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लो बीपी होने पर तुरंत अपनाएं ये प्राथमिक उपचार, जल्द मिलेगा फायदा

लो बीपी होने पर तुरंत अपनाएं ये प्राथमिक उपचार, जल्द मिलेगा फायदा

लो बीपी यानी कम ब्लड प्रेशर के कारण शरीर को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है। जब ब्लड प्रेशर मापने पर 90/60 mmHg से कम हो जाए तो इसे लो बीपी कहेंगे। लो बीपी को हाइपोटेंशन भी कहते हैं। लो बीपी के कारण शरीर के विभिन्न भागों जैसे कि हार्ट, हेड, लैग, हैंड आदि में धीमी गति से रक्त बहने लगता है।

निम्न रक्तचाप या लो बीपी के कारण अक्सर बेहोशी, घबराहट, थकान, तनाव, जी मचलाना आदि समस्याएं दिखाई देते हैं। लो ब्लड प्रेशर किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। ये किसी बीमारी की वजह से भी हो सकता है। अगर किसी भी व्यक्ति को लो बीपी की समस्या है तो उसे अपने खानपान पर ध्यान जरूर देना चाहिए। खानपान के साथ ही स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक्सरसाइज को भी अपनाना चाहिए। लो बीपी से बचने के लिए या फिर लो बीपी की समस्या होने पर क्या उपचार लिया जाए, इस आर्टिकल के माध्यम से जानें।

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लो बीपी से हो सकता है ये खतरा

लो बीपी अगर किसी व्यक्ति को अचानक से हुआ है तो उसके लिए किसी खास तरह की मेडिसिन कि जरूरत नहीं होती है। लाइफस्टाइल चेंज करके लो बीपी की समस्या को सही किया जा सकता है। खानपान पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी होता है। जिन लोगों को लंबे समय से लो बीपी की समस्या होती है उन्हें कुछ बीमारियों का खतरा हो सकता है।

लो बीपी या हाइपोटेंशन का कैसे चलता है पता?

निम्न रक्तचाप या लो बीपी की समस्या होने पर व्यक्ति को चक्कर आने लगते है। साथ ही कमजोरी का एहसास भी हो सकता है। डॉक्टर जांच के दौरान फिजिकल एक्जामिनेशन के साथ ही ब्लड प्रेशर चेक करता है। साथ ही डॉक्टर अन्य बातों के लिए भी रिकमेंड कर सकता है,

ब्लड टेस्ट या रक्त परीक्षण

ब्लड टेस्ट या रक्त परीक्षण से शरीर में अन्य प्रकार की समस्याओं का भी पता चल जाता है। ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया), हाई ब्लड शुगर (हाइपरग्लाइसेमिया या डायबिटीज), कम रेड ब्लड सेल्स की गिनती (एनीमिया) के बारे में जानकारी मिल जाती है। लो ब्लड प्रेशर के दौरान इनकी गिनती भी प्रभावित हो सकती है।

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इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram)

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram)-ईसीजी की हेल्प से दर्द छाती, हाथ और पैर की त्वचा से नॉनवेजिव टेस्ट (noninvasive test) किया जाता है। ईसीजी के दौरान शरीर में दर्द नहीं होता है।ईसीजी में सॉफ्ट, स्टिकी पैच (इलेक्ट्रोड) जुड़े होते हैं। पैच दिल के इलेक्ट्रिक सिग्नल का पता लगाते हैं। साथ ही एक मशीन भी होती है, जिसमे ग्राफ पेपर पर रिकॉर्ड होता रहता है। सभी प्रोसेस को स्क्रीन में देखा जा सकता है।

इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)

बीपी की समस्या होने पर इकोकार्डियोग्राम किया जाता है। इसमे अल्ट्रासाउंड के माध्यम से दिल की संरचना और हार्ट के फंक्शन को देखा जाता है। अल्ट्रासाउंड तरंगों को ट्रांसड्यूसर नामक उपकरण से रिकॉर्ड किया जाता है। कंप्यूटर वीडियो मॉनीटर से मूविंग इमेज रिकॉर्ड की जाती है।

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स्ट्रेस टेस्ट

हार्ट प्रॉब्लम की वजह से भी लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। ऐसे में स्ट्रेस टेस्ट लिया जाता है। पेशेंट को ट्रेडमील में चलने के लिए बोला जाता है। साथ ही कुछ एक्सरसाइज भी करने को बोली जाती है। अगर किसी भी प्रकार की समस्या हो रही होती है तो डॉक्टर मेडिसिन देता है। जब हार्ट के लिए काम करना कठिन हो जाता है तो इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राफी की हेल्प से हार्ट को मॉनिटर किया जाता है।

