किसी भी सेक्शुअलिटी का कोई भी व्यक्ति कई प्रकार से सेक्स कर सकता है। जैसे- ओरल सेक्स, वजायनल सेक्स और एनल सेक्स। यह पूरी तरह से दोनों पार्टनर की पसंद-नापसंद और शारीरिक क्षमताओं पर निर्भर करता है। इस आर्टिकल में हम आपको ओरल सेक्स के बारे में विस्तार से बताएंगे कि आखिर ओरल सेक्स क्या है, यह कितने प्रकार से किया जाता है, इसे करने में कौन-सी सावधानियां बरतनी चाहिए और यह युवाओं के बीच क्यों पसंद किया जाता है। क्योंकि, ओरल सेक्स काफी दिलचस्प और आनंददायक तरीका है, जिसे सही तरीके और पूर्ण सावधानियों के साथ करने पर ही पूरा आनंद प्राप्त किया जा सकता है।
ओरल सेक्स क्या है?
सबसे पहले जानते हैं कि, ओरल सेक्स क्या है? दरअसल जैसा कि इसके नाम से ही साफ होता है, यह एक ओरल एक्टिविटी है। ओरल से मतलब है कि, इसमें आपके मुंह, जीभ, होंठ आदि का उपयोग किया जाता है। यह जानने के बाद हमारी समझ यह बात अच्छी तरह आने लगती है कि, ओरल सेक्स का मतलब एक पार्टनर का अपने मुंह, जीभ, होंठ आदि का उपयोग करके दूसरे पार्टनर के जननांगों, गुदा या संवेदनशील शारीरिक हिस्सों को उत्तेजित करना होता है। इसका अभ्यास मर्द और औरत दोनों ही समान रूप से कर सकते हैं। इसमें ओरल एक्टिविटी के साथ पार्टनर के पेनिस, वजायना या एनस के साथ प्ले किया जाता है।
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ओरल सेक्स क्यों किया जा रहा है इतना पसंद?
ओरल सेक्स को अगर पॉर्न इंडस्ट्री की देन कहा जाए, तो काफी हद गलत नहीं होगा। इसके प्रचार-प्रसार में इसका संपूर्ण योगदान है। लेकिन, इसका सबसे ज्यादा फायदा समलैंगिक कपल्स को लेस्बियन सेक्स और गे सेक्स में हुआ। उन्हें शारीरिक आनंद के लिए एक नए आयाम को एक्सप्लोर करने का मौका मिला। देखते ही देखते यह विषमलैंगिक कपल्स के बीच भी लोकप्रिय होने लगा। लेकिन, ऐसा नहीं है कि ओरल सेक्स सिर्फ पॉर्न इंडस्ट्री की ही देन है। बल्कि अनेक रूपों में यह आपको कामसूत्र में भी देखने और पढ़ने को मिलता है। इसका मतलब यह है कि, ओरल सेक्स कोई नयी गतिविधि नहीं है। बल्कि पौराणिक काल से ही इसे संभोग का एक हिस्सा माना गया है।
ओरल सेक्स को पसंद किए जाने के पीछे समलैंगिक कपल्स का कारण हमने बता दिया। दूसरी तरफ यह युवाओं को भी खूब भा रहा है। इसके पीछे दो वजह हैं, पहला तो यह कि पुरुष के साथ-साथ महिलाओं को सेक्स ऑर्गेज्म प्राप्त करने में यह काफी मददगार है और दूसरी वजह यह कि, इसे वह प्लेजर में बिना किसी कमी के अनचाहे गर्भ से बचने का सबसे आसान रास्ता मानते हैं। जहां सेक्स का संपूर्ण आनंद प्राप्त करने के लिए फोरप्ले जरूरी है, वहीं फोरप्ले से ओरल सेक्स को अलग नहीं किया जा सकता। ओरल सेक्स में किसिंग, सकिंग, बाइटिंग, रबिंग, टीजिंग, फिंगरिंग आदि क्रियाएं शामिल होती हैं। फोरप्ले का प्लेजर दिमाग से लेना चाहते हैं तो ये क्विज खेलकर देखें।
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ओरल सेक्स क्या है – कितने प्रकार का होता है?
ओरल सेक्स क्या है के बाद हम जानते हैं कि इसके कितने प्रकार हैं। इसको शारीरिक अंगों के आधार पर विभाजित किया गया है। आइए, जानते हैं इसके प्रकार-
फेलाशियो (Fellatio) – ओरल सेक्स के इस प्रकार में पार्टनर की जीभ, मुंह या होंठ से मेल पार्टनर के पेनिस को स्टिमुलेट किया जाता है। इस प्रकार को ओरल पेनाइल कॉन्टैक्ट भी कहा जाता है।
कनिलिंगस (Cunnilingus) – ओरल सेक्स के इस प्रकार में पार्टनर की होंठ या जीभ से महिलाओं की वल्वा या वजायना और खासतौर से क्लिटोरिस को ओरल स्टिमुलेट किया जाता है। इस प्रकार को ओरल वजायनल कॉन्टैक्ट भी कहते हैं।
एनलिंगस (Analingus) – ओरल सेक्स के इस प्रकार में एक पार्टनर के होंठ, मुंह या जीभ से दूसरे पार्टनर के एनस को स्टिमुलेट किया जाता है। इस प्रकार को ओरल एनल कॉन्टैक्ट भी कहा जाता है।
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ओरल सेक्स के फायदे क्या हैं?
ओरल सेक्स क्या है जानने के बाद हम इसके फायदों पर भी एक नजर मार लेते हैं। ओरल सेक्स के फायदों में सेक्स से मिलने वाले पूरे फायदे शामिल होते हैं। क्योंकि, यह पूरी तरह से संपूर्ण सेक्स की प्रक्रिया है। आइए, इससे मिलने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
- शरीर में बेहतर ब्लड सर्कुलेशन
- कैलोरी बर्न होती है
- तनाव में कमी
- स्वस्थ त्वचा और बाल
- अवसाद व एंजायटी में कमी
- दिल स्वस्थ होता है
- शादी के बाद सेक्स को दिलचस्प बनाने में मदद करता है
क्या ओरल सेक्स से अनचाहे गर्भ का खतरा बिल्कुल खत्म हो जाता है?
सीडीसी के मुताबिक, ओरल सेक्स से अनचाहे गर्भ का खतरा न के बराबर होता है और लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इससे यौन संचारित रोगों से भी बचाव होता है। ओरल सेक्स के जरिए आप विभिन्न एसटीडी के संपर्क में आ सकते हैं। अब बात करते हैं अनचाहे गर्भ धारण की, तो आपको बता दें कि ओरल सेक्स से प्रत्यक्ष रूप से गर्भधारण नहीं होता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी तरह पुरुष का सीमन महिला की वजायना के संपर्क में आ जाता है, तो अनचाहे गर्भ की संभावना हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर ओरल सेक्स के दौरान पुरुष स्खलित हो जाता है और उसके बाद वजायनल सेक्स किया जाता है, तो सीमन के वजायना के संपर्क में आने की संभावना रहती है।
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ओरल सेक्स के दौरान एसटीडी से किस तरह करें बचाव?
एसटीडी विभिन्न बॉडी फ्लूड के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, जिसमें ब्लड, प्री-कम, सीमन, रेक्टल फ्लूड, ब्रेस्ट मिल्क व वजायनल फ्लूड शामिल हैं। ओरल सेक्स के दौरान इन फ्लूड के संपर्क में आने से सिफलिस, क्लैमाइडिया, गोनोरिया, जेनिटल हर्पीस, एचपीवी के कारण होने वाले जेनिटल वार्ट्स का खतरा होता है और कुछ हद तक एचआईवी की आशंका भी होती है। इनसे बचने के लिए आप निम्नलिखित सावधानियां अपना सकते हैं। जैसे-
- ओरल सेक्स में आपको पार्टनर और अपने जननांगों की हाइजीन का ख्याल रखना चाहिए। एनल ओरल सेक्स के दौरान आप एनस की साफ-सफाई का खासतौर से ध्यान रखें, क्योंकि उसमें काफी खतरनाक बैक्टीरिया शामिल होते हैं। जिससे संक्रमण का खतरा होता है।
- नियमित रूप से खुद की और अपने पार्टनर की एसटीडी से संबंधित जांच करवाएं।
- ओरल सेक्स क्या है जानने के साथ उससे जुड़ी सावधानियां जैसे कॉन्डम, डेंटल डैम, टंग कॉन्डम, फीमेल कॉन्डम, प्लास्टिक रैप आदि के इस्तेमाल के बारे में भी पर्याप्त जानकारी रखें।
- ओरल सेक्स करते हैं, तो अपनी और पार्टनर की ओरल स्क्रीनिंग जरूर करवाएं।
- पीरियड्स या एनस, पेनिस व वजायना में किसी भी तरह के संक्रमण के मामले में ओरल सेक्स न करें।
ओरल सेक्स क्या है या इससे जुड़े किसी भी मुद्दे पर अगर आपका कोई सवाल है, तो कृपया इस बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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