परिचय
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) क्या है?
मनुष्य के शरीर में क्रोमोसोम के दो पेयर मौजूद होते हैं। पुरषों में XY और महिलाओं में XX क्रोमोसोम होते हैं। पुरुषों में एक एक्स्ट्रा X क्रोमोसोम होने की स्थिति को क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम कहते हैं। क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) पुरुषों में होने वाली समस्या है। यह एक अनुवांशिक बीमारी है। इस स्थिति में पुरुषों में प्यूबर्टी के लक्षण ठीक तरह से शुरू नहीं हो पाते।
क्या क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) सामान्य बीमारी है ?
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम 1000 में से 1 व्यक्ति को होती है।
और पढ़ें : Nephrotic syndrome: नेफ्रोटिक सिंड्रोम क्या है?
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) का अगर इलाज न हो नहीं होने पर, क्या परेशानी हो सकती है?
हां, क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम जटिलताओं का कारण बनता है यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है नीचे दी गयी सूची उन जटिलताओं और समस्याओं की है जो क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम को अनुपचारित छोड़ने से पैदा हो सकती है:
- चिंता
- डिप्रेशन (Depression)
- बांझपन (Infertility)
- कमजोर हड्डियां
- हृदय और रक्त वाहिका रोग
- फेफड़ों (Lungs) की बीमारी
- मधुमेह (Diabetes)
- हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)
और पढ़ें : ट्रेंड में चल रहा सिलेरी जूस पीना जानिए आपके लिए कितना है सही?
जानिए इसके लक्षण
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Klinefelter Syndrome)
- शारीरिक बनावट के अनुसार ऐसे लोगों में हाथ और पैर ज्यादा लंबे होते हैं। बच्चों (लड़कों) में अन्य लड़कों की तुलना में मसल्स कम विकसित होते हैं। ऐसे लड़के एक्सरसाइज और लोगों से मिलना-जुलना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे पुरुषों में स्पर्म काउंट (Sperm count) कम होते हैं या नहीं होते हैं।
- टेस्टिकल्स छोटे होते हैं और गाइनेकोमेस्टिया (ब्रेस्ट) होता है।
- पुरुषों को इरेक्शन, छोटे पेनिस, दाढ़ी का ठीक से नहीं आना और थोड़े अंडरआर्म या प्यूबिक हेयर की समस्या हो सकती है।
- क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम की वजह से ऑस्टियोपरोसिस (Osteoporosis) का खतरा बढ़ जाता है। इससे ब्रेस्ट कैंसर और पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होने की आशंका बनी रहती है।
- कभी-कभी प्यूबर्टी में लड़कों में स्तन का बढ़ना।
- शरीर में कम बालों का होना।
- मांसपेशियों में विकास की कमी।
इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण हो सकते हैं। कुछ लड़कों में इस सिंड्रोम के लक्षण काफी व्यस्क हो जाने के बाद तक पता नहीं चलते। इन लड़कों को पिता बनने में कठिनाई हो सकती है।
और पढ़ें : Serrapeptase: सेररटीओपेप्टिड्स क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम: डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए ?
निम्लिखित परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है:
- अगर बच्चे (लड़के) का विकास अन्य लड़कों की तुलना में धीरे हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- ब्रेस्ट (Breast) का बड़ा होना।
- जेनाइटल और टेस्टिकल्स का छोटा होना।
- अनप्रोटेक्टेड सेक्स करने के बाद भी महिला (पार्टनर) का प्रेग्नेंट (Pregnant) नहीं होने पर पुरुष को भी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण हो सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों के अलावा कोई अन्य लक्षण होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
और पढ़ें : हर्निया से बचाव का क्या है विकल्प?
कारण
किन कारणों से होता है क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम? (Cause of Klinefelter Syndrome)
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम अनुवांशिक बीमारी है। पुरषों में X,Y और महिलओं में X,X क्रोमोसोम होते हैं। पुरुषों में एक एक्स्ट्रा X क्रोमोसोम होने की स्थिति में क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) होता है। ऐसे पुरुषों में प्यूबर्टी के लक्षण ठीक तरह से डेवलप नहीं हो पाते हैं।
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के सामान्य कारण (Common cause of Klinefelter Syndrome)
निम्नलिखित क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के सबसे सामान्य कारण हैं:
- प्रत्येक कोशिका में एक्स गुणसूत्र की एक या एक से अधिक प्रतिलिपि
- कुछ कोशिकाओं में अतिरिक्त एक्स गुणसूत्र (मोजेक क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम)
और पढ़ें : Turner syndrome: टर्नर सिंड्रोम क्या है?
