डेक्स्ट्रोकार्डिया (Dextrocardia) क्या है?
कुल जनसंख्या के लगभग 1 प्रतिशत से कम लोगों में यह पाया गया है कि उनका हृदय सीने में बाईं ओर की जगह दाईं ओर स्थित होता है। इसे डेक्स्ट्रोकार्डिया कहते हैं। यह एक जन्मजात स्थिति है जिसका मतलब है पीड़ित इसी असमानता के साथ पैदा हुए हैं। डेक्स्ट्रोकार्डिया (Dextrocardia) एक और स्थिति में हो सकता है जिसे साइटस इनवर्सस कहते हैं। जिसमें आपके शरीर की अंदरूनी संरचना यानी सारे अंदरूनी अंग मिरर इमेज जैसे होते हैं। यानी कि हार्ट, लिवर स्प्लीन (प्लीहा) गलत दिशा में उल्टी ओर स्थित होते हैं। इसमें ह्रदय या पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है। इसे कभी-कभी सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। तो चलिए आर्टिकल की शुरुआत करते हैं और डेक्स्ट्रोकार्डिया और डेक्स्ट्रोकार्डिया से जुड़े सवालों का जवाब जानते हैं। क्योंकि किसी भी बीमारी को समझकर उसे दूर करने में मदद मिलती है।
आइए अब जानते हैं कि ये समस्या किन कारणों से होती है।
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डेक्स्ट्रोकार्डिया किन कारणों से होता है? (Cause of Dextrocardia)
डेक्स्ट्रोकार्डिया का कारण तो अभी तक अज्ञात है। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह स्थिति भ्रूण के विकास के दौरान होती है। जिसमें दिल की संरचना में कई बदलाव हो जाते हैं। इस मामले में कई बार हार्ट के वाल्व में समस्या हो सकती है। कभी -कभी दिल गलत तरीके काम करने के लिए विकसित होता है।
फेफड़े, पेट, या सीने में दोष डेक्स्ट्रोकार्डिया (Dextrocardia) को विकसित करने का कारण बन सकते हैं। जिससे दिल दाईं ओर झुक जाता है और हार्ट रिलेटेड परेशानियां आने के साथ ही दूसरे कई बॉडी पार्ट्स में समस्याएं आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
चलिए अब जानते हैं कि इस समस्या में क्या लक्षण दिखाई देते हैं।
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डेक्स्ट्रोकार्डिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Dextrocardia)
- आइसोलेटेड डेक्स्ट्रोकार्डिया का आमतौर पर कोई लक्षण नजर नहीं आता। इसका पता तब चलता है जब किसी अन्य कारण से चेस्ट का एक्स-रे ,एमआरआई कराया जाता है और हार्ट के दाईं ओर होने का पता चलता है।
- आइसोलेटेड डेक्स्ट्रोकार्डिया (Dextrocardia) वाले कुछ लोगों में फेफड़ों में इंफेक्शन, साइनस या निमोनिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसमें फेफड़ों में सिलिया सामान्य रूप से कार्य नहीं कर पाती है। सिलिया बहुत महीन बाल हैं जो सांस के द्वारा अंदर ली जाने वाली हवा को फिल्टर करते हैं। जब सिलिया सभी वायरस और कीटाणुओं को छानने में असमर्थ होती हैं,तो आप बार-बार बीमार पड़ सकते हैं।
- डेक्स्ट्रोकार्डिया (Dextrocardia) से पीड़ित लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है, त्वचा और होंठ नीले पड़ जाते है और काफी थकान महसूस होती है। इसे ठीक करने के लिए हार्ट की सर्जरी करने की जरूरत पड़ती है।
- लिवर में इंफेक्शन हो सकता है जो पीलिया का कारण बन सकता है, जिससे स्किन और आंखों में पीलापन आ जाता है।
- इस बीमारी वाले बच्चों के दिल में छेद भी हो सकता है जिससे रक्त दिल के बाहर बहता रहता है। यह एक गंभीर समस्या है।
चलिए अब जानते हैं कि इस समस्या का इलाज किस तरह किया जाता है।
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डेक्स्ट्रोकार्डिया (Dextrocardia) का इलाज कैसे होता है?
