भगन्दर रोग (Anal Fistula) मेंं रोगी के गुदा द्वार मेंं एक फोड़ा या घाव होता है, जो गुदा के अंदर और बाहर एक नली का रूप ले लेता है और घाव बना देता है। भगन्दर एक असामान्य मेडिकल समस्या है, जिसमेंं शरीर के दो या दो से अधिक टिश्यू जुड़े होते हैं। यह रोग होने पर तुरंत मेडिकल सहायता की जरूरत होती है। इस रोग मेंं पीड़ित व्यक्ति को बहुत दर्द होता है। लेकिन, अगर समस्या ज्यादा गंभीर नहीं है, तो इसका निदान जल्दी हो सकता है। इस रोग मे सही डाइट भी बेहद महत्वपूर्ण है। रोग की स्थिति में ऐसा आहार ग्रहण करें, जिसमें नुट्रिएंट शामिल हों। उससे भी भगन्दर रोग में राहत मिलती है। इस रोग मेंं कौन-सी चीज की कितनी मात्रा लेनी है, किस समय पर लेनी है आदि चीजें इस रोग के स्तर या रोगी के मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करती हैं। जानिए भगंदर में क्या खाना चाहिए।
भगंदर में क्या खाना चाहिए और क्या हैं इसके (Anal Fistula) के लक्षण
भगन्दर डाइट प्लान के बारे मेंं जानने से पहले आपको इसके कारण और लक्षणों के बारे मेंं भी पता होना चाहिए , पहले जानते हैं इसके लक्षणों के बारे मेंं :
- बार-बार गुदा मेंं फोड़ा होना
- गुदा के आसपास दर्द और सूजन
- गुदा के चारों तरफ से खून या दुर्गंधयुक्त मवाद निकलना। इनके निकलने के बाद दर्द कम हो सकता है।
- मवाद या खून निकलने के बाद गुदा की त्वचा के आसपास परेशानी होना।
- मल त्याग मेंं समस्या
- ब्लीडिंग
- बुखार, ठंड लगना और थकावट होना
अगर आपको इनमेंं से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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भगंदर में क्या खाना चाहिए और इसके कारण
भगंदर में क्या खाना चाहिए ये जानने से पहले इसके कारणों के बारे मेंं जानने से पहले भगन्दर के कारणों के बारे मे भी जानना भी जरूरी है। भगन्दर के प्रमुख कारणों मेंं से एक है गुदा ग्रंथियों और गुदा मेंं फोड़े। स्थितियां जो गुदा भगन्दर का कारण बन सकती हैं, उनमेंं से कुछ इस प्रकार हैं:
- क्रोहन’स डिजीज
- रेडिएशन (कैंसर का उपचार)
- ट्रामा
- कब्ज
- सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज
- ट्यूबरक्लोसिस
- डिवैर्टिकुलिटिस
- कैंसर
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भगंदर में क्या खाना चाहिए : डायट
भगन्दर रोग में आपको फाइबर युक्त आहार खाना चाहिए ताकि कब्ज की समस्या न हो। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों की लिस्ट इस प्रकार हैं:
- अनाज: गेहूं, जौ, जई,ब्राउन राइस यानि ओट्स मेंं फाइबर भरपूर मात्रा मेंं होता है। भगन्दर की स्थिति मेंं आप इनका सेवन कर सकते हैं।
- दाल: अरहर, मूँग दाल, मसूर राजमाह मेंं भी फाइबर होता है।
- फल – फल जैसे सेब, तरबूज, अनार, केला आदि फलों का सेवन भी किया जा सकता है।
- हरी सब्जियां- जैसे ब्रोकली, कद्दू , ग्वार फली, लौकी, परवल, करेला, चौलाई, बथुए, आवला, खीरा ,मेंथी, साग भी इस रोग मे खाना अच्छा है
- मेंवे – बादाम , काजू ,मूंगफली, पिस्ता, अखरोट मेंं भी कुछ मात्रा मेंं फाइबर होता है। किशमिश फाइबर से भरपूर होती है। मुट्ठी भर किशमिश रात भर पानी मेंं भिगोकर रख दें और सुबह इसे खाली पेट खाएं। यह कब्ज से लड़ने का अच्छा तरीका है।
- भगन्दर की स्थिति मेंं हल्का भोजन ही करें।
- पानी , लस्सी, ताज़ा जूस आदि तरल पदार्थो को अधिक पीएं। इनसे कब्ज नहीं होगी और आपको इस रोग की समस्याओं से राहत मिलेगी।
- विटामिन C युक्त चीजें: विटामिन C से इम्युनिटी बढ़ाती है और यह शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने की शक्ति मिलती है। यह खट्टे फलों जैसे निम्बू और टमाटर आदि मेंं पायी जाती है।
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क्या ना खाएं :
- अनाज– मैदा और चावल का सेवन कम करें।
- फल और सब्जियां – आलू, बैंगन, शिमला मिर्च, अरबी, आदि न खाएं।
- दालें – काले चने, सफेद चने, सोयाबीन, उड़द की दाल आदि न खाएं।
- अल्कोहॉल ओर कोल्ड ड्रिंक आदि भी न पीएं।
- भगन्दर रोग मे राहत पाने के लिए अधिक नमक, मिर्च मसाले या जंक फूड भी न खाएं।
- इस रोग मे अचार, चटनी या अधिक घी व तेल युक्त चीजें खाने से बचे।
- दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ : डेयरी उत्पादों मेंं लैक्टोज और वसा की अच्छी मात्रा होती है। लैक्टोज और वसा दोनों ही कब्ज मेंं बहुत हानिकारक होते हैं और इसे और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं। इसीलिए, कब्ज के दौरान दूध और दूध से बनी चीज़ों को खाने से बचना चाहिए।
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भगन्दर(Anal Fistula)डाइट प्लान में इन बातों का रखें ध्यान
अब जानते हैं कि भगन्दर के रोगी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। यानी, पूरा भगन्दर डाइट प्लान जिसमें आपकी डाइट ऐसी होनी चाहिए। लेकिन कुछ बातों का ध्यान दें:
- आप सामान्य आहार कर सकते हैं। अगर आपका पेट खराब है तो कम वसा वाले आहार जैसे सादा चावल, टोस्ट या दही आदि का सेवन करें।
- जितना हो सके उतना अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें।
- उच्च फाइबर वाली चीजें जैसे फल, सब्जियां, बीन्स या साबुत अनाज को रोजाना अपने आहार मेंं शामिल करें।
- अगर आपकी सर्जरी हुई है और आपको मल त्याग मेंं समस्या आ रही है तो यह सामान्य है। इस समस्या से बचने के लिए ध्यान रखें कि आपको कब्ज न हो। नियमित रूप से फाइबर सप्लीमेंंट लें। ऐसा करने पर भी अगर आपका पेट ठीक न हो तो डॉक्टर से पूछें और उनसे सलाह लें।
भगन्दर डाइट प्लान कैसा होना चाहिए?
भगन्दर डाइट प्लान इस प्रकार होना चाहिए:
- सुबह उठकर एक या दो गिलास गुनगुना पानी पीएं।
- नाश्ता (8 :30 AM) : नाश्ते मे दलिया, कॉर्नफ्लैक्स को दूध के साथ / स्प्राउटस / 2 रोटी और सब्जी + सलाद लेना चाहिए।
- दिन का भोजन (12:30-01:30 PM) : दिन के भोजन में 2 रोटी + उबली हुई सब्जी + दाल + लस्सी और सलाद लिया जा सकता है।
- शाम का नाश्ता (3:30 PM) : शाम के नाश्ते में सूप/ मेवा/ कटे हुए फल खाएं।
- रात का भोजन (7: 00 – 8:00 PM) : 2 रोटी +सब्जी और दाल।
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भगन्दर(Anal Fistula) के लिए अन्य उपाय
- भगन्दर डाइट प्लान के साथ-साथ इसके उपचार के लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान भी रखना चाहिए जैसे:
- दिन मेंं तीन से चार बार गर्म पानी से प्रभावित स्थान पर सेक दें।
- गुदा क्षेत्र मेंं आप पैड भी पहन सकते हैं।
- अपनी सामान्य गतिविधियां तभी शुरू करें जब डॉक्टर आपको सलाह दे।
- अगर हो सके तो स्टूल सॉफ्टनर और विरेचक (Laxative) का प्रयोग करें।
- हल्का फुल्का या डॉक्टर की सलाह के अनुसार व्यायाम करें।
- बवासीर मेंं प्रयोग होने वाली दवाईयां जैसे (hemorrhoid suppositories) का प्रयोग करने से बचे। यह दवाईयां दर्दनाक होती है। इस घाव को बदतर बना सकती हैं।
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