जोखिम
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) किन कारणों से बढ़ सकती है समस्या ?
इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम अनुवांशिक बीमारी है। लेकिन, ज्यादा उम्र महिला जो मां बनती हैं उनके बच्चों में इसका खतरा ज्यादा होता है।
और पढ़ें : Savant syndrome: सवंत सिंड्रोम क्या है ?
निदान और उपचार को समझें
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Klinefelter Syndrome)
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम का इलाज संभव नहीं है। क्योंकि रिप्रोडक्टिव ऑर्गेन को विकसित नहीं किया जा सकता है। डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन को इलाज के माध्यम से बढ़ा सकते हैं, पेनिस के आकार को भी बड़ा कर सकते हैं।
टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) के बढ़ने की वजह से स्वभाव में बदलाव, हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure), एब्नॉर्मल प्रोस्टेट ग्रोथ या अत्यधिक गुस्से की भावना हो सकती है।
चेस्ट पर आये उभार (ब्रेस्ट) को कम करने के लिए सर्जरी की जा सकती है। ब्रेस्ट में हुए लम्प की जांच के लिए ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े जांच किये जाते हैं।
ऑस्टियोपरोसिस का इलाज टेस्टोस्टेरोन और पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी और नियमित रूप से वजन बढ़ाने वाले व्यायाम के साथ किया जा सकता है।
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) के निदान के लिए किस डॉक्टर संपर्क करना चाहिए?
मरीजों को निम्नलिखित विशेषज्ञों का दौरा करना चाहिए, यदि उन्हें क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के लक्षण हैं:
- बायोकैमिकल जेनेटिकिस्ट
- एंडोक्राइनोलॉजिस्ट
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम: रोग का निदान
XXY वाले बच्चे अन्य बच्चों से थोड़ा अलग होते हैं। यद्यपि वे किशोरावस्था के दौरान समस्याओं का सामना कर सकते हैं, अक्सर भावनात्मक और व्यवहारिक, और स्कूल में कठिनाइयों, उनमें से अधिकतर वयस्कों में अपने परिवारों से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त कर सकते हैं। अधिकांश सामान्य, स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
सिंड्रोम के साथ 87 ऑस्ट्रेलियाई वयस्कों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने बहुत कम उम्र से निदान और उचित उपचार किया है, उनमें इस बीमारी के निदान बाद इलाज से महत्वपूर्ण लाभ मिले।
कुछ रिसर्च से पता चलता है कि केएस प्रभावित व्यक्तियों के बीच जीवन प्रत्याशा को काफी कम करता है, हालांकि इस पर अभी और कोई पुख्ता शोध नहीं हुआ है।
और पढ़ें : जानें क्या है हाशिमोटोस थाईरॉइडाईटिस? इसके कारण और उपाय
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Klinefelter Syndrome)
डॉक्टर लड़के की शरीरिक जांच करते हैं, जिससे यह समझा जाता है की शरीरिक अंग का कितना विकास हुआ है। कई बार इनफर्टिलिटी की समस्या होने पर पीड़ित पुरुष डॉक्टर से संपर्क करते हैं।
ब्लड टेस्ट से टेस्टोस्टेरोन के लेवल (हाई या लो) की जानकारी मिल पाती है और इसी के साथ अन्य हॉर्मोन जैसे फॉलिकल-स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (FSH) की जानकारी भी मिल जाती है।
और पढ़ें : जानिए क्या हैं महिला और पुरुषों में इनफर्टिलिटी के लक्षण?
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) के लिए स्वयं की देखभाल
निम्नलिखित स्वयं देखभाल कार्यों या जीवनशैली में परिवर्तन से क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome) के उपचार या प्रबंधन में मदद मिल सकती है:
- शरीर के अंगों की वृद्धि को मॉनिटर करें: शरीर के अंगों के विकास को ध्यान से देखें
- नियमित शारीरिक गतिविधियों: खेल और शारीरिक गतिविधियों में भागीदारी को प्रोत्साहित करें
उम्मीद है कि आपको क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम आर्टिकल पसंद आया होगा। हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए। इसके साथ यदि बीमारी से जुड़े कोई सवाल हैं, तो बेहतर इलाज के लिए चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है।
[embed-health-tool-vaccination-tool]