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जानिए सोने के कितने प्रकार होते हैं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Sushmita Rajpurohit द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/09/2020

    जानिए सोने के कितने प्रकार होते हैं?

    सोना शरीर की एक विशेष प्रक्रिया है जो हर इंसान करता है। पर्याप्त नींद लेने से आप संयमित और स्‍वस्‍थ रहते हैं। अगर आप कम नींद लेते है तो आप खुद में चिड़चिड़ापन महसूस करने के साथ बॉडी में अजीब-सा भारीपन रहता है। पर्याप्त नींद न लेना आपके दिनचर्या के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होता है। क्या आप जानते हैं कि आपके सोने के भी अलग-अलग तरीके होते हैं तो आइए जानते है नींद क्या है और नींद के प्रकार कितने होते हैं?

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    नींद क्या है?

    नींद और नींद के प्रकार एक प्राकृतिक क्रिया है। पृथ्वी पर मनुष्यों के साथ-साथ जितने भी स्तनधारी जीव हैं, उनके लिए सोना (नींद) बहुत जरूरी शारीरिक और स्थिति होती है। हर दिन के 24 घंटे में कुछ घंटे सोने के लिए भी जरूरी होते हैं। खाने-पीने के साथ-साथ अन्य शारीरिक गतिविधियों की ही तरह एक निश्तिच समय के लिए नींद लेना भी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का सबसे अहम हिस्सा होता है। नींद एक एनाबोलिक स्थिति है, जो शारीरिक और मानसिक विकास पर जोर देती है नींद के प्रकार अच्छे होने पर इम्यून सिस्टम, नर्वस सिस्टम और मांसपेशी प्रणालियां खुद को रिपेयर करती हैं। हालांकि, नींद के भी कई चरण होते हैं जिसे समझने के लिए हमें नींद के प्रकार को समझना चाहिए।

    जानिए नींद के प्राकर

    नींद के प्रकार को हम 2 चरणों में बांट सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः

    • नॉन-रेम स्लीप यानी नॉन-रैपिड आई मूवमेंट
    • रेम स्लीप यानी रैपिड आई मूवमेंट

    नींद के प्रकार के पहले चरण यानी नॉन-रेम स्लीप (नॉन-रैपिड आई मूवमेंट) के अंदर तीन स्टेज 1, 2, 3 आते हैं।

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    नींद के प्रकारः नॉन-रैपिड आई मूवमेंट क्या है?

    हमारी नींद का लगभग 75 फीसदी हिस्सा नॉन-रैपिड आई मूवमेंट (NREM) का होता है और बाकी का REM के चरण में होता है। नींद के 1, 2, 3 चरण को NREM कहते हैं। जो हल्की ‘नींद स्टेज’ की श्रेणी में आता है। इस अवस्था में हमारा शरीर जागने और सो जाने के बीच की स्थिति में बना रहता है। ज्यादातर लोग रात में हल्के नींद लेने वाले लोग होते हैं और इस अवस्था में रहते हैं और इसलिए अधिक आसानी से वे जाग भी जाते हैं।

    नींद के प्रकारः रैपिड आई मूवमेंट (REM) क्या है?

    रेम स्लीप यानी रैपिड आई मूवमेंट स्लीप नींद के इन सभी चरणों में से एक ऐसा चरण है जो हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। आपको जानकर हैरान होगी कि नींद हमारे शरीर के हर सिस्टम और कोशिकाओं को प्रभावित करती है। नींद सिर्फ मूड ही नहीं दिमाग से लेकर दिल, फेफड़े, मेटाबॉलिज्म और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करती है। कई रिसर्च में यह बात सिद्ध हो चुकी है कि अपर्याप्त नींद या नींद की सही गुणवत्ता नहीं होने से उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियां, डायबिटीज, डिप्रेशन और मोटापे का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इस आर्टिकल में जानें कि कैसे रेम स्लीप स्टेज आपको कई खतरनाक बीमारियों से बचने में मदद करती है।

    रेम स्लीप में आंखों का मूवमेंट तेज होता है। इसमें नींद के दौरान, आपकी आंखें अलग-अलग दिशाओं में जल्दी मूव करती हैं। यह नॉन-रेम स्लीप के दौरान नहीं होता है।

