के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
पेट में घाव या छाले होने को चिकित्सकीय भाषा में अल्सर या पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) कहते हैं। पेट में गाढ़े तरल पदार्थ म्युकस की एक चिकनी परत होती है, जो पेट की भीतरी परत को हाइड्रोक्लोरिक एसिड से बचाती है। इस एसिड की खासियत यह है कि जहां यह एसिड पाचन प्रक्रिया के लिए जरूरी होता है। वहीं शरीर के ऊतकों को नुकसान भी पहुंचाता है। इस एसिड और म्युकस परतों के बीच तालमेल होता है। इस संतुलन के बिगड़ने पर ही पेट में छाले होते हैं। आमतौर पर यह आहार नली पेट और छोटी आंत के ऊपरी भाग में होते हैं।
पेट में अल्सर को आमतौर पर गैस्ट्रिक अल्सर (Gastric Ulcer) भी कहा जाता है जो की पेट की परत पर होने वाले दर्दनाक फोड़े व घाव होते हैं। पेप्टिक अल्सर एक ऐसी बीमारी होती है, जो बड़ी और छोटी आंतों को प्रभावित करती है।
इस रोग से निजात पाना आसान होता है, लेकिन कई मामलों में सही इलाज न करवाने पर स्थिति अधिक गंभीर भी हो सकती है।
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अल्सर बीमारी काफी आम बीमारियों में से एक है। यह बीमारी किसी भी उम्र में रोगियों को प्रभावित कर सकती है। जिन चीजों के कारण ये बीमारी होने की संभावना है, उन्हें निंयत्रित करके रोका जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या चिकित्सक से बात करें।
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पेट में अल्सर होने पर व्यक्ति को कई विभिन्न प्रकार के लक्षण महसूस हो सकते हैं। यह सभी मरीज की स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। आमतौर पर व्यक्ति को पेट और सीने के बीच में जलन और दर्द महसूस होता है।
यह दर्द खाली पेट अधिक तीव्र होता है, जो कि काफी लंबे समय तक व्यक्ति को परेशान कर सकता है। पेप्टिक अल्सर का दर्द व्यक्ति दर व्यक्ति कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक रहता है।
पेट में अल्सर होने के सामान्य लक्षण में निम्न मुख्य रूप से शामिल हैं –
इस प्रकार के लक्षण व्यक्ति को काफी बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। अगर पेप्टिक अल्सर का सही इलाज न करवाया जाए तो इसके कारण व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। हालांकि पेट में अल्सर का जल्द से जल्द परीक्षण करवाने पर सही इलाज की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है।
सामान्य लक्षणों के अलावा पेट में छाले होने पर आपको नीचे दी गई स्थिति जैसा भी महसूस हो सकता है –
कुछ लक्षण और संकेत उपर नहीं दिए हैं। अगर आप अपने शरीर के किसी लक्षण से चिंतित हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और बात करें। इसके अलावा ध्यान रखें कि पेट में छोटे अल्सर के कोई लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
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उपर दिए गए कोई भी लक्षण या संकेत आपको अपने शरीर में दिखाई दे तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें। हर शरीर की रचना अलग-अलग होती है, इसलिए हर शरीर अलग तरीके से काम करता है। इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर के साथ चर्चा करें और आपके स्थिति के लिए सबसे अच्छा सुझाव क्या है यह तय करें।
डॉक्टर को अपने लक्षणों के बारे में बताएं और साथ ही स्थिति की गंभीरता व आपको यह कब से महसूस हो रहा है इसके बारे में जानकारी दें। डॉक्टर के साथ अपने इलाज की प्रकिया का चयन करें।
पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) को कई तरह से ठीक किया जा सकता है, जिसके लिए डॉक्टर से परामर्श करना सबसे बेहतर रहेगा।
समय पर डॉक्टर के पास न जाने पर आपको निम्न तरह की परेशानियां हो सकती हैं –
यह सभी स्थिति ले मामलों में जानलेवा भी हो सकती हैं। ऐसे में समय रहते हुए इसका तुरंत इलाज करवा लिया जाए तो इनसे बचा जा सकता है।
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जब पाचन रस पेट या छोटी आंत की दीवारों को नुकसान पहुंचाते हैं, तो अल्सर बन जाता है। यदि बलगम की परत बहुत पतली हो जाती है या आपका पेट बहुत अधिक एसिड बनाता है, तो आपकी आंत इसे महसूस करेगी। इसके दो प्रमुख कारण हैं:
बैक्टीरिया – इसे हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. pylori) कहा जाता है। एच. पाइलोरी (H. pylori) से संक्रमित अधिकांश लोगों को अल्सर नहीं होता है, लेकिन दूसरों में, यह एसिड की मात्रा बढ़ा सकता है, सुरक्षात्मक बलगम की परत को तोड़ सकता है, और पाचन तंत्र को परेशान कर सकता है। विशेषज्ञों को यकीन नहीं है कि एच. पाइलोरी संक्रमण कैसे फैलता है। वे इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के पास आने से हो सकता है, जैसे (Kiss) के जरिए। यह बेकार भोजन और पानी से भी हो सकता है।
