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फाइब्रॉएड्स का इलाज कैसे किया जाता है?

फाइब्रॉएड्स का इलाज कैसे किया जाता है?

फाइब्रॉएड का इलाज क्या है ?

शरीर के बाहरी हिस्से में जैसे तिल और मस्सा होता है वैसे ही गर्भाशय में मस्से की तरह ट्यूमर हो जाता है, जिसे फाइब्रॉएड कहते है। फाइब्रॉएड जानलेवा नहीं होता, लेकिन इसका इलाज बहुत जरूरी है। फाइब्रॉएड गर्भाशय में किस जगह पर है, इससे भी रिस्क कम ज्यादा हो जाते है। फाइब्रॉएड महिलाओं में बांझपन का प्रमुख कारण है इसलिए फाइब्रॉएड का समय पर इलाज किया जाना जरूरी है। अक्सर देखा जाता है फाइब्रॉएड शादीशुदा और 35 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को होता है लेकिन बदलते पर्यावरण, खान-पान, अनियमित दिनचर्या की वजह से हार्मोन असंतुलित हो जाने के कारण अब कम उम्र की लड़कियों को भी फाइब्रॉएड की समस्या होने लगी है। कई बार तो लक्षण न दिखाई देने पर बहुत समय के बाद फाइब्रॉएड होने के बारे में जानकारी मिलती है। जानिए फाइब्रॉएड्स का इलाज कैसे किया जाता है और इसके लक्षण क्या होते है।

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फाइब्रॉएड्स का इलाज: फाइब्रॉएड के क्या लक्षण हैं 

वैसे फाइब्रॉएड की शिकार महिला को पीरिड्स के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि हैवी ब्लीडिंग या अनियिमित पीरियड्स आदि।। कई महिलाएं इस तरह की परेशानी होने पर उसे गंभीरता से नहीं लेती हैं, जो आगे चलकर बड़ी समस्या का कारण हो सकता है।  इस तरह के लक्षण दिखने पर तो फाइब्रॉएड का इलाज शुरू कर ही दिया जाता है, लेकिन हर केस में महिला को फाइब्रॉएड के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। इसलिए समय-समय पर महिलाओं को फाइब्रॉइड का पता लगाने के लिए गर्भाशय की जांच जरूर करवाना चाहिए। अगर निम्न लक्षण दिखाई दें तो फाइब्रॉइड होने की संभावना हो सकती है-

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गर्भाशय फाइब्रॉएड के प्रकार

  • सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड
  • इंट्राम्युरल फाइब्रॉएड
  • सबसेरोसल फाइब्रॉएड
  • सर्वाइकल फाइब्रॉएड
  • इंट्रालिगमेंटस फाइब्रॉएड

फाइब्रॉएड की जांच कैसे की जाती है?

फाइब्रॉएड का परीक्षण करने के लिए कई तरह की जांच की जाती है जिसके बाद फाइब्रॉएड का इलाज शुरू किया जाता है। फाइब्रॉइड होने का परीक्षण इस तरह से किया जाता है-

  • अल्ट्रासाउंड स्कैन के जरिये सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड और सर्वाइकल फाइब्रॉएड का पता लगाया जाता है।
  • एमआरआई प्रोसेस के जरिये फाइब्रॉएड कितने है और इसके आकार के बारे में पता लगाया जाता है।
  • हिस्टोरोस्कोपी जांच में गर्भाशय में कैमरे वाले एक छोटे दूरबीन का इस्तेमाल किया जाता है। जरूरत पड़ने पर उसी समय बायोप्सी की प्रोसेस भी की जाती है।
  • लेप्रोस्कोपी के जरिये गर्भाशय के बाहर के हिस्से में मौजूद फाइब्रॉएड की जांच की जाती है।

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फाइब्रॉएड्स का इलाज कैसे किया जाता है

डॉक्टर फाइब्रॉएड का इलाज करने से पहले महिला की स्थितियों पर गौर करते है। उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, लक्षण की गंभीरता, फाइब्रॉएड किस जगह पर है, उसका आकार, गर्भवती है या योजना बना रही है इन पहलुओं को ध्यान में रख कर डॉक्टर इलाज शुरू करते है। फाइब्रॉएड के इलाज में दवाओं और सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है।

