प्रजनन संबंधि समस्याओं के इलाज के लिए होम्योपैथी में भी संभावना है। होम्योपैथिक ट्रीटमेंट में प्रजनन संबंधि समस्या को दूर करने के लिए अंदरूनी कारणों का पता लगाकर उसे दूर करने का प्रयास किया जाता है। इनफर्टिलिटी के कई कारण हो सकते हैं। कुछ कारण जैसे कि यूटेराइन फैब्रॉइड, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (P.C.O.S) और ओवेरियन सिस्ट आदि की समस्या के कारण फर्टिलिटी में प्रभाव पड़ता है। इन सभी समस्याओं का समाधान होम्योपैथी में है। जो महिलाएं किसी कारणवश गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं, उनकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के साथ ही प्रजनन में आ रही रुकावटों को होम्योपैथिक ट्रीटमेंट की सहायता से ठीक किया जा सकता है। होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्याद जानना चाहिए। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि कैसे प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट असरदार साबित हो सकता है और कैसे कोई भी महिला प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथिक इलाज करवा कर इससे छुटकारा पा सकती है।
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प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट
अठारहवीं शताब्दी में होम्योपैथी की खोज के बाद कई बीमारियों को ठीक करने में इसका योगदान रहा है। खासतौर पर महिलाओं संबंधि समस्या का इलाज करने में होम्योपैथिक ट्रीटमेंट की असरदार भूमिका दिखाई पड़ी है। महिलाओं और पुरुषों में किसी भी बीमारी के लक्षण विभिन्न रूप से प्रकट होते हैं। जो लक्षण महिलाओं में दिखेंगे, ये जरूरी नहीं है कि वो पुरुषों में भी दिखाई दें। होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के दौरान बीमारी का कारण पता लगाया जाता है और फिर उसका समाधान कर लिया जाता है। महिलाओं में भी अब होम्योपैथी के सकारात्मक असर को लेकर समझ बढ़ी है। बांझपन की समस्या, गर्भाशय फाइब्राइड के साथ ही इनफर्लिटी के अन्य कारणों का होम्योपैथी के माध्यम से प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है।
वहीं इस बारे में एम.डी. (होम.) डॉ. कुशल बनर्जी का मानना है कि होम्योपैथी दवाएं प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के समय भी सुरक्षित होती हैं। गर्भाशय फाइब्राइड को ठीक करने में होम्योपैथिक ट्रीटमेंट का प्रभावशाली असर सामने आया है। ट्रीटमेंट के दौरान गर्भाशय फाइब्रॉएड के आकार में कमी देखने को मिलती है। ऐसा कंवेन्शनल ट्रीटमेंट में पॉसिबल नहीं हो पाता है। वहीं पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (P.C.O.S.) की समस्या से परेशान हजारों रोगियों को होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के जरिए राहत मिली है।
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प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथी: जीवनशैली में सुधार
इनफर्टिलिटी की समस्या कई कारणों से हो सकती है। जैसे कि इंफेक्शन, ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब, एंटी मुलेरियन हार्मोन का कम लेवल, इमेच्योर फॉलिकल फॉर्मेशन, ओव्यूलेशन में देरी आदि कारणों से बांझपन यानी इनफर्टिलिटी की स्थिति पैदा होती है।महिलाओं में ये समस्याएं किन कारणों से होती है, इस बारे में कह पाना मुश्किल है। कुछ मामलों में खराब लाइफस्टाइल (जीवनशैली) ही जिम्मेदार होती है। इनफर्टिलिटी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई पेशेंट आते हैं, जिनमें खास लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथिक इलाज के साथ ही जीवनशैली में बदलाव लाना बेहद जरूरी है।
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प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथिक इलाज से पहले सझने की कोशिश करते हैं की आखिर इनफर्टिलिटी के कारण क्या हैं?