दर्द निवारक दवाएं – यदि आप अक्सर और लंबे समय से एस्पिरिन ले रहें हैं, तो आपको पेप्टिक अल्सर होने की अधिक संभावना है। यह भी सच है कि अन्य नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) लेने से भी होता है। उनमें इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सन शामिल हैं। NSAIDs आपके शरीर को एक ऐसा रसायन बनाने से रोकते हैं, जो आपके पेट की छोटी दीवारों और पेट की छोटी आंत को एसिड से बचाने में मदद करता है। अन्य प्रकार के दर्द की दवाई, जैसे एसिटामिनोफेन (Acetaminophen)।
इसके अलावा व्यक्ति की कुछ साधारण आदतों के कारण भी पेट में अल्सर होने की आशंका रहती है –
अगर आप भी इन आदतों का शिकार हैं, तो तुरंत इन्हें छोड़ने की कोशिश करें। पेप्टिक अल्सर होने के बाद इन आदतों के कारण स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है।
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कुछ विशेष प्रकार की आदतें और कारकों के कारण पेट में अल्सर होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसमें मुख्य रूप से निम्न कारक शामिल हैं –
50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में पेट में अल्सर की समस्या अधिक होती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह कम उम्र के लोगों में नहीं होता है। हालांकि बच्चों में इस बीमारी की संभावना कम होती है। बच्चों के पेट में अल्सर होने का कारण उनके माता-पिता के धूमप्रान का सेवन हो सकता है। इसलिए स्मोकिंग की लत से दूर रहकर आप खुद की और अपने बच्चों को बीमारियों से दूर रख सकते हैं।
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नीचे दिए गए परिक्षण के आधार पर इस बीमारी का निदान किया जा सकता है –
पेट में छाले का निदान आपकी स्थिति और लक्षणों पर निर्भर करता है। पेट में अल्सर का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री, रोग की गंभीरता व पहले से चली आ रही दवाओं के बारे में समीक्षा करेंगे।
एच. पाइलोरी की पहचान के लिए डॉक्टर आपके खून, सांस या मल का परीक्षण कर सकते हैं। अगर आप एच. पाइलोरी से ग्रस्त होंगे तो आपके टेस्ट के रिजल्ट में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर अधिक आएगा।
इसके अलावा पेट में अल्सर का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर निम्न टेस्ट का विकल्प भी चुन सकते हैं –
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पेप्टिक अल्सर का इलाज छाले होने के कारण पर निर्भर करता है। ज्यादातर मामलों में पेप्टिक अल्सर को डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा से ठीक किया जा सकता है। हालांकि कुछ दुलर्भ मामलों में मरीज को सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
यह बेहद आवश्यक है कि आप पेट में अल्सर का सही इलाज करवाएं अन्यथा यह स्थिति आगे चल के जानलेवा हो सकती है। अगर आपको पेट में अलसर के कारण ब्लीडिंग की शिकायत है, तो हो सकता है की एंडोस्कोपी ट्रीटमेंट के लिए आपको कुछ समय अस्पताल में ही रहना पड़े।
इसके अलावा स्थिति की गंभीरता के अनुसार आपको खून चढाने की भी जरूरत पड़ सकती है।
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कुछ पेप्टिक अल्सर अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर आप उनका इलाज नहीं करवाते हैं, तो अल्सर वापस आ सकते हैं।
वे आपके पेट या छोटी आंत में ब्लड वेसेल्स की दीवार को नष्ट कर सकते हैं। अल्सर परत के माध्यम से एक छेद भी खा सकते हैं और संक्रमित हो सकते हैं या वे सूजन पैदा कर सकते हैं, जो भोजन को आपके पेट से आपकी छोटी आंत में जाने से रोक सकते हैं।
यदि आपके पेट में अल्सर का कारण एच. पाइलोरी है, तो डॉक्टर आपको इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का मिश्रण लेने की सलाह दे सकते हैं।
यदि एस्पिरिन और अन्य एनएसएआईडी के कारण अल्सर हुआ है, तो आपको उन दवाइयों को कम करने की आवश्यकता हो सकती है, उन्हें पूरी तरह से रोकना, या किसी अन्य दर्द निवारक दवाई लेने को कहा जा सकता है।
डॉक्टर आपको पेट के एसिड से लड़ने के लिए एंटासिड भी दे सकते हैं या आपके शरीर द्वारा बनाए गए एसिड को कम करने के लिए दवा लेने की सलाह भी दे सकते हैं।
प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स जिन्हें साइटोप्रोटेक्टिव एजेंट कहा जाता है, पेट या छोटी आंत की सुरक्षा करने में मदद करती हैं जिससे पेट में अल्सर ठीक हो सके।
