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Postherpetic Neuralgia : पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/01/2020

Postherpetic Neuralgia : पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया क्या है?

परिचय

पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया (Postherpetic Neuralgia) क्या है?

पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया (Postherpetic Neuralgia) मूल रूप से दाद (shingles) के कारण होने वाली एक बीमारी है। जो चिकन पॉक्स (chicken pox) के कारण होती है। यह तंत्रिका तंतुओं और त्वचा को प्रभावित करता है। इसके कारण त्वचा पर दाने या छाले हो सकते हैं, जिसमें जलन और दर्द हो सकती है।

कितना सामान्य है पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया?

यह अनुमान लगाया जाता है कि दाद की समस्या से परेशान हर पांच में से एक व्यक्ति को इसका खतरा हो सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।

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लक्षण

पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के लक्षण क्या हैं?

पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के सामान्य लक्षण हैं:

  • दाद के ठीक होने के 3 महीने बाद भी दर्द होना। दाद वाली जगह पर जलन, चुभन, खुजली या दर्द होना।
  • प्रकाश के प्रभाव में आने पर सेंसिटिविटी होना। जिसके कारण त्वचा प्रभावित हो।
  • खुजली या त्वचा का सुन्न होना।

इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर आपको निम्न में से कोई भी लक्षण है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें:

  • दाद के शुरूआती लक्षण
  • दाद होने के बाद लगातार दर्द होना
  • दाद होने के 72 घंटों के अंदर एंटीवायरल दवाएंओं का सेवन शुरू कर देना चाहिए। इससे पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के जोखिम का खतरा कम हो जाता है।

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    कारण

    पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के क्या कारण हैं?

    एक बार अगर आपको चिकन पॉक्स होता है, तो उसके वायरस आपके शरीर में जीवन भर रह सकते हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है या आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पर दबाव पड़ता है या यह कमजोर होती है, तो इसके संक्रमण फिर सक्रिय हो सकते हैं।

    अगर दाद के कारण आपकी तंत्रिका तंतु क्षतिग्रस्त होती है, तो आपको पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया का खतरा हो सकता है। क्षतिग्रस्त तंतु आपकी त्वचा से आपके मस्तिष्क को निर्देश नहीं भेज सकते हैं जैसा कि वे आम तौर पर करते हैं। इसके बजाय, वो निर्देश भ्रमित हो जाते हैं, जिससे दर्द हो सकता है जो महीनों तक या कुछ स्थितियों में सालों साल तक बने रह सकते हैं।

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    जोखिम

    कैसी स्थितियां पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?

    पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के कई जोखिम कारक हैं, जैसे:

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    उपचार

    यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

    पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया का निदान कैसे किया जाता है?

    पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया का निदान करने के लिए डॉक्टर आपकी त्वचा की जांच करेंगे।

    पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया का इलाज कैसे होता है?

    पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के अधिकतर लोग उपचार के दौरान एक साल में पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाते हैं। लेकिन, कभी-कभी अगर तंत्रिका पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती हैं तो इसके लक्षण कई सालों तक स्थायी रूप से रह सकते हैं।

    पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के लक्षणों को कम करने के लिए दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इससे दर्द पूरी तरह दूर नहीं होता है।

    पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया आमतौर पर पैरासिटामोल और आईबोप्रोफेन जैसे दर्द निवारक दवाओं से ठीक नहीं होता है।

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    घरेलू उपाय

    जीवनशैली में होने वाले बदलाव, जो मुझे पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया को रोकने में मदद कर सकते हैं?

    निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया से बचने में मदद कर सकते हैं:

    • कैप्साइसिन क्रीम (Capsaicin Cream) का इस्तेमाल करें। यह मिर्च के बीज से बना होता है। इसके इस्तेमाल से आपकी त्वचा में जलन हो सकता है। लेकिन ये दुष्प्रभाव आमतौर पर समय के साथ गायब हो जाते हैं। ध्यान रखें कि कैप्साइसिन क्रीम का इस्तेमाल सिर्फ प्रभावित त्वचा पर ही करें। इसे लगाते समय हाथों में दस्ताने पहनें और लगाने के बाद हाथ और दस्तानें को अच्छे से साफ करें।
    • निवारक उपाय जैसे कि टीके लेना।
    • ठंडे कपड़े से शरीर की सिंकाईं करें। इससे शरीर और त्वचा पर होने वाले जलन और खुजली से राहत मिलेगी।
    • आप नहाते समय डॉक्टर से परामर्श पर एंटी-इचिंग सॉल्यूशन का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा आप ओटमील के साथ बेकिंग सोडा मिला कर नहा सकते हैं। ओटमील बाथ आपकी त्वचा के लिए बेहतर विकल्प है। इससे आपकी त्वचा का रूखापन भी ठीक हो जाएगा और पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के कारण जो रैशेज हुए हैं, उन्हें भी ठीक होने में राहत मिलेगी। 
    • आप एलोवेरा को भी अपने त्वचा पर लगा सकते हैं। इससे आपकी त्वचा पर खुजली के कारण हुए रैशेज जल्दी ठीक हो जाएंगे। 
    • त्वचा पर किसी भी सनस्क्रीन क्रीम या लोशन का इस्तेमाल न करें। इससे पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया की स्थिति और ज्यादा खराब हो जाएगी। 
    • आरामदायक और ढीले-ढाले कपड़े पहनें, इससे आपके त्वचा को हवा लगेगी और खुजली कम होगी। 
    • पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के लक्षणों को कम करने के लिए आप विटामिन डी का सेवन कर सकते हैं। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य की किरणों को माना जाता है, इसके लिए आप सुबह की हल्की गुलाबी धूप में बैठ के शरीर को धूप दें। धूप लेते समय गाढ़ें नहीं बल्कि हल्के रंग के कपड़े पहनें। इसके अलावा विटामिन डी के लिए आप कुछ अन्य चीजों को आजमा सकते हैं। अगर आप शुध्द शाकाहारी हैं, तो अपने आहार में विटामिन डी युक्त फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं। ब्रेकफास्ट में अंकुरित अनाज शामिल करें और डेयरी उत्पाद जैसे दही दोपहर के खाने में शामिल करें।

    इस आर्टिकल में हमने आपको पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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