श्रेया (बदला हुआ नाम) आठ साल की थी। वह अक्सर गुमसुम रहती थी। किसी भी दोस्त के साथ न वो खेलती ना ही बात करती। हर दिन के साथ उसका व्यवहार चिड़चिड़ा होता जा रही था। श्रेया का ऐसा व्यवहार देखकर उसकी मां की चिंता बढ़ती जा रही थी। ये डिप्रेशन के संकेत लग रहे थे। ऐसे में मां उसे बच्चों के डॉक्टर (पीडियाट्रिशन) के पास ले गई। जांच में डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे कि मम्मी-पापा के तलाक की वजह से श्रेया को डिप्रेशन (Depression) हो गया था। डिप्रेशन से बचाव के लिए उसे कांउसलिंग और दवाएं दी गईं, जिसके बाद श्रेया ठीक हो गई।
श्रेया की तरह हजारों ऐसे मामले हैं जिनमें अगर समय रहते डिप्रेशन के संकेत को जल्द से जल्द पहचान लिया जाए, तो डिप्रेशन से बचाव आसान हो जाता है। “हैलो स्वास्थ्य” के इस आर्टिकल में जानते हैं कि कैसे पता लगाया जाए कि आपका कोई करीबी डिप्रेशन से गुजर रहा है।
डिप्रेशन (Depression) क्या है?
डिप्रेशन एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें व्यक्ति दिमागी रूप से थका, उदास, संवेदनहीन और उत्साह की कमी महसूस करता है। यूं तो इसके कई लक्षण होते हैं पर उदासी का भाव सबसे ज्यादा हावी होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में अवसादग्रस्त लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। भारत की कुल जनसंख्या में 6.5 प्रतिशत लोग डिप्रेशन का शिकार हैं। डब्लूएचओ की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि साल 2020 तक ये संख्या बढ़कर 20 प्रतिशत तक हो सकती है।
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डिप्रेशन के संकेत: क्या उदास रहना है डिप्रेशन?
सिर्फ उदास महसूस करना डिप्रेशन नहीं कहलाता है। यह दिमाग को नियंत्रित करने के तरीके को प्रभावित करने वाली एक मेडिकल कंडीशन है। डिप्रेशन से ग्रस्त कोई व्यक्ति केवल पलक झपकते ही इस स्तिथि से बाहर नहीं निकल सकता है। यह एक ऐसे स्तिथि है जो व्यक्ति की सोच, फीलिंग्स और कार्य को प्रभावित करती है। ऐसे में इंसान केवल नकारात्मक दृष्टि से ही दुनिया को देखता है।
डिप्रेशन के संकेत: डिप्रेशन एपिसोड
अक्सर डिप्रेशन कई महीनों तक रहता है या फिर कभी-कभी जल्द ही ठीक भी हो जाता है। इसे डिप्रेशन एपिसोड कहा जाता है। ज्यादातर लोग जो डिप्रेशन के दौर से गुजरते हैं, उन्हें उस दौरान कई परिस्थितियों का अनुभव करना पड़ सकता है। डिप्रेशन को अक्सर मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर कहा जाता है। आमतौर पर एक नकारात्मक घटना (जैसे किसी प्रियजन की हानि, या गंभीर और लंबे समय तक तनाव) डिप्रेशन का कारण बन सकती है। जीवन के सामान्य तनाव के कारण डिप्रेशन नहीं होता है।
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डिप्रेशन के संकेत क्या हैं और इसे कैसे समझें?
जिस शख्स को डिप्रेशन होता है, वह अक्सर इसे पहचान नहीं पाता है। अगर पहचान भी लेता है तो स्वीकार नहीं कर पाता है। ऐसे में मरीज के करीबियों की जिम्मेदारी है कि वे डिप्रेशन के लक्षण देखकर बीमारी को पहचानकर जल्द से जल्द उसे ट्रीटमेंट दें-
डिप्रेशन के संकेत: व्यवहारिक (Behavior) क्या हैं?
- खूब सोना या बिल्कुल न सोना
- किसी से मिलने से बचना
- निगेटिव बातें करना
- खुशी के मौकों पर भी दुखी रहना
- चिढ़कर या झल्लाकर जवाब देना
- लोगों से अलग-थलग रहना
डिप्रेशन के संकेत: सायकोलॉजिकल (Psychological) क्या हैं?