ऊपर दी गई जानकारी किसी भी वैद्यकीय सुझाव का पर्याय नहीं है, इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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पेट में अल्सर के बेहद दुलर्भ मामलों में सर्जरी की आवश्यता पड़ती है। आमतौर पर ऐसा अल्सर के बार-बार वापस आने, ठीक न होने, रक्त स्राव या पाचन नली को पूरी तरह से ब्लॉक करने पर किया जाता है।
सर्जरी में निम्न विकल्पों का चयन किया जा सकता है –
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अगर पेट में अल्सर को बिना इलाज के छोड़ दिया जाए तो मरीज को निम्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है –
आंतरिक रक्तस्राव (इंटरनल ब्लीडिंग) – पेट में छाले होने के कारण व्यक्ति को एनीमिया की भी शिकायत हो सकती है। कई बार खून धीरे-धीरे कम होता है, तो कुछ मामलों में अधिक रक्तस्राव के कारण आपात स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
संक्रमण – पेप्टिक अल्सर के कारण पेट में छेद भी हो सकता है, जो आपको गंभीर संक्रमण के जोखिम डाल सकता है।
ब्लॉकेज – यदि पेट में छालों को बिना इलाज के छोड़ दिया जाए तो व्यक्ति को खाना पचाने में मुश्किल आ सकती है। इसके कारण आपको पेट भरा हुआ महसूस हो सकता है। ऐसे स्थिति में अल्सर के कारण व्यक्ति का वजन कम होने लगता है व पेट में सूजन की समस्या बढ़ने लगती है।
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पेट में अल्सर से बचाव के लिए अपनी जीवनशैली में कुछ विशेष बदलाव करें जिनकी मदद से बार-बार में होने वाले अल्सर का निदान हो सके व इलाज की प्रकिया में तेजी आए।
ध्यान रहे की केवल इलाज की मदद से ही पेट में अल्सर को ठीक नहीं किया जा सकता है। आपको इसके लिए अपनी जीवनशैली में भी बदलाव करने पड़ेंगे जो पेप्टिक अल्सर रोग को ट्रिगर कर सकते हैं।
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एक बेहतर डायट न केवल आपको पेप्टिक अल्सर से बचा सकती है बल्कि इसके इलाज में भी मददगार होती है। पेट में अल्सर से ग्रस्त लोगों को अपने आहार में निम्न न्यूट्रिशन युक्त आहार को शामिल करना चाहिए –
फल और सब्जी – एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर फल और सब्जियां खाने से पेप्टिक अल्सर में आराम मिलता है। जैसे संतरा, मूली और पत्ता गोभी। 2017 में की गई एक स्टडी के अनुसार पेट में छाले को ठीक करने के लिए आहार एक महत्वूर्ण कारक होता है। एसिड वाले आहार से परहेज करें।
फाइबर युक्त आहार – आसानी से पचने वाले हाई फाइबर आहार आंतों में अल्सर होने के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।
प्रोबायोटिक्स – दही प्रोबायोटिक आहार का सबसे बेहतर उदाहरण है। इसमें एच पाईलोरी को कम करने के गुण होते हैं। प्रोबायोटिक्स आहार शरीर में अपच और एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभाव को कम करते है जिससे पेट में अलसर की स्थिति में सुधार आता है।
विटामिन सी – यह शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट युक्त पदार्थ भी एच पाईलोरी को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। विटामिन सी की लंबे समय तक थोड़ी-थोड़ी खुराक लेने से इलाज की प्रकिया में तेजी आने लगती है। विटामिन सी आपको फलों, दाल और सब्जियों से मिल सकता है।
जिंक – यह माइक्रोन्यूट्रिशन हमारे इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाए रखने में मदद करता है जिससे पेट में घाव भरने में आसानी होती है। पालक जैसे आहार को अपनी डाइट में शामिल करें।
इसके अलावा पेप्टिक अल्सर से लड़ने के लिए अपनी सेहत को बेहतर बनाने के लिए अपने आहार में इन हरी सब्जियों व फलों को शामिल करें –
इलाज की प्रकिया में तेजी लाने के लिए सेहतमंद आहार एक बेहतर विकल्प होता है। इसके साथ ही केवल आहार की मदद से पेप्टिक अल्सर का इलाज कर पाना मुश्किल हो सकता है इसलिए डॉक्टरी सलाह के साथ ही अपनी डाइट में बदलाव करें।
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पेट में अल्सर को घरेलू उपायों की मदद से घर पर ही ठीक किया जा सकता है। ध्यान रहे कि घरेलू उपचार केवल हल्के लक्षणों पर ही असर करते हैं। अगर आपके पेट में छाले की स्थिति गंभीर है तो इसके लिए सीधा डॉक्टर से परामर्श करें।
पेट में अल्सर एक सामान्य स्थिति है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। ज्यादतर मामलों में इसे घर पर ही ठीक किया जा सकता है, लेकिन स्थिति की गंभीरता के अनुसार कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यता पड़ सकती है।
अगर आपको कई वर्षो से पेट में छाले की शिकायत है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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