नींद के प्रकारः नॉन-रैपिड आई मूवमेंट क्या है?
हमारी नींद का लगभग 75 फीसदी हिस्सा नॉन-रैपिड आई मूवमेंट (NREM) का होता है और बाकी का REM के चरण में होता है। नींद के 1, 2, 3 चरण को NREM कहते हैं। जो हल्की ‘नींद स्टेज’ की श्रेणी में आता है। इस अवस्था में हमारा शरीर जागने और सो जाने के बीच की स्थिति में बना रहता है। ज्यादातर लोग रात में हल्के नींद लेने वाले लोग होते हैं और इस अवस्था में रहते हैं और इसलिए अधिक आसानी से वे जाग भी जाते हैं।
नींद के प्रकारः रैपिड आई मूवमेंट (REM) क्या है?
रेम स्लीप यानी रैपिड आई मूवमेंट स्लीप नींद के इन सभी चरणों में से एक ऐसा चरण है जो हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। आपको जानकर हैरान होगी कि नींद हमारे शरीर के हर सिस्टम और कोशिकाओं को प्रभावित करती है। नींद सिर्फ मूड ही नहीं दिमाग से लेकर दिल, फेफड़े, मेटाबॉलिज्म और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करती है। कई रिसर्च में यह बात सिद्ध हो चुकी है कि अपर्याप्त नींद या नींद की सही गुणवत्ता नहीं होने से उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियां, डायबिटीज, डिप्रेशन और मोटापे का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इस आर्टिकल में जानें कि कैसे रेम स्लीप स्टेज आपको कई खतरनाक बीमारियों से बचने में मदद करती है।
रेम स्लीप में आंखों का मूवमेंट तेज होता है। इसमें नींद के दौरान, आपकी आंखें अलग-अलग दिशाओं में जल्दी मूव करती हैं। यह नॉन-रेम स्लीप के दौरान नहीं होता है।
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नॉन-रेम स्लीप (नॉन- रैपिड आई मूवमेंट) के चरण
यह स्थिति आपके सोने के तुरंत बाद होती है। इसकी भी तीन अलग-अलग अवस्थाएं होती हैं:
1) पहली अवस्था: यह स्थिति आपके सोने के पांच से दस मिनट तक रहती है। इस स्थिति में इंसान को जगाना आसान होता है।
2) दूसरी अवस्था: यह अवस्था तब होती है जब आपकी बॉडी हल्की नींद में हो। इस स्थिति में आपकी हार्ट रेट धीमी हो जाती है और बॉडी टेम्परेचर भी कम हो जाती है। इस समय आपकी बॉडी गहरी नींद के लिए तैयार होने वाली होती है।