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Yellow feet: जानिए पैरों का रंग किन कारणों से पड़ सकता है पीला!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/05/2022

    Yellow feet: जानिए पैरों का रंग किन कारणों से पड़ सकता है पीला!

    किसी व्यक्ति में येलो फीट (Yellow feet) यानी पीले पैर की समस्या होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से अधिकतर कारण चिंता की वजह नहीं होते हैं। इसके पॉसिबल कारणों में पीलिया (Jaundice), एनीमिया (Anemia) और कॉलसेस (Calluses) आदि शामिल हैं। येलो फीट (Yellow feet) की समस्या से पीड़ित लोग थिक, वैक्सी और ड्राय स्किन का अनुभव भी कर सकते हैं। कुछ मामलों में ऐसे लोगों के केवल पैर की उंगलियां या तलवे पीले हो सकते हैं। इसके कई अन्य लक्षण हो सकते हैं, जो अंडरलायिंग कारणों पर निर्भर करते हैं। येलो फीट (Yellow feet) का उपचार भी लक्षणों और कारणों के अनुसार होता है। आइए जानें इस समस्या के बारे में विस्तार से। सबसे पहले जान लेते हैं इसके कारणों के बारे में।

    येलो फीट (Yellow feet) के क्या हैं कारण?

    हालांकि, येलो फीट (Yellow feet) की कंडिशन के अधिकतर मामलों में चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, इसके कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हो सकते हैं:

    कॉलसेस (Calluses)

    कॉलस स्किन के थिक और हार्ड एरिया को कहा जाता है। यह अक्सर येलो, फ्लेकी वैक्सी और पैची दिखाई देता है। प्रेशर या फिक्शन के रिएक्शन के रूप में त्वचा पर कॉलस विकसित होते हैं। यह समस्या अक्सर पैर में होती है और इसका सामान्य कारण होता है सही नाप के जूते न पहनना है या अधिक पीरियड तक खड़ा होना या चलना। यह बीमारी चिंता का विषय नहीं है और इनमें उपचार की जरूरत नहीं होती है। इस समस्या से बचाव के लिए इन तरीकों को अपनाया जा सकता है:

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    पीलिया (Jaundice)

    पीलिया स्किन और आंखों के सफेद हिस्से के पीले होने को कहा जाता है। यह समस्या तब होती है जब बहुत अधिक बिलीरुबिन (Bilirubin) हमारे शरीर में बनता है। बिलीरुबिन रेड ब्लड सेल्स के टूटने से बनने वाला वेस्ट प्रोडक्ट है। पीलिया से पीड़ित लोगों में येलो फीट (Yellow feet) की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही रोगी इचिंग का अनुभव भी कर सकता है जो गंभीर हो सकती है। पीलिया के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:

    • वायरल इंफेक्शन जैसे हेपेटाइटिस A, B,या C
    • कुछ दवाईयां जैसे पेनिसिलिन (Penicillin), ओरल कंट्रासेप्टिव (Oral contraceptives) या एनाबोलिक स्टेरॉइड्स (Anabolic steroids)
    • कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स
    • गॉलब्लेडर प्रॉब्लम्स
    • लिवर फेलियर

    पीलिया का उपचार में इसके अंडरलायिंग कारण शामिल हैं। इससे पीड़ित लोगों को टेस्ट्स और उपचार के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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    एनीमिया (Anemia)

    ऐसा माना जाता है कि येलो स्किन या येलो फीट (Yellow feet) आयरन डेफिसिएन्सी के कारण होने वाले रोग एनीमिया के कारण हो सकते हैं। एनीमिया के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:

    एनीमिया से पीड़ित लोगों को पर्याप्त मात्रा में आयरन सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही एनीमिया के रोगी को खानपान का भी ध्यान रखना चाहिए।

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    रेनॉड’स डिजीज (Raynaud’s disease)

    अगर पूरे पैर की जगह आपके केवल पैरों की उंगलिया पीली नजर आएं, तो इसका कारण रेनॉड’स डिजीज हो सकती है जिसे रेनॉड’स फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon) भी कहा जाता है। इस समस्या से पीड़ित लोगों को पैरों की उंगलियों में लो टेम्प्रेचर या इमोशनल स्ट्रेस के रिस्पांस में सुन्नपन और कोल्ड महसूस हो सकता है। इसके साथ ही उन्हें प्रिकलिंग या टिंगलिंग जैसी सेंसेशन भी महसूस हो सकता है। इसका ट्रीटमेंट इसके लक्षणों की गंभीरता और अन्य मेडिकल कंडिशंस की प्रजेंस पर निर्भर करता है। जिन लोगों में इसके माइल्ड सिम्पटम्स नजर आते हैं, उन्हें थिक ग्लव्स और सॉक्स पहन कर मैनेज किया जा सकता है। इसके साथ ही स्ट्रेस को कम करके भी येलो फीट (Yellow feet) में आपको लाभ हो सकता है।

