ज्यादातर खाए जाने फल जैसे अंगूर, स्ट्रॉबेरी या लीची की चर्चा हम कर ही लेते हैं। लेकिन, आज कुछ ऐसे फलों की चर्चा होगी जो दुनिया में या तो सबसे छोटा फल हैं या सबसे बड़ा फल। सबसे पहले बात करेंगे दुनिया का सबसे छोटा फल आखिर कौन सा है। सबसे छोटा फल है यूट्रीकल (Utricle)। अमेरिका में होने वाले फल यूट्रीकल को वुल्फिया ग्लोबोसा (Wolffia Globosa) और एशियन वॉटरमिनल (Asian watermeal) के नाम से भी जाना जाता है।
कैसा है दुनिया का सबसे छोटा फल का आकार
दुनिया का सबसे छोटा फल “यूट्रीकल’- हरे रंग का पौधा और फल दोनों ही होता है। इसमें जड़, तना, पत्ते नहीं होते हैं और यह आपको पानी पर तैरता नजर आ सकता है। विश्व के इस सबसे छोटा फल का साइज 0.7 से 1.5 मिलीमीटर होता है। सबसे छोटा फल यूट्रिकल में मौजूद प्रोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्रचुर मात्रा सबसे छोटा फल की गुणवत्ता को और ज्यादा बढ़ा देते हैं।
और पढ़ें: इन 7 फलों को करे फ्रूट डाइट में शामिल
ऐसा होता है स्वाद
एक्सपर्ट्स के अनुसार वोल्फिया ग्लोबोसा एक प्रभावशाली पौधा है, भले ही यह हथेली में एक छोटे से धब्बे जैसा ही क्यों न दिखता हो। मुख्य रूप से यह अलैंगिक (asexually) रूप से प्रजनन करता है। इसके छोटे आकर की वजह से इसे सार्वजनिक तौर से मिलने वाले फलों की तरह देखना आसान नहीं होता है। दक्षिणपूर्व एशिया में पहले से यूट्रीकल की खेती की जाती रही है और इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होने की वजह से इसे आहार में भी शामिल किया जाता है और इसका स्वाद पानी में होने वाली फ्ला जलकुंभी जैसा होता है।
पयार्वरण के लिए भी लाभदायी
एक संभावित ऊर्जा स्रोत के रूप में इस शक्तिशाली माइक्रोप्लांट पर अभी भी शोध जारी है। जैव ईंधन के रूप में यह कार्बन तटस्थ (Carbon Neutral) होता है, क्योंकि यह वायुमंडल से कार्बन डायऑक्साइड को कम करता है। इसके अलावा इसका उपयोग पानी को साफ करने के लिए किया जा सकता है, जो फास्फोरस और नाइट्रोजन के स्तर को संतुलित करता है। यह पर्यावरण से आर्सेनिक और कैडमियम दोनों को कम करने में सहायक होता है। यही नहीं वल्फिया को लंबे समय तक अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक संभावित खाद्य स्रोत के रूप में भी जांचा गया है।
और पढ़ें: बच्चों के लिए 10 सुपरफूड, जो उनके अच्छे विकास के लिए जरूरी है
[mc4wp_form id=’183492″]
अब जानें दुनिया के सबसे बड़े फल के बारे में
अक्सर लोग कद्दू को सब्जी समझकर खाते होंगे, पर आपको जानकर हैरानी होगी कि यह एक फल है। कद्दू दुनिया में सबसे भारी और पृथ्वी का सबसे बड़ा फल माना जाता है। साल 2014 में हुए एक कद्दू का 1056 किलो था और तब से ही इसे विश्व का सबसे बड़ा और भारी फल माना जाने लगा।
वहीं, विश्व रिकॉर्ड बना चुके दुनियां के इस सबसे बड़े फल पर वैज्ञानिकों का मत है कि, उन्हें यकीन है कि आने वाले समय में यह रिकॉर्ड टूट सकता है। ऐसे में वे अपने नए शोध जारी रखेंगे।
दुनिया के सबसे बड़े फल पर रिसर्च करने वाले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक और डॉक्टर जेसिका सैवेज ने बीबीसी को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि, कारे जेनसेन नाम की उनकी एक सहयोगी ने साल 2012 में उन्हें बताया था कि मैसाचुसेट्स के टॉप्सफील्ड में 913 किलो वजन के कद्दू का नया विश्व रिकॉर्ड बना है। इसके आकार और वजन को देखकर हर किसी में यह जानने की दिलचस्पी हुई कि, आखिर इस कद्दू का वजन इतना भारी कैसे हो सकता है। इसे कैसे उगाया गया होगा।