महिलाओं में इनफर्टिलिटी के कारण
- ओवेरियन रिजर्व में कमी
- ओव्यूलेटरी डिसऑर्डर
- ट्युबल इंजरी, ब्लॉकेज (एंडोमेट्रियोसिस विद एविडेंस ऑफ ट्यूबल)
- सर्वाइकल और इम्युनोलॉजिकल फैक्टर
- यूरेटाइन फैक्टर
- सीरियरस सिस्टेमिक इलनेस
- कुछ अन्य फैक्टर, जिनके बारे में जानकारी नहीं होती
- डायबिटीज की समस्या
- थायरॉइड की समस्या
- अधिक उम्र हो जाने के कारण इनफर्टिलिटी की समस्या
- कैंसर के कारण इनफर्टिलिटी
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ऐसे पेशेंट का होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के साथ ही लाइफस्टाइल में सुधार की सलाह भी दी जाती है। ट्रीटमेंट के दौरान उनकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी उपचार किया जाता है, जो ज्यादातर पेशेंट की समस्या को ठीक कर देता है। स्टडी के दौरान ये बात सामने आई है कि मैटरनल हेल्थ में सुधार होने से स्वास्थ्य शिक्षा के प्रसार से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है और लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता भी बढ़ती है। इन कारणों से घर के सदस्यों को हेल्थ सर्विस की भी ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती है।
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प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथी का विकल्प अपनाने के साथ-साथ अन्य समस्याओं में भी होम्योपैथिक ट्रीटमेंट है कारगर
ऐसा नहीं है कि होम्योपैथिक ट्रीटमेंट सिर्फ प्रजनन संबंधि बीमारियों को ही ठीक करता हो। अन्य समस्याएं जैसे कि बोंस का डिजनरेशन, बोंस एसोसिएटेड स्ट्रक्चर आदि में भी होम्योपैथिक ट्रीटमेंट कारगर सिद्ध होता है। ट्रीटमेंट के दौरान लोग सर्जरी से बच जाते हैं और दर्द भी कम हो जाता है। डायबिटीज की समस्या, कार्डियो वस्कुलर डिसीज, लंग कैंसर, स्ट्रोक और महिलाओं की अन्य समस्याओं में भी होम्योपैथिक ट्रीटमेंट असरदार साबित होता है।
महिलाओं में इनफर्टिली के कई कारण होते हैं। उनमे से एक कारण स्ट्रेस भी हो सकता है। रिसर्च में ये बात सामने आई है कि बांझपन के लिए स्ट्रेस भी जिम्मेदार हो सकता है। स्ट्रेस को इनफर्टिलिटी का मेजर फैक्टर कहा जाता है। होम्योपैथिक ट्रीटमेंट में सभी बीमारियों का अलग ट्रीटमेंट किया जाता है।व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक समझ के बाद ट्रीटमेंट दिया जाता है। कई बार पीरिड्स के टाइम पर न होने के कारण भी इनफर्टिलिटी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या का समाधान होम्योपैथिक ट्रीटमेंट की सहायता से किया जाता है, ताकि महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर किया जा सके। प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथी के साथ-साथ इन बातों को ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है।
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खान-पान पर देना चाहिए ध्यान
प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथिक इलाज के अलावा इनफर्टिलिटी की समस्या गलत खराब खानपान की वजह से भी हो सकती है। बांझपन को बढ़ावा देने के लिए कुछ फूड भी जिम्मेदार होते हैं, जिन्हें पूरी तरह से इग्नोर करना चाहिए। महिलाओं को मरकरी रिच सीफूड्स को इग्नोर करना चाहिए। साथ ही एल्कोहल से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।रिचर्स में भी ये बात सामने आई है कि एल्कोहल का सेवन इनफर्टिलिटी को बढ़ावा देता है। वहीं ट्रांस फैट वाले फूड को भी इग्नोर करना चाहिए। अगर किन्हीं कारणों से महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या है तो होम्योपैथी के माध्यम से उसका इलाज संभव है।
अगर आप प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथी जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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