आंकड़ों पर नजर डालें, तो विश्व भर में ओरल कैंसर का एक तिहाई हिस्सा भारत में है, जिसमें 72,000 के करीब लोग इससे जान गवां बैठते हैं। किसी भी फिल्म देखने से पहले आपको मुंह के कैंसर और तंबाकू उत्पाद के बारे में चेतावनी दी जाती है लेकिन, कुछ ही लोग है, जो उस विज्ञापन से सबक लेते हैं। आज हम इस मसले पर अपने लेख में बात करेंगे और मुंह के कैंसर से बचने के लिए कुछ जरूरी टिप्स आपसे सांझा करेगें।
ओरल कैंसर फ्रॉम प्रिवेशन टू इंटरवेशन किताब के लेखक पीटर थॉमसन के अनुसार, “21 वीं सदी में, मौखिक कैंसर (Oral cancer) एक घातक और विकृत बीमारी है, जो विशेष रूप से युवा रोगियों में महामारी के रूप में बढ़ती जा रही है। पूरे विश्व में ओरल कैंसर के हर साल तीन लाख से अधिक नए मामले सामने आते हैं। निदान और प्रबंधन में प्रगति के बावजूद, सभी रोगियों में से कई लोगों की मृत्यु पांच साल के भीतर हो जाती है। सामान्य मुंह का कैंसर घातक रोग है, जो अक्सर तंबाकू और एल्कोहॉल के अति प्रयोग से उत्पन्न होता हैं।”
मुंह के कैंसर के लक्षण (Symptoms Oral Cancer)
मुंह के कैंसर के ज्यादातर लक्षण नजर नहीं आते हैं। इसलिए यदि आप धूम्रपान करते हैं या ज्यादा शराब पीते हैं तो डेंटिस्ट से नियमित जांच करानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि तंबाकू और शराब मुंह के कैंसर के कारण बनते हैं। डेंटिस्ट प्रारंभिक चरण में कैंसर के किसी भी संकेत का पता लगा सकता है। निम्नलिखित संकेतों को कभी भी नजरअंदाज न करें:
ल्यूकोप्लाकिया (leukoplakia): इस स्थिति में मुंह में सफेद पैच दिखाई देते हैं। ये पैच साफ करने या रगड़ने पर दूर नहीं होते हैं।
कई लोगो के मुंह में घाव हो जाते हैं। लेकिन इसका मतलब कैंसर ही हो ऐसा बिल्कुल नहीं है। यदि आपको मुंह में किसी भी तरह का बदलाव नजर आए तो आपको अपने डॉक्टर से बात नहीं करनी चाहिए। इससे समय रहते कैंसर का पता लगाकर इलाज किया जा सकता है।
नीचे बताए गए लक्षणों के नजर आने पर तत्काल डॉक्टर से मिलें:
- मुंह में खून बहना
- मुंह में दर्द या सुन्नपन महसूस होना
- मुंह में गांठ का अहसास होना
- मसूड़ों का गाढ़ा होना
- मुंह का ढीला होना
- दांतो का कमजोर होना
- दांतों का ढीला पड़ना
- जबडों में सूजन
- गले में खराश या ऐसा महसूस होना कि गले में कुछ फंस गया है
- आवाज में बदलाव, चबाने या निगलने में कठिनाई
- जीभ या जबड़े को हिलाने में परेशानी
बहरहाल, नीचे हम आपको मुंह के कैंसर से बचाव करने के कुछ तरीके बता रहे हैं। जानिए इस बारे में :
मुंह के कैंसर (Oral Cancer) से बचने के लिए क्या करें?
तंबाकू का सेवन कम या बंद करे
जितनी अधिक बार आपने तंबाकू का उपयोग किया है, उतना अधिक आपको मुंह और गले के कैंसर का खतरा होता है। धूम्र और धूम्ररहित तंबाकू दोनों ही हमेशा कैंसर को पैदा करने में प्रत्यक्ष भूमिका निभाते हैं। चबाने, धुआं रहित और सूंघने वाले टोबैकोस, जो सीधे मुंह में रखे जाते हैं, मुंह में ल्यूकोप्लाकिया नामक ग्रे-सफेद अल्सर बना सकते हैं, जो कैंसर बन सकता है। धुएं रहित तंबाकू में शरीर में कैंसर के प्रति रक्षात्मक जीन को नुकसान पहुंचाने वाले रसायन होते हैं। इसलिए ओरल कैंसर से बचाव करने के लिए तंबाकू का सेवन न करें। ओरल केयर करने का पहला स्टेप है आप इन चीजों से दूर रहें।
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शराब पीना भी है हानिकारक
धूम्रपान के साथ, आप जितनी देर शराब का सेवन करेंगे और जितनी मात्रा में पिएंगे, आपका जोखिम उतना ही बढ़ता जाएगा। ऐसा इसलिए है, क्योंकि शराब आपके शरीर की कैंसर से बचाव की प्रतिक्रिया की क्षमता को कमजोर करने लगती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार, शराब मौखिक गुहा के कैंसर के जोखिम को दो से तीन गुना बढ़ाते हैं।
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अपने डेंटिस्ट को नियमित रूप से दिखाए
आमतौर पर डॉक्टर रुटीन डेंटल एग्जाम के दौरान बहुत जल्दी कैंसर को पकड़ लेते हैं। वे फिर आपको एक कान, नाक और गले के विशेषज्ञ एक सिर और गर्दन के सर्जन को रेफर कर सकते हैं। निदान की पुष्टि कर डॉक्टर की मदद से तुरंत उपचार शुरू कर सकते हैं। यह एक अच्छा मौका है कि हम मुंह का कैंसर खत्म कर सकते हैं। हर छह महीने में डेंटिस्ट के पास जाने के अलावा, दिन में दो बार ब्रश और फ्लॉस जरूर करें।
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एचपीवी का टीका लगवाएं
ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी), विशेष रूप से एचपीवी 16, ऑरोफरीन्जील कैंसर से जुड़ा हुआ है।” आमतौर पर, एचपीवी से संबंधित कैंसर पुरुषों में उनके 40 के दशक के अंत या 50 के दशक की शुरुआत में पाए जाते हैं। जैसे कि उनकी गर्दन में सूजन। एचपीवी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप यौन सक्रिय होने से पहले टीका लगवा लें। टीके उपलब्ध हैं, जो एचपीवी के दो उपभेदों से रक्षा करते हैं। इससे ओरल कैंसर के मामले कम होने की संभावना बढ़ती है।
यदि आपको गंभीर सनबर्न का खतरा है, तो अपने होंठों की अतिरिक्त देखभाल करें। जिस तरह त्वचा आसानी से जल सकती है, उसी तरह होंठ भी धूप के प्रति संवेदनशील होते हैं। होंठ का कैंसर (Lip cancer) सीधे सूर्य के प्रकाश के पराबैंगनी (ultraviolet) विकिरण से संबंधित होता है। जो लोग बाहर काम करते हैं और लंबे समय तक सूरज के संपर्क में रहते हैं, उनमें होंठ का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में सुबह 10 बजे और दोपहर 2 बजे के दौरान सूर्य के संपर्क में आने से बचे । जब आप बाहर हो हमेशा एसपीएफ के साथ एक सुरक्षात्मक लिप बाम लगाएं। खाने पीने के बाद भी सनस्क्रीन दोबारा लगाएं। इसके अलावा, ऐसी टोपी पहनें जो आपके चेहरे को धूप से बचाएं।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में मुंह के कैंसर से जुड़ी हर जरूरी जानकारी दी गई है। यदि आपके इसके बारे में अन्य कुछ जानना चाहते हैं तो आप अपना सवाल कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।