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    नॉन-रेम स्लीप (नॉन- रैपिड आई मूवमेंट) के चरण

    यह स्थिति आपके सोने के तुरंत बाद होती है। इसकी भी तीन अलग-अलग अवस्थाएं होती हैं:

    1) पहली अवस्था: यह स्थिति आपके सोने के पांच से दस मिनट तक रहती है। इस स्थिति में इंसान को जगाना आसान होता है।

    2) दूसरी अवस्था: यह अवस्था तब होती है जब आपकी बॉडी हल्की नींद में हो। इस स्थिति में आपकी हार्ट रेट धीमी हो जाती है और बॉडी टेम्परेचर भी कम हो जाती है। इस समय आपकी बॉडी गहरी नींद के लिए तैयार होने वाली होती है।

    3) तीसरी अवस्था: इस अवस्था में आप गहरी नींद में होते है। आपको जगाना मुश्किल हो जाता है और अगर आपको उठाने की कोशिश करेगा तो आपको चिढ़न महसूस होने लगेगी और साथ ही आपको कुछ देर के लिए कुछ समझ ही नहीं आएगा।

    नॉन-रेम स्लीप के दौरान आपकी बॉडी ऊतकों में बढ़ोतरी, मसल्स और हड्डियों को स्वस्थ्य बनाना और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने का काम करती हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है आपकी नींद उतनी कम गहरी होती जाती है।

    क्या है रेम स्लीप?

  • ज्यादातर, रेम स्लीप आपके सोने के 90 मिनट बाद होता है।
  • रेम स्लीप का समय आमतौर पर दस मिनट तक होता है। कभी-कभार किसी के लिए यह ज्यादा भी हो सकता है, सबसे ज्यादा यह एक घंटे तक हो सकता है।
  • इस समय आपकी हार्ट रेट और सांस लेने की क्षमता बढ़ जाती है
  • आपको रेम स्लीप के दौरान बहुत ही गहरे सपने आ सकते हैं क्योंकि आपका दिमाग बहुत ज्यादा एक्टिव होता है।
  • 50% बच्चे ऐसी ही नींद लेते हैं जबकि बड़े सिर्फ 20% ही ऐसी नींद लेते हैं।
  • इसीलिए आप कैसी नींद ज्यादा लेते हैं वो आप समझ सकते हैं। आप जितनी गहरी नींद लेंगे, आपको उतना ज्यादा अच्छा लगेगा इसीलिए कोशिश करें कि ज्यादा स्ट्रेस न लेते हुए आप आराम से सोए और सुनिश्चित करें कि सोते समय किसी तरह की बाधा न आए।

    और पढ़ें : नींद की गोलियां (Sleeping Pills): किस हद तक सही और कब खतरनाक?

    नींद और नींद के प्रकार को बेहतर करने के क्या करें?

    नींद और नींद के प्रकार को बेहतर बनाने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः

    दिन में झपकी लें

    जब भी दिन में आपको घर के काम से फुरसत मिले तो आप 10 से 20 मिनट की एक छोटी झपकी ले सकते हैं। इससे रात में अगर आपको अच्छी नींद नहीं आई होगी, तो इन छोटी झपकियों से आप दिन को फुर्ती भरा बना सकते हैं। इससे आपका मूड फ्रेश होगा और आप काम में ठीक से ध्यान भी लगा पाएंगे।

    गुनगुने पानी से नहाएं

    रात में सोने से पहले आपको गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। गुनगुने पानी से नहाने पर आपकी शरीर की मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को आराम मिलेगा जिससे आपको रात में अच्छी नींद आएगी और आपके नींद के प्रकार में भी सुधार होगा। सोते समय एसी का टंपरेचर बहुत ठंडा न रखें। इसके अलावा, सुबह सो कर उठने के बाद भी आपको फ्रेश पानी से नहाना चाहिए। इससे दिन भर आपका शरीर फ्रेश बना रहेगा।

    आरामदायक अवस्था में सोएं

    सोते समय हमेशा अपने कपड़े बदलें। कॉटन के हल्के कपड़े पहनें और सोने से पहले अपना बिस्तर जरूर साफ करें। आरामदायक कपड़े पहनने पर आपका शरीर रिलेक्स महसूस करेगा जिससे आपको नींद बहुत जल्दी आ जाएगी।

    डिस्क्लेमर

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