तेजी से सांस छोड़ना

तेजी से सांस छोड़ने के साथ ही गहरी सांस लेने से लो बीपी की समस्या से राहत मिलती है। गहरी सांस लेकर होठों से हल्की हवा निकालने पर बहुत राहत महसूस होती है। डीप ब्रीथिंग लो बीपी में कारगर उपाय साबित हो सकता है।

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टिल्ट टेबल टेस्ट

टिल्ट टेबल टेस्ट के माध्यम से बॉडी में हो रहे चेंज को ऑब्जर्व किया जाता है। टेस्ट के दौरान टेबल में लिटाने के बाद पोजीशन में चेंज किया जाता है। शरीर की स्थिति में परिवर्तन के बाद प्रतिक्रिया में आए बदलाव को भी देखा जाता है।

लो बीपी से बचने के लिए रेगुलर डायट पर दें ध्यान

  1. लो बीपी से बचने के लिए खाने में हरी सब्जियां और ताजे फलों को शामिल करना चाहिए।
  2. खाने के साथ ही फलों को भी डायट में शामिल करें। जिन लोगों को लो बीपी की समस्या होती है, उन्हें बनना खाना चाहिए। केले में पोटेशियम उचित मात्रा में उपस्थित होता है। पोटेशियम लो बीपी को बैलेंस करने में हेल्प करता है।
  3. खाने में कैल्शियम वाले फूड को शामिल करना सही रहेगा। खाने में डेयरी प्रोडक्ट को शामिल करें। साथ ही फैट रहित दूध का सेवन करना सही रहेगा।
  4. खाने में ओट्स और दलिया और फाइबर वाले फूड का का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से लो बीपी की समस्या में आराम मिलती है।
  5. लो बीपी की समस्या से निपटने के लिए अधिक मात्रा में खाने में सॉल्ट न मिलाए। लेकिन कम नमक खाना भी ठीक नहीं रहेगा। खाने में उचित मात्रा में नमक का इस्तेमाल करें।
  6. लो बीपी की समस्या से बचने के लिए खाने में प्रोटीन की उचित मात्रा लेना सही रहेगा। खाने में दाल के साथ ही सोयाबीन, अंडा को भी शामिल करें। फल और सब्जियों के जूस का सेवन भी किया जा सकता है।
  7. लो बीपी की समस्या से बचना है तो एक साथ कभी भी न खाएं। खाने के एक से दो घंटे बाद भूख लगे तो ड्राई फ्रूट्स को खाया जा सकता है। दिनचर्या में पोषण वाले आहार को शामिल करें।

लो बीपी है तो तुरंत अपनाएं ये उपाय

बीपी की समस्या क्यों हो जाती है, इसका कोई कारण स्पष्ट नही है। अगर बीपी के लक्षण दिख रहे है तो कुछ बातों का ध्यान रख कर लो बीपी की समस्या कम हो सकती है।

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नमक की मात्रा सही रखें

लो बीपी में नमक की मात्रा को कम नहीं करना चाहिए। नमक की सही मात्रा लेने से लो बीपी की समस्या में राहत मिलती है।

अधिक मात्रा में पानी पिएं

अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेने से ब्लड वॉल्युम सही रहता है। साथ ही डिहाइड्रेशन की समस्या से भी राहत मिलती है। अधिक मात्रा में पानी पीने से लो बीपी की समस्या से भी राहत मिलती है।

कंप्रेशन स्टॉकिंग पहने

सो बीपी की समस्या होने पर कंप्रेशन स्टॉकिंग पहनने से राहत मिलेगी। पैरों में रक्त के जमाव में राहत मिलेगी।

मेडिकेशन

कई दवाओं का यूज लो बीपी के लिए किया जाता है। ड्रग फ्लुड्रोकार्टिसोन का यूज रक्त की मात्रा को बढ़ाता है और साथ ही लो ब्लड प्रेशर के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

अगर आपको भी लो बीपी की समस्या है तो फस्ट एड के तौर पर घर पर कुछ उपाय किए जा सकते हैं। खानपान में पौष्टिक आहार शामिल करके और लाइफस्टाइल में चेंज करके लो बीपी की समस्या को खत्म किया जा सकता है। अगर आपको लो बीपी के कारण अधिक समस्या हो रही है तो उचित रहेगा कि आप एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की सलाह का पालन करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Low Blood Pressure/https://www.nhlbi.nih.gov/health-topics/low-blood-pressure/Accessed on 16/07/2020

Current Version

28/09/2020

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Sanket Pevekar


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डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/09/2020

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