फाइब्रॉएड्स का इलाज:   दवाओं के द्वारा फाइब्रॉएड्स का इलाज-

  • गर्भनिरोधक दवाई:- डॉक्टर ज्यादा ब्लीडिंग होने पर गर्भनिरोधक दवाई देते है , ताकि ब्लीडिंग को संतुलित किया जा सकें।
  • दर्दनिवारक दवा:- फाइब्रॉएड होने पर दर्द निवारक दवा दी जाती है, ताकि नियमित रूप से होने वाले दर्द को कम किया जा सकें।
  • प्रोजेस्टिन-रिलीजिंग इंट्रायूटरिन डिवाइस:- डॉक्टर छोटे आकार की फाइब्रॉएड होने पर ब्लीडिंग को संतुलित करने के लिए यह दवा देते है।
  • गोनाडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन एगोनिस्ट:- यदि डॉक्टर फाइब्रॉएड को हटाने के लिए सर्जरी करना चाहते है, या कोई अन्य योजना है तो वह यह दवाई देते है ताकि फाइब्रॉएड का आकार छोटा किया जा सकें।

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फाइब्रॉएड्स का इलाज: फाइब्रॉएड में सर्जरी के द्वारा इलाज

महिलाएं सर्जरी कराने से पहले डॉक्टर से जरूर विचार-विमर्श कर लें, क्योंकि इनमें से कुछ सर्जरी करने पर महिला के प्रेग्नेंसी की गुंजाइश कम हो जाती है।

  • एब्डोमिनल हिस्टेरेक्टोमी:- यह प्रक्रिया सिजेरियन डिलिवरी की तरह है, इसमें लंबे समय तक अस्पताल में रख कर इलाज किया जाता है। यदि इस सर्जरी में डॉक्टर ने अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब को निकाल दिया है तो समय से पूर्व रजोनिवृत्ति हो सकती है।
  • वजाइनल हिस्टेरेक्टोमी:- इसमें डॉक्टर योनि (Vagina) के रास्ते गर्भाशय को बाहर निकालते हैं और फाइब्रॉएड को सर्जरी के जरिये हटाते हैं। यह सर्जरी कम जोखिम भरी है और ठीक होने में समय भी कम लगता है। यदि फाइब्रॉएड बड़े आकार की है, तो यह सर्जरी नहीं की जाती।
  • मायोमेक्टोमी:- यदि महिला भविष्य में प्रेग्नेंसी की योजना बना रही है तो डॉक्टर इस तरह की सर्जरी करते है, लेकिन यह सर्जरी सब तरह के फाइब्रॉएड के लिए उपयुक्त इलाज नहीं होती।

फाइब्रॉएड्स ट्रीटमेंट:  लाइफस्टाइल में बदलाव

फाइब्रॉएड की समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में भी बदलाव लाएं, जैसे कि-

फाइब्रॉएड्स का इलाज: अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित किया

इस समस्या से निकलने के लिए सबसे पहले मैंने अपने अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित यानी एक टाइम टेबल सैट किया। अपने सोने व उठने का और खाने व पीने का समय निर्धारित किया।  अच्छे स्वास्थ के लिए दिनभर में कम से कम 7- 8 घंटे की स्वस्थ नींद लिए बहुत जरूरी है। नींद पूरी होने पर शरीर में एनर्जी का लैवेल अच्छा बना रहता है।

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फाइब्रॉएड्स का इलाज: 20 मिनट की वॉक और एक्सरसाइज

डॉक्टर के सलहानुसार फिट रहने के लिए हर व्यक्ति के लिए रोज कम से कम 20 मिनट की वॉक जरूरी है। इसके अलावा नियमित रूप से कोई न कोई एक्टिविटी या एक्सरसाइज करते रहना चाहिए।  स्ट्रेचिंग भी करनी चाहिए, इससे बॉडी की स्ट्रेंथ बढ़ जाती है। 

फाइब्रॉएड्स का इलाज: खुद को हाइड्रेट रखें

शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए दिनभर में 3-4 लीटर पानी पीना आवश्यक है। उचित मात्रा में पानी पीने से शरीर से बैक्टीरिया भी बाहर निकल जाते हैं, साथ ही हमारे अंदर का सिस्टम भी क्लीन हो जाता है और हल्कापन महसूस होता है।

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फाइब्रॉएड किसी भी महिला के लिए बहुत बड़ी समस्या है, ऐसे में समय रहते डॉक्टर से जरूरी सलाह और फाइब्रॉएड का इलाज करवाना जरूरी है।उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको फाइब्रॉएड्स का इलाज से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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डिस्क्लेमर

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Current Version

27/07/2020

sudhir Ginnore द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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sudhir Ginnore द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/07/2020

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