फाइब्रॉएड होने पर महिलाओं के मन में प्रेग्नेंसी को लेकर कई सवाल उठते है। कई महिलाएं तो फाइब्रॉएड होने पर सोचने लगती है कि वह कभी प्रेग्नेंट नहीं हो सकेगी, लेकिन ऐसा नहीं है, कोई भी महिला फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट हो सकती है। लेकिन फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंसी में कई सावधानियां जरूर रखना पड़ती है। फाइब्रॉएड एक ऐसी गांठ है जो गर्भाशय (Uterus) में विकसित होती है, इससे प्रेग्नेंसी में रूकावट पैदा होती है। फाइब्रॉएड पीरियड्स को असंतुलित कर देती है या फिर कई महिला को इससे हैवी ब्लीडिंग होती है, जिससे एक स्वस्थ प्रेग्नेंसी में दिक्कत आती है। गर्भाशय में फाइब्रॉएड किस जगह पर है, इस पर निर्भर करता है कि प्रेग्नेंसी में कितनी पेचीदगी का सामना करना पड़ेगा। फाइब्रॉएड का आकार कितना बड़ा है, इससे भी प्रेग्नेंसी पर असर पड़ता है।
और पढ़ें- पुरुषों के लिए प्रेग्नेंसी गाइडलाइन, जरूर करें इसे फॉलो
प्रेग्नेंसी के लिए डॉक्टर अक्सर यही सलाह देते है कि फाइब्रॉएड का आकार बड़ा न होने पाएं। फाइब्रॉएड का इलाज इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह बच्चे के जन्म के समय कई तरह की समस्याएं पैदा करते है। अगर भी फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने जा रही है तो आपको इससे जुड़ी सभी बातें जान लेना जरूरी है।
[mc4wp_form id=’183492″]
फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने से पहले जानिए फाइब्रॉएड के प्रकार
फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने जा रही है तो ये जानना जरूरी है कि आपके गर्भाशय में किस जगह पर फाइब्रॉएड है। फाइब्रॉएड्स के प्रकार भी गर्भाशय में वह किस स्थान पर है, इस आधार पर उनका वर्गीकरण किया गया है। फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने पर फाइब्रॉएड आकार में कितना बड़ा अथवा छोटा है इसका भी फर्क पड़ता है। फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने पर फाइब्रॉएड के प्रकार और आकार पर विशेष तौर पर ध्यान देना पड़ता है। कुछ फाइब्रॉएड गर्भाशय की अंदर की दीवारों पर होते है, जिससे पीरियड्स में ज्यादा दर्द और ब्लीडिंग होती है इसका आकार जल्दी बढ़ता है। कुछ फाइब्रॉएड गर्भाशय के बाहर वाली दीवार पर होते है, जो ब्लैडर पर दबाव डालते है, जिससे पेल्विस में बहुत तेज दर्द होता है। कुछ फाइब्रॉएड मांसपेशियों के बीच में होते है और कुछ सर्वाइकल वाले हिस्से में होते है, जिसे गर्भाशय की गर्दन भी कहा जाता है।
फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर क्या समस्या आती है?
यदि कोई महिला नेचुरली फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट हो गई है तो उसे तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर प्रेग्नेंसी को बरकरार रखने के लिए दवाइयां देते है। फाइब्रॉएड होने पर डॉक्टर दवाई के जरिये उसका आकार कम होने की कोशिश करते है। कुछ केस में डॉक्टर छोटी-मोटी सर्जरी के जरिये फाइब्रॉएड को निकाल देते है, लेकिन यदि भविष्य में महिला प्रेग्नेंट होने का विचार कर रही है तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह कम ही देते है। कई केस में डॉक्टर यदि सर्जरी भी करते है तो महिला की शारीरिक स्थिति, फाइब्रॉएड की स्थिति और आकार जैसे अन्य विशेष पहलुओं को ध्यान में रख कर कोई फैसला लेते है। आइये जानते है सामान्यतौर पर फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर क्या समस्याएं आती है-
और पढ़ें- डिलिवरी के दौरान स्ट्रॉन्ग रहें लेकिन कैसे?
- फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर गर्भपात (Miscarriage) होने का खतरा रहता है।
- बिना इलाज के फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर गर्भपात का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। ऐसे में अगर समय रहते इलाज करवाया जाए तो गर्भपात की समस्या को कम किया जा सकता है।
- फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने पर कई बार तो प्रेग्नेंसी में फाइब्रॉएड बच्चे के आकार के साथ बढ़ती जाती है। जिससे ब्लैडर पर दबाव बनने लगता है जिससे यूरिन में भी परेशानी आती है।
- फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर रक्त-नलिकाओं (Blood vessels) पर भी दबाव पड़ता है, जिससे पैरों में सूजन (Swelling) आ जाती है।
- फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर अगर फाइब्रॉएड बच्चे के आकार के साथ बढ़ रहा है तो कई बार किडनी की समस्या भी हो सकती है।
और पढ़ें- फाइब्रॉएड्स का इलाज कैसे किया जाता है?
फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने पर क्या खतरा रहता है?
फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने पर कई तरह के खतरे रहते है जैसे-
- फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर कई तरहे के खतरे रहते है, भले ही फाइब्रॉएड छोटा सा हो लेकिन प्रेग्नेंसी में बढ़ने लगता है।
- फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने पर कई बार तो अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ता है।
- मॉडर्न टेक्नोलॉजी के जरिये गर्भाशय की जांच की जाती है इसके जरिये पता किया जाता है कि फाइब्रॉएड भ्रूण की जगह न ले सकें।
- यदि फाइब्रॉएड सर्विक्स की साइड में या लोअर साइड में हो तो बर्थ का रास्ता ब्लॉक हो जाता है। इस कारण नॉर्मल डिलिवरी नहीं हो पाती। अक्सर सी-सेक्शन के जरिये ही डिलिवरी होती है।
- फाइब्रॉएड के कारण प्रीमेच्योर डिलिवरी की संभावना भी रहती है।
- यदि फाइब्रॉएड प्रेग्नेंसी से पहले ही अपना आकार बढ़ा रही है तो खतरे की घंटी की तरह है। ऐसे केस में फाइब्रॉएड को हटाने के लिए गर्भाशय तक निकालना पड़ जाता है।
- फाइब्रॉएड का आकार तभी ज्यादा बढ़ता है जब समय रहते फाइब्रॉएड का इलाज न करवाया जाएं, इसलिए कभी भी लापरवाही न बरते और समय रहते इसका इलाज करवाएं।
और पढ़ें- प्रेग्नेंसी में नुकसान से बचने के 9 टिप्स
फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने पर क्या करें?
यदि आपको फाइब्रॉएड की समस्या है और आप प्रेग्नेंट है तो इन उपायों को जरूर आजमाएं-
- फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर कभी भी भारी सामान न उठायें।
- फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने पर डॉक्टर से प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही संपर्क में रहें।
- फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर छोटे-मोटे बदलाव को नजरअंदाज न करें।
- ग्रीन टी फाइब्रॉएड के आकार को बढ़ने से रोकने मदद करती है ऐसे में ग्रीन टी का सेवन करें, हालांकि इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर नियमित और संतुलित मात्रा में पानी जरूर पिएं।
- फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने पर अपनी डाइट में फाइबर युक्त आहार को शामिल करें।
- रिफाइंड आटे, शराब और शुगर युक्त नमकीन खाद्य पदार्थो का सेवन न करें।
- एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करें।
- फाइब्रॉएड होने पर मन में ये जरूर ठान लें कि डिलिवरी सी-सेक्शन के जरिये होने की संभावना ज्यादा होगी, इसलिए पहले से ही तैयार रहे।
- फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर डॉक्टर से सलाह लेकर नियमित और हल्की-फुल्की कसरत जरूर करती रहे।
और पढ़ें- हेल्थ इंश्योरेंस से पर्याप्त स्पेस तक प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी है इस तरह की फाइनेंशियल प्लानिंग
फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट होने पर कई तरह के खतरे रहते है, ऐसे में समय रहते डॉक्टर से जरूरी सलाह और फाइब्रॉएड का इलाज करवाना जरूरी है। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में फाइब्रॉएड्स के साथ प्रेग्नेंट की जानकारी दी है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
[embed-health-tool-ovulation]