जिस पर अपने रिसर्च के दौरान हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया कि, विश्व रिकॉर्ड के लिए उगाया गया यह कद्दू मूल रूप से हबर्ड स्क्वैश से उत्पादित किया गया था। इस प्रजाति के कद्दू के फलों का आकार बढ़ता रहता है। इससे पहले साल 1904 से साल 1976 तक विश्व का सबसे बड़ा फल होने का रिकॉर्ड कद्दू की विशालकाय किस्म अटलांटिक कद्दुओं की किस्मों को प्राप्त था।
और पढ़ेंः गर्मियों में तेजी से बढ़ते हैं नाखून (Nails), जानें इस तरह के कई फन फैक्ट्स
विशालकाय कद्दू के इस किस्म की खासियत क्या है?
विश्व का सबसे बड़ा होने का रिकॉर्ड बनाने वाले इस कद्दू के किस्म की खासियत इसमें पानी की मात्रा बताई जा रही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कद्दू के इस किस्म में 98 प्रतिशत पानी होता है। हालांकि, इनमें शुगर और स्टार्च की मात्रा बहुत ही कम होती है। जिसकी वजह से इसका कोई स्वाद नहीं होता है। एक तरह से यह कद्दू की किस्म स्वादहीन होती है। जिसके कारण बहुत ही कम मात्रा में कद्दू की इस किस्म का सेवन खाने या अन्य पकवान के रूप में लोग करना पसंद करते हैं।
इस पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों की मानें तो, उनका कहना है कि लोग इस विशालकाय कद्दू के किस्म को खाने की जगह, अक्सर इसका उपयोग घर में सजावट या नई चीजों के लिए किया करते है, जैसे- रेसिंग के लिए नाव बनाना आदि।
और पढ़ेंः घर पर सब्जी उगाना चाहते हैं? जानें ऑर्गेनिक फॉर्मिंग की आसान प्रॉसेस
98 फीसदी पानी की मात्रा होने का कारण
दरअसल, इस तरह के विशाल किस्मों के फलों को विकसित करने के लिए उन्हें खूब खाद और पानी भी दिया जाता है। जो खेत के लिए तो नुकसानदायक होता ही है, साथ ही यह सेहत के लिए भी घाटे का सौदा भी बन सकता है। एक तरह से विश्व का सबसे फल सिर्फ सजावट के लिए ही जाना जा सकता है।
दुनिया के सबसे बड़े फल कद्दू में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर के लिए कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं। इसके नियमित सेवन से निम्नलिखित फायदे होते हैं, जिनमें शामिल है:
- वजन कम करने में सहायक है।
- कद्दू में मौजूद विटामिन-ए दिमाग को तेज बनाने में मददगार होता है।
- विटामिन-सी की मौजूदगी आपके इम्यूनिटी पॉवर को स्ट्रांग बनाती है।
- आपकी स्किन में नई चमक आ जाती है।
- ये तो हुई दुनिया के सबसे बड़े और छोटे फल की बात और उनमें मौजूद विटामिन जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। वैसे अगर ये दोनों ही फल आपके पहुंच से दूर हैं तो आप नियमित रूप से दूसरे फलों का सेवन कर शरीर को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
अगर आप भी अपने नाम ऐसा ही कोई विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं, तो आपको अलग-अलग किस्म के हाईब्रिड फलों और सब्जियों के बारे में जानकारी इक्ठ्ठा करनी चाहिए। या अगर आपकी नजर में ऐसा कोई अनोखा फल या सब्जी है, तो हमारे साथ इसकी जानकारी साझा जरूर करें।
अगर आप सेहत से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
[embed-health-tool-bmr]