    येलो फीट, Yellow feet

    हल्दी की अधिक डोज (High doses of turmeric)

    हल्दी को इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज के कारण एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका सबसे एक्टिव कंपाउंड है करक्यूमिन (curcumin), जो एक ब्राइट येलो पिग्मेंट है। ऐसा माना जाता है कि हल्दी की अधिक डोज को लेने से पैरों के तलवे पीले रंग के हो सकते हैं।

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    कैरोटेनेमिया (Carotenemia)

    रक्त में कैरोटीनॉयड के उच्च स्तर के कारण कैरोटेनेमिया नामक परेशानी होती है। कैरोटीनॉयड फलों और सब्जियों में येलो-रेड रंग के पिगमेंट्स होते हैं। सबसे प्रसिद्ध कैरोटीनॉयड बीटा कैरोटीन है, जो गाजर में स्वाभाविक रूप से होता है। शरीर बीटा कैरोटीन को विटामिन ए में बदल देता हैजब कोई व्यक्ति सामान्य मात्रा में कैरोटीनॉयड का सेवन करता है, तो ये पिगमेंट्स शरीर से मूत्र, पसीना और मल के माध्यम से छोड़ देते हैं। लेकिन, अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से स्किन और फीट येलो हो सकते हैं। कई फूड्स को खाने से भी येलो फीट (Yellow feet) या येलो स्किन की समस्या हो सकती है। यह फूड्स इस प्रकार हैं:

    • कद्दू
    • स्वीट पोटैटो
    • हरी सब्जियां
    • साइट्रस फ्रूट्स
    • कुछ न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स

    इन फूड्स को अधिक मात्रा में लेने के बाद आप अपनी स्किन में यह बदलाव नोटिस कर सकते हैं। यदि आपके येलो फीट (Yellow feet) का कारण बहुत अधिक कैरोटीनॉयड युक्त खाद्य पदार्थ है, तो इन खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने के तुरंत बाद आपके पैरों को अपने सामान्य रंग में वापस आना चाहिए। अब जानते हैं कि इस समस्या का निदान कैसे हो सकता है?

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    येलो फीट (Yellow feet) की समस्या का निदान कैसे हो सकता है?

    अगर आप अपने पैरों में येलो कलर को नोटिस करते हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लें। ताकि, वो इस समस्या के सही कारण के बारे में जान सकें और सही उपचार कर सकें। डॉक्टर इसके निदान के लिए कुछ टेस्ट्स की सलाह दे सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

    इन टेस्ट्स के रिजल्ट्स के अनुसार डॉक्टरों सीटी स्कैन या एमआरआई के लिए कह सकते हैं। रोग या समस्या का निदान होने के बाद डॉक्टर रोगी को सही इलाज की सलाह दे सकते हैं। अब जानिए कि किन स्थितियों में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

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    येलो फीट (Yellow feet): किन कंडिशंस में डॉक्टर से बात अवश्य करें?

    येलो स्किन कई बार किसी गंभीर मेडिकल इश्यूज का संकेत हो सकती है। खासतौर पर अगर यह डिसकलर्ड स्किन शरीर के एक से अधिक भागों में नजर आती है। यह लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए:

    अगर येलो फीट (Yellow feet) ही एकमात्र लक्षण है जो आपको नजर आ रहा है, तो इसका कारण कॉलसेस (Calluses) या करोटेनोइड-कंटेनिंग फूड्स (Carotenoid-containing foods) हो सकते हैं। ऐसे में भी डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

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    यह तो थी येलो फीट (Yellow feet) के बारे में जानकारी। येलो फीट (Yellow feet) देखने में खतरनाक लग सकते हैं, लेकिन यह समस्या आमतौर पर पैरों के तलवों पर स्किन बिल्डअप के कारण होता है। यह परेशानी कलरफुल फलों और सब्जियों से भरी डायट की शारीरिक प्रतिक्रिया के कारण भी हो सकती है। हालांकि, कई बार इसकी वजह अंडरलायिंग कंडिशंस भी हो सकती हैं, जिसके लिए उपचार की आवश्यकता होती है, इसलिए यदि आप कोई अन्य लक्षण देखते हैं तो अपने डॉक्टर से जांच करना सबसे अच्छा उपाय है। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।

    डिस्क्लेमर

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