सेक्स एजुकेशन यानी बच्चों को सेक्स के बारे में बताना उतना ही आवश्यक है जितना दूसरा ज्ञान देना। माता-पिता और बच्चे दोनों इस बारे में बात करने में सहज महसूस नहीं करते। अधिकतर माता-पिता अक्सर यह शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे या किशोर सेक्स के बारे में उनसे बात नहीं करना चाहते। लेकिन, सच तो यह है कि बच्चे या किशोर चाहते हैं कि उन्हें सेक्स को लेकर सही मार्गदर्शन मिले। बच्चों को सेक्स के बारे में बताना या इस बारे में बात करना इतना भी मुश्किल नहीं होता जितना हमें लगता है। इस बारे में बात करने के लिए घर सबसे सुरक्षित स्थान है। माता-पिता को अपने किशोर से सेक्स, इस दौरान शरीर में होने वाले बदलाव, बदलती भावनाओं, चिंताओं आदि के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए।
बात करना किस उम्र में शुरू करें
शोध के मुताबिक जो बच्चे या किशोर सेक्स के बारे में माता-पिता से बात करते हैं उनका सेक्सुअल स्वास्थ्य सही रहता है। इसलिए, किसी भी उम्र में आप अपने बच्चों से सेक्स और रिलेशनशिप के बारे में बात कर सकते हैं। जैसे ही बच्चे बोलना सुनना शुरू करते हैं तभी से बच्चों को शरीर के अंगों के बारे में सिखाना शुरू करें। जब वो अन्य बच्चों से घुलना-मिलना शुरू करे, वैसे ही आप उसे अन्य लोगों का सम्मान करना और अपनी भावनाओं के बारे में बात करना सिखाएं। धीरे-धीरे उन्हें सिखाएं कि लड़का और लड़की कैसे अलग होते हैं। यह सब चीज़ों को स्वस्थ सेक्सुअलिटी का आधार कहा जा सकता है।
- जैसे अगर 4 -5 साल का बच्चा पूछे कि बच्चे कहाँ से आते हैं, तो उन्हें यह जवाब न दें कि बच्चे भगवान के घर से आते हैं। बल्कि बताएं कि बच्चे माँ के पेट से जन्म लेते हैं।
- जब यह सवाल 10 साल का बच्चा पूछे, तो आपका जवाब होना चाहिए कि बच्चा नौ महीने माँ के गर्भाशय में रहता है उसके बाद योनि के माध्यम से जन्म लेता है।
अगर आपको लगता है कि आपने अपने बच्चे या किशोर से सेक्स के बारे में बात करने में देरी कर दी है। तो याद रखें कि ऐसा कुछ नहीं है। आप कभी भी अपने बच्चे से इस बारे में बात कर सकते हैं और उसका मार्गदर्शन कर सकते हैं। बस आपको एक बात ध्यान में रखनी है कि आप और आपका बच्चा बिना किसी शर्म के एक दूसरे से बात करें। अन्य सामान्य बातों की तरह ही इस मुद्दे पर भी बात करें।
और पढ़ें: World Sexual Health Day: यौन संबंध बनाने से पहले और बाद जरूर करें इन नियमों का पालन
[mc4wp_form id=’183492″]
बच्चों को यौवन और इस दौरान होने वाले बदलावों के बारे में कब बताएं ?
लड़कियों में यौवन के लक्षण 9 से 13 साल में और लड़कों में 10 से 15 साल में दिखाई देना शुरू होते हैं। जो किशोरों के लिए बेहद चिंताजनक और हैरानी भरा होता है। आप इस दौरान अपने बच्चों की इस तरह से मदद कर सकते हैं।
- बच्चों को यह समझाएं कि यह बड़े होने का सामान्य चरण है।
- शरीर और भावनाओं में आने वाले बदलावों को समझने में अपने बच्चे की मदद करें।
- उन सभी अनुभवों को शेयर करें। जब आप बड़े हो रहे थें और जब आपने यह सब अनुभव किया था।
और पढ़ें: सेक्स को एंजॉय करने के लिए ट्राई करें सेक्स लुब्रिकेंट्स (sex lubricants)
बात कैसे करें
सही मौका ढूंढे
अपने बच्चे या किशोर से सेक्स के बारे में बात करने के लिए सही मौका ढूंढे या छोटी-छोटी बातों के माध्यम से उन्हें सेक्स के बारे में जानकारी दें। जैसे अगर टीवी पर कोई प्रोग्राम या म्यूजिक वीडियो आ रहा हो, जिसमें सेक्सुअल व्यवहार के बारे में बताया जा रहा हो, तो उसे बंद न करें बल्कि अपने बच्चे को इस बारे में विस्तार से बताएं। अगर इस दौरान बच्चा या किशोर सेक्स के बारे में पूछे तो अच्छे से उसका जवाब दें।
और पढ़ें: क्या फिंगरिंग से आप गर्भवती हो सकती हैं? जानिए फिंगरिंग और प्रेग्नेंसी में संबंध
