करें।

क्या गर्भावस्था के दौरान हल्दी वाला दूध पीना सुरक्षित है?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हर एक दिन में एक चुटकी हल्दी वाला गर्म दूध का सेवन करना सुरक्षित है। दूध कैल्शियम का एक प्रमुख स्रोत होता है, जो गर्भावस्था के दौरान आवश्यक होता है। वहीं, हल्दी एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लामेंट्री गुणों से भरपूर होता है जो गर्भवती महिला के शरीर को मौसमी बीमारियों से बचाए रखने में मदद करता है।

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Current Version

16/11/2023

Ankita mishra द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Alwyn


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/11/2023

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