डेक्स्ट्रोकार्डिया का इलाज (Dextrocardia treatment) बहुत जरूरी है, क्योंकि इसकी वजह से अन्य अंग ठीक से काम नहीं कर पाते। जिन्हें डेक्स्ट्रोकार्डिया है उन्हें औसत व्यक्ति से ज्यादा इंफेक्शन होता है जिसे दवाइयों की मदद से कम किया जा सकता है। सांस संबंधी परेशानी में लंबे समय तक एंटीबॉयोटिक खानी पड़ती है।
इस समस्या में पाचन तंत्र भी ठीक ढंग से काम नहीं करता जिससे आंतें बुरी तरह से प्रभावित होती हैं और स्थिति गंभीर हो जाती है। जिसमें सर्जरी करने की जरूरत पड़ती है। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे की दिल की स्थिति में परिवर्तन का क्या कारण है और इसके परिणाम कितने गंभीर हो सकते है। यदि बताए गए लक्षण खुद में नजर आते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करने में देरी न करें।
इस समस्या के बारे में कई सवाल ऐसे हैं, जो अक्सर ही लोग पूछते हैं। ये सवाल अक्सर इंटरनेट पर लोगों द्वारा पूछे जाते हैं। जानिए क्या हैं वो सवाल और साथ ही जानिए उनके जवाब।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आपको कैसे पता चलेगा कि आपको डेक्सट्रोकार्डिया (Dextrocardia) है?
जैसा कि हमने ऊपर बताया, आमतौर पर इसके कुछ खास लक्षण सामने नहीं आते हैं। इसका पता तभी चलता है, जब डॉक्टर चेस्ट का एक्स-से, एमआरआई आदि जैसी जांच करते हैं। इन्हीं जांच से पता चलता है कि आपको डेस्ट्रोकार्डिया है या नहीं है।
क्या डेक्सट्रोकार्डिया (Dextrocardia) के साथ जीवित रह सकते हैं?
आइसोलेटेड डेक्सट्रोकार्डिया (Dextrocardia) के साथ व्यक्ति सामान्य तरीके से जीवन जी सकता है। अगर आपको बीमार पड़ने का जोखिम ज्यादा है, तो डॉक्टर इंफेक्शन से बचाने के लिए कुछ उपचार कर सकते हैं। हालांकि, अगर ये समस्या ज्यादा जटिल है, तो इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है?
इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। जैसा कि हमने ऊपर भी बताया कि डेक्स्ट्रोकार्डिया (Dextrocardia) से पीड़ित लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है। इसके अलावा इस समस्या के जटिल होने पर त्वचा और होंठ नीले पड़ जाते हैं और काफी थकान महसूस होती है। इसे ठीक करने के लिए हार्ट की सर्जरी करने की जरूरत पड़ती है। यही नहीं इस समस्या से लिवर में इंफेक्शन (Liver infection) हो सकता है जो पीलिया का कारण बन सकता है, जिससे स्किन (Skin) और आंखों (Eye) में पीलापन आ जाता है।
उम्मीद है इस आर्टिकल में आपको पता चल गया होगा कि विपरीत दिशा में दिल होने की स्थिति को क्या कहा जाता है। इसमें आपको हमने बताया कि कैसे ये अवस्था आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। साथ ही ये भी जाना कि इस अवस्था में किस तरह से इलाज किया जाता है और स्थिति गंभीर होने पर क्या किया जाता है। तो अगर आपके किसी परिचित को इस तरह की कोई समस्या है, तो उसके साथ इस आर्टिकल में दी गई जानकारियों को जरूर शेयर करें, ताकि वो भी इस बारे में पूरी जानकारी रख सकें।
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आशा करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको इस समस्या से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब चाहिए, तो हमसे हमारे फेसबुक पेज पर जरूर पूछें। हम आपके सभी सवालों के जवाब डॉक्टर की राय लेकर देने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करना न भूलें।
डेक्सट्रोकार्डिया (Dextrocardia) के समस्या होने पर घबराएं नहीं सिर्फ जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन एवं बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज करते हैं जिससे मरीज को जल्द लाभ मिलता है।
स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी डायट (Healthy diet) फॉलो करना बेहद जरूरी है। इसलिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर जानिए हेल्दी रहने के लिए कब और क्या खाना जरूरी है।
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