ईमानदारी से बात करें
बच्चे और किशोर सेक्स के बारे में बात करने के लिए उत्सुक रहते हैं। अगर आपका बच्चा या किशोर सेक्स के बारे में कुछ पूछे तो उसका सही जवाब दें। घुमाकर या गोलमोल बात न करें। अगर आपको समझ न आ रहा हो कि अपने बच्चे के सवाल का जवाब कैसे दें, तो उसे बाद में इसका जवाब देने को कहें। लेकिन, बाद में उनकी जिज्ञासा को अवश्य शांत करें। नहीं तो वो इसके जवाब के लिए अन्य माध्यमों को ढूंढेगा। हो सकता है कि दूसरे माध्यम से उसे सही जानकारी न मिले। ओरल सेक्स, संभोग, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन्स आदि सभी विषयों के बारे में खुलकर बात करें।
अपने बच्चे को समझने की कोशिश करें
बच्चों या किशोर के सामने अपनी किशोरावस्था का व्याख्यान न करें और न ही बच्चे को कोई भाषण दें। बल्कि बच्चे को समझे और उसकी कही गयी बातों, किशोर अवस्था के दबाव, चुनौतियों और चिंताओं को भी समझने की कोशिश करें। आपने बच्चे को समझाएं कि वो आपसे इस बारे में कुछ भी पूछ बता या सवाल कर सकते हैं। उनके ऐसे सवाल पूछने पर गुस्सा न हों बल्कि खुश हों। अगर आप चाहते हैं कि आपका किशोर सेक्स के बारे में सही जानकारी प्राप्त करे, तो उससे इस बारे में लगातार बात करें।
विशेषज्ञ से अपने बच्चों को मिलने दें
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे या किशोर को विस्तार से इस बारे में जानकारी मिले तो डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से बात करने दें। ऐसा करने से किशोर पूरे आत्मविश्वास के साथ स्वास्थ्य से जुड़े मामलों के बारे में बात कर पाएगा जिनमें गर्भावस्था, HIV, STDs आदि शामिल है।
और पढ़ें:स्मोकिंग और सेक्स में है गहरा संबंध, कहीं आप अपनी सेक्स लाइफ खराब तो नहीं कर रहे?
किन मुद्दों के बारे में बात करें
इस चीज़ का ध्यान रखें कि किशोर सेक्स के बारे में जब आप बात करें। तो यह बात केवल कुछ ही विषयों तक सीमित न हो जैसे सेक्स करने के परिणाम या इसके जोखिम आदि। बहुत से किशोर सेक्स के बारे में इन चीज़ों को अपनी हेल्थ एजुकेशन की क्लास या अन्य जगहों से जान लेते हैं। माता-पिता को इन विषयों में भी बात करनी चाहिए।
- जैसे अच्छे, सम्माननीय और स्वस्थ रिश्ते के बारे में बात करें।
- आप अपने बच्चे या किशोर से सेक्स या रिश्तों को लेकर क्या-क्या उम्मीद करते हैं इस बारे में बात करें।
- HIV, STD और गर्भावस्था को रोकने के तरीकों के बारे में तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करें।
- अपने किशोर या बच्चे को HIV, STD और गर्भावस्था से बचाने के लाभों के बारे में बताएं।
- अपने बच्चे को HIV / STD के बारे में जानकारी पाने के लिए किसी विशेषज्ञ और कहां इनका परीक्षण करा सकते हैं ऐसी जगहों के बारे में भी जानकारी दें।
समय में परिवर्तन आ चुका है ऐसे में आपको सेक्स के हर पहलू के बारे में अपने बच्चे से बात करनी है। जब आप सेक्स और रिश्तों के बारे में बात करते हैं तो यह मान कर न चलें कि वो केवल विपरीत सेक्स पार्टनरमें ही दिलचस्पी लेंगे। इस बारे में भी बात करना अवश्य है। आपके बच्चे को पता होना चाहिए कि रिश्ता कैसा भी हो उसमे प्यार होना अवश्य हैं। ऐसे ही आपका बच्चा चाहे बाईसेक्सुअल हो या स्ट्रैट, उसे स्वीकार करें। ऐसा माना गया है कि बाईसेक्सुअल किशोर जिन्हें अपने परिवार का साथ मिलता है, वो कम तनाव में रहते हैं। साथ ही वो सेक्स व रिश्तों को लेकर अधिक सही निर्णय ले सकते हैं, सही चुनाव और मानसिक रूप से अधिक स्वस्थ होंगे कर पाते हैं।
सेक्स से जुड़े किसी भी मुद्दे पर अगर आपका कोई सवाल है, तो कृपया इस बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
[embed-health-tool-ovulation]