के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया (Postherpetic Neuralgia) मूल रूप से दाद (shingles) के कारण होने वाली एक बीमारी है। जो चिकन पॉक्स (chicken pox) के कारण होती है। यह तंत्रिका तंतुओं और त्वचा को प्रभावित करता है। इसके कारण त्वचा पर दाने या छाले हो सकते हैं, जिसमें जलन और दर्द हो सकती है।
यह अनुमान लगाया जाता है कि दाद की समस्या से परेशान हर पांच में से एक व्यक्ति को इसका खतरा हो सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
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पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के सामान्य लक्षण हैं:
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
अगर आपको निम्न में से कोई भी लक्षण है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें:
दाद होने के 72 घंटों के अंदर एंटीवायरल दवाएंओं का सेवन शुरू कर देना चाहिए। इससे पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के जोखिम का खतरा कम हो जाता है।
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एक बार अगर आपको चिकन पॉक्स होता है, तो उसके वायरस आपके शरीर में जीवन भर रह सकते हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है या आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पर दबाव पड़ता है या यह कमजोर होती है, तो इसके संक्रमण फिर सक्रिय हो सकते हैं।
अगर दाद के कारण आपकी तंत्रिका तंतु क्षतिग्रस्त होती है, तो आपको पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया का खतरा हो सकता है। क्षतिग्रस्त तंतु आपकी त्वचा से आपके मस्तिष्क को निर्देश नहीं भेज सकते हैं जैसा कि वे आम तौर पर करते हैं। इसके बजाय, वो निर्देश भ्रमित हो जाते हैं, जिससे दर्द हो सकता है जो महीनों तक या कुछ स्थितियों में सालों साल तक बने रह सकते हैं।
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पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के कई जोखिम कारक हैं, जैसे:
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया का निदान करने के लिए डॉक्टर आपकी त्वचा की जांच करेंगे।
पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के अधिकतर लोग उपचार के दौरान एक साल में पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाते हैं। लेकिन, कभी-कभी अगर तंत्रिका पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती हैं तो इसके लक्षण कई सालों तक स्थायी रूप से रह सकते हैं।
पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के लक्षणों को कम करने के लिए दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इससे दर्द पूरी तरह दूर नहीं होता है।
पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया आमतौर पर पैरासिटामोल और आईबोप्रोफेन जैसे दर्द निवारक दवाओं से ठीक नहीं होता है।
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निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया से बचने में मदद कर सकते हैं:
इस आर्टिकल में हमने आपको पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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