- उदास रहना
- खुद को कोसते रहना
- निराशाजनक होना
- चिड़चिड़ापन
- आत्मविश्वास में कमी
- दुविधा में पड़े रहना
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डिप्रेशन के संकेत: फिजिकल (Physical) क्या हैं?
- लगातार ज्यादा थकान रहना
- वजन अचानक बढ़ जाना या तेजी से कम हो जाना
- सिरदर्द और बदन दर्द की शिकायत करना
- मांसपेशियों में दर्द
- नींद की समस्या
- खाने की इच्छा न होना या बहुत ज्यादा खाना
डिप्रेशन का क्या कारण है और किसको है सबसे ज्यादा खतरा ?
यदि आम भाषा में कहें तो डिप्रेशन, दिमाग के सर्किटों में डिसरेग्युलेशन का परिणाम है, जो भावनाओं को नियंत्रित करता है। आज की तारीख में परिवारों में डिप्रेशन आम बात हो गई है इसलिए, अवसाद से ग्रसित परिवार के लोगों (जैसे, माता-पिता, दोस्त या बच्चे) में डिप्रेशन के विकास की संभावना अधिक होती है। वहीं कुछ लोग तनाव (जैसे, संबंध टूटना, नौकरी छूटना) या किसी प्रिय व्यक्ति की मृत्यु या उपेक्षा का पूरा न हो पाना आदि के बाद डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
रिसर्च में पाया गया है कि तनावों का प्रभाव आपके आनुवंशिकी पर निर्भर हो सकता है, क्योंकि कुछ लोगों के आनुवांशिकी उन्हें दूसरों की तुलना में तनाव के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं। कुछ चिकित्सा स्थितियां और दवाएं भी हैं जो कभी-कभी डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं।
डिप्रेशन और आत्महत्या का खतरा
व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक निराशा होने की वजह से वह आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है। यदि कोई करीबी आपसे सुसाइड की बातें करे, गुमसुम रहे, हमेशा चिढ़कर जवाब दे तो ये कुछ डिप्रेशन के संकेत हो सकते हैं। नीचे बताई गई इन बातों को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द अवसाद का उपचार ढूंढें-
- आत्महत्या या खुद को हानि पहुंचाने की बात करना
- निराशा की प्रबल भावनाओं को व्यक्त करना
- लापरवाही से कार्य करना, जैसे उनको मृत्यु की इच्छा हो
- लोगों के पास जा के या उन्हें बुला के अलविदा कहना
- “मेरे बिना हर कोई बेहतर होगा” या “मुझे जाना है” जैसी बातें कहना
- अचानक से बेहद उदास होने के बाद शांत और खुश हो जाना (अचानक व्यवहार का बदलना)
यदि आपके दिमाग में आत्महत्या का विचार आए तो इस बारे में किसी से बात नहीं करेंगे तो खुद ही उसमें उलझते जाएंगे। खुदखुशी के बारे में आ रहे विचारों पर अपने किसी करीबी से खुल कर बात करें। ऐसा करने से आप थोड़ हल्का महसूस करेंगे। आप पूरी तरह तो इन चीजों से बाहर नहीं आ पाएंगे लेकिन कुछ हद तक आपको इन विचारों से मुक्ति मिलेगी। आपको अपने आस-पास किसी में डिप्रेशन के संकेत नजर आते हैं तो आप उन्हें काउंसलिंग के लिए लेकर जा सकते हैं। इससे उनकी स्थिति को समय रहते कंट्रोल करने में मदद होगी।
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यदि आपको लगता है कि आपका कोई दोस्त या परिवार का सदस्य आत्महत्या पर विचार कर रहा है, तो उसकी तुरंत मदद करें। इन बातों को नजरअंदाज न करें। ये आत्मघाती विचार और भावनाएं डिप्रेशन के संकेत हो सकते हैं। उन्हें सॉइकॉलजिस्ट के पास लेकर जाएं। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस लेख में डिप्रेशन के संकेत के बारे में बताया गया है। यदि आप डिप्रेशन के संकेत से जुड़ी अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं।