पुरुषों की सेक्स ड्राइव को लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं। जैसे कहा जाता है कि पुरुष तो सेक्स के लिए हर समय तैयार रहते हैं। कई किताबों, टेलिविजन शो और फिल्मों में भी पुरुषों की छवि ऐसी ही दिखाई जाती है और महिलाओं में सेक्स सिर्फ रोमांस से जुड़ा दिखाया जाता है। लेकिन क्या आप इसे सच मानते हैं? क्या आपको लगता है समाज में मेल सेक्स ड्राइव को लेकर जो बात कही जाती है वो सच है? इसे लेकर पुरुषों की महिला से कैसे तुलना की जाती है। आइए जानते हैं मेल सेक्स ड्राइव से जुड़े कुछ मिथ के बारे में…
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पुरुष हर समय सेक्स के बारे में सोचते हैं
हाल ही में ओहिओ स्टेट यूनिवर्सिटी में एक अध्ययन किया गया। इसमें 200 से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया, जिसमें सबसे पुरुषों को लेकर सबसे बड़ा मिथक के बारे में चर्चा की गई। उनसे पूछा गया कि क्या पुरुष हर सात सेकेंड में सेक्स के बारे में सोचते हैं? इस शोध में हिस्सा लेने वाले युवकों ने बताया कि वे दिन में औसतन 19 बार सेक्स का विचार करते हैं। वहीं शोध में शामिल महिलाओं ने बताया कि प्रति दिन वे सेक्स के बारे में औसतन 10 बार सोचती हैं। तो क्या इसका मतलब यह है कि महिलाओं की तुलना मे पुरुष सेक्स के बारे में दो गुना बार सोचते हैं? आपको बता दें, इस अध्ययन में यह भी सामने आया कि पुरुष भोजन के बारे में भी महिलाओं की तुलना में अधिक बार सोचते हैं।
महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक बार हस्तमैथुन (masturbate) करते हैं
2009 में चीन के ग्वांगझू में 600 लोगों पर की गई एक स्टडी में 48.8 प्रतिशत महिलाएं और 68.7 पुरुषों ने बताया कि वे मास्टरबेट करते हैं। सर्वेक्षण के परिणामों में यह भी बताया गया कि इसमें बहुत सारे लोग ऐसे थे जिनका हस्तमैथुन के प्रति नकारात्मक रवैया था। इनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थी।
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पुरुषों की उम्र बढ़ने के साथ सेक्स ड्राइव कम हो जाती है
पुरुषों में उम्र के अनुसार सेक्स ड्राइव (कामेच्छा) में धीरे-धीरे कमी आना नॉर्मल है। जरूरी नहीं सभी की सेक्सुअल डिसायर पर एक जैसा असर पड़ता हो। यह पर्सन टू पर्सन पर भी डिपेंड करता है। लेकिन ज्यादातर पुरुष 60 और 70 के दशक में थोड़ी बहुत यौन में रुचि रखते हैं।
पुरूष ऑर्गेज्म के लिए 2 से 7 मिनट का समय लेते हैं
सेक्स रिसर्चर्स के अनुसार, सेक्सुअल साइकिल चार फेज में होती है। पहला फेज होता है एक्साइटमेंट (Excitment), दूसरा प्लेटो (Plateau), तीसरा ऑर्गेज्म (orgasm) और आखिर में रेसोल्यूशन (resolution)। शोधकर्ता के अनुसार, सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान पुरुष और महिला दोनों इन फेज का अनुभव करते हैं। लेकिन हर फेज की अवधि हर व्यक्ति में अलग होती है। किसी पुरुष या महिला को ऑर्गेज्म तक पहुंचने में कितना समय लगता है यह निर्धारित करना मुश्किल है क्योंकि एक्साइमेंट और प्लेटो फेज किसी व्यक्ति के क्लाइमेक्स तक पहुंचने के कई मिनट या कई घंटे पहले शुरू हो सकता है।
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हर साल के साथ सेक्सुअलिटी में बदलाव आते हैं
पुरुषों की यौन उत्तेजना के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बेहद आवश्यक होता है। आमतौर पर 20 की उम्र में ये काफी उच्च स्तर पर होत हैं। इसी तरह आपकी सेक्स ड्राइव होती है। 30 से 40 की उम्र में बहुत सारे पुरुषों की स्ट्रांग सेक्स ड्राइव होती है, हालांकि 35 की उम्र के आस पास टेस्टोस्टेरोन कम होने लगते हैं। यह हर साल एक प्रतिशत कम होते जाते हैं। वहीं कई पुरुषों में ये तेजी से भी गिर सकते हैं। इसका सेक्स ड्राइव पर सीधा असर पड़ता है। कई पुरुषों में बिजनेस या ऑफिस स्ट्रेस या अन्य कई कारणों से सेक्स में रुचि कम होने लगती है। 50 की उम्र में यदि पुरुष शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं तो उनकी सेक्स लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ता है। लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती है तो इरेक्शन कम बार या कम फर्म हो सकता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि बढ़ती उम्र में हृदय रोग, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और मोटापा जैसी परेशानी होना आम हैं। इनकी दवाओं के चलते भी सेक्स ड्राइव प्रभावित होती है।
कैजुअल सेक्स के लिए महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा ओपन होते हैं
2015 में की गई एक स्टडी के अनुसार, महिलाओं की तुलना में पुरुष कैजुअल सेक्स में ज्यादा इन्वॉल्व रहते हैं। इस स्टडी में 6 पुरुष और 8 महिलाओं ने नाइट क्लब और कॉलेज कैंप्स में पुरूष और महिलाओं को कैजुअल सेक्स के लिए पूछा। महिलाओं की तुलना में पुरुषों ने इस ऑफर को स्वीकार किया। हालांकि एक नई जगह पर जब इस स्टडी का दूसरा पार्ट किया गया तो इसमें ज्यादा महिलाओं ने अपना कैजुअल सेक्स में इंटरस्ट दिखाया।
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महिलाओं की तुलना में पुरुष कम रोमांटिक होते हैं
एक्सपर्ट्स की मानें तो, सभी लोगों में सेक्सुअल एक्साइटमेंट अलग होती है। उत्तेजना के स्त्रोत भी हर किसी में अलग हो सकते हैं। सेक्सुअल नॉर्मस अक्सर पुरुषों की इस तरह की इमेज बनाते हैं, लेकिन पुरुष महिलाओं से कम रोमांटिक होते हैं इस बात को वैज्ञानिक रूप से साबित करना मुश्किल है।
सेक्स ड्राइव और ब्रेन का कनेक्शन
सेक्स लाइफ को ज्यादातर कामेच्छा के रूप में वर्णित किया जाता है। कामेच्छा (libido) को मापा नहीं जा सकता है। इसके बजाय, सेक्स ड्राइव को प्रासंगिक शब्दों में समझा जा सकता है। उदाहरण के लिए, एक कम कामेच्छा (low libido) का मतलब सेक्स में कम रुचि या इच्छा होता है। मेल लिबिडो ब्रेन के दो क्षेत्रों में रहती है, सेरेब्रल कॉर्टेक्स (cerebral cortex) और लिम्बिक सिस्टम (limbic system)। मस्तिष्क के ये हिस्से एक पुरुष की सेक्स ड्राइव और पर्फोर्मेंस के लिए महत्वपूर्ण हैं। यहां तक कि पुरुष सिर्फ सेक्स के बारे में सोच कर या सपना देख कर भी ऑर्गेज्म का अनुभव कर सकता है।
सिर्फ उम्र के साथ सेक्स ड्राइव में कमी आती है
उम्र के साथ सेक्स ड्राइव का कम होना सामान्य है। लेकिन समय से पहले सेक्स ड्राइव में कमी होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- स्ट्रेस और डिप्रेशन (Stress or depression): यदि कोई मानसिक स्वास्थ्य का सामना कर रहे हैं तो इसे लेकर डॉक्टर से कंसल्ट करें। मनोचिकित्सा इसके लिए सुझाव दे सकते हैं और आपको दवा रिकमेंड कर सकते हैं।
- एंडोक्राइन डिसऑर्डर (Endocrine disorders): एंडोक्राइन डिसऑर्डर भी पुरुष सेक्स हार्मोन को कम कर सकता है।
- लो टेस्टोस्टेरोन लेवल (Low testosterone levels): कुछ मेडिकल कंडिशन जैसे स्लीप एपनिया और लो टेस्टोरेन लेवल भी सेक्स ड्राइव को प्रभावित कर सकते हैं।
- कुछ दवाएं जैसे एंटीडिप्रेसेंट, एंटीहिस्टामाइन और ब्लड प्रेशर की दवाओं से भी सेक्स ड्राइव में भी कमी आ सकती है।
सेक्स या सेक्सुअल स्टेमिना से जुड़े किसी भी मुद्दे पर अगर आपका कोई सवाल है, तो कृपया इस बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।