महिलाओं में होने वाली कई ऐसी यूरॉजिकल हेल्थ प्रॉब्लम हैं, जो उनके लिए दिक्कत का कारण होती हैं। तो चलिए इस विमेंस डे पर हम बात करें ऐसे ही कुछ यॉरॉजिकल हेल्थ प्रॉब्लम की, जिनमें शामिल हैं, यूरिन इंफेक्शन (Urine Infection) महिलाओं में होने वाला आम संक्रमण हैं। शादी से पहले और बाद में अधिकतर महिलाएं इनसे जुड़े दर्द से जूझती हैं। यह संक्रमण सुक्ष्मजीवों से फैलता है, जो बिना माइक्रोस्कोप (Microscope) के नहीं देखे जा सकते हैं। इसके फैलने का एक कारण वायरस और फंगस भी है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection) मूत्र मार्ग में कहीं भी फैल सकता है। मूत्र मार्ग यानि मूत्राशय (Bladder), मूत्रवाहिनी (Ureters), मूत्रमार्ग (Urethra), गुर्दे (Kidneys) में इस संक्रमण का खतरा पैदा होता है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के साथ जानेंगे यूटीएस (Urine Toxicology Screen) और यूआई (Urinary Incontinence) के बारे में। यह तीनों चीजें महिलाओं के स्वास्थ्य से कितनी जुड़ी हुई हैं। आइए इस पर विस्तार से जानते हैं।
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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection)
यह संक्रमण बच्चों की तुलना में व्यस्कों में अधिक होता है। वहीं, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसका प्रभाव ज्यादा है। एक शोध के मुताबिक, 40 फीसदी महिलाओं और 12 फीसदी पुरुषों के जीवनकाल में एक बार यूरिन इंफेक्शन होता है। आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में।
यूटीआई के लक्षण
- मूत्राशय की परत में सूजन होना
- पेशाब के दौरान दर्द और जलन
- रात को बार-बार पेशाब आना
- बहुत कम पेशाब आना
- पेशाब निकलने का डर बना रहना
- खूनी और बदबूदार पेशाब आना
- पेल्विस में दर्द का उठना
- हल्के बुखार के साथ ठंड लगना
- उल्टी होना जी मिचलाना
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यूटीआई के कारण
- एक से अधिक लोगों के साथ संभोग करना
- मधुमेह
- पथरी (Stone)
- दस्त लगना
- रजोनिवृत्ति
- गर्भावस्था
- मूत्राशय का पूरी तरह से खाली न होना
- अनहाइजीन रहने पर
- मूत्र का अवरूद्ध प्रवाह
- कमजोर इम्युनिटी सिस्टम
- एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक सेवन
- टेम्पॉन का इस्तेमाल
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यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस (Urinary Incontinence)
यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस का मतलब है मूत्राशय पर से कंट्रोल खोना। यह एक अजीब प्रकार की बीमारी है जो बहुत आम भी है। जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ खांसने और छींकने से पेट पर पड़ने दवाब मात्र से यूरिन लीक होने लगता है। इसमें वॉशरूम तक जाने का समय नहीं मिल पाता है और सारा पेशाब कपड़ों में ही लीक हो जाता है। यह बीमारी अधिकतर बुजु्र्गों में देखी जाती है।
महिलाओं में यूरीनरी इन्कॉन्टिनेंस
महिलाओं में यह समस्या खासकर तब देखी जाती है जब वह यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानि यूटीआई से पीड़ित होती हैं। क्योंकि, इस दौरान संक्रमण होने से मूत्राशय (Bladder) को हानि पहुंचती है, जिसके कारण महिलाओं को यूरीनरी इन्कॉन्टिनेंस (यूआई) का सामना करना पड़ जाता है।
यूरीनरी इन्कॉन्टिनेंस के लक्षण
मूत्राशय पर दवाब
यह वो अवस्था जब मूत्राशय पर अधिक दवाब पड़ने के कारण पेशाब लीक होने लगता है। यह समस्या जोर से हंसने, छींकने और खांसने, व्यायाम करने और किसी भारी चीज को उठाने पर अधिकतर होती है।
फंक्शनल इन्कॉन्टिनेंस
शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होने पर भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण यह कि जोड़ों में दर्द होने की वजह से वक्त पर वॉशरूम न जाने के कारण भी पेशाब छूट जाता है।
मूत्राशय का खाली न होना
- मूत्राशय के पूरी तरह खाली न होने पर यूआई की समस्या घर कर जाती है। ऐसे में पेशाब का स्राव धीरे-धीरे होने लगता है।
- न्यूरोलॉजिक डिसऑर्डर और डायबिटीज होने की स्थिति में भी पुरुष और महिला दोनों ही यूआई का सामना करते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान यूआई (UTI)
गर्भावस्था के आखिरी चरणों में महिलाओं को यूआई से जूझना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं को उठने-बैठने और चलने में बहुत दिक्कतें होती हैं। इसलिए वॉशरूम तक पहुंचते-पहुंचते पेशाब छूटने की नौबत आ जाती है। बता दें कि यूटीआई से पीड़ित महिलाएं इस समस्या का अधिक शिकार होती हैं।
यूरीनरी इन्कॉन्टिनेंस के कारण
सामान्य कारण
- अल्कोहल लेना
- कैफीन का सेवन करना
- कॉर्बोनेट ड्रिंक्स और स्पार्कलिंग पानी पीना
- चॉकलेट खाना
- अधिक मिर्च वाला भोजन करना
- दिल संबंधी और ब्लड प्रेशर की दवाईंया लेना
- शरीर में विटामिन C की मात्रा
महिलाओं में यूआई होने के कारण
- प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन्स में बदलाव होने के कारण फ्यूटस (Fetus) का वजन बढ़ जाता है जिसके कारण स्ट्रेस इन्कॉन्टिनेंस की समस्या होने लगती है।
- वजिनल डिलीवरी के कारण महिलाओं की मसल्स कमजोर होने लगती है, जिस कारण मूत्राशय पर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।
- उम्र के बढ़ने के साथ भी महिलाओं के ब्लैडर की पेशाब जमा करने की क्षमता कम होने लगती है।
- मेनोपॉज, हिस्टेरेक्टॉमी, ऐसे कारण हैं जो महिलाओं में यूरीनरी इंन्कॉन्टिनेंस की समस्या खड़ा करता है।
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यूरीनरी इन्कॉन्टिनेंस के जोखिम
लिंग के आधार पर
महिलाओं में स्ट्रेस इन्कॉन्टिनेंस अधिक होता है। यह गर्भावस्था, चाइल्डबर्थ, और रजोनिवृत्ति समेत कई अवस्था से यूआई का जोखिम होता है। वहीं, पुरुषों में प्रोटेस्टेट ग्रंथियों में परेशानी होने पर इसका जोखिम पैदा होता है।
मोटापा बढ़ने पर
शारीरिक वजन बढ़ने से भी मूत्राशय (Bladder) पर दवाब पड़ने का कारण इसकी मसल्स कमजोर होने लगती है, जिसके कारण पेशाब लीक होने का जोखिम बनता है।
उम्र के बढ़ने पर
इसका एक रिस्क फेक्टर यह भी है कि उम्र बढ़ने के साथ मूत्राशय और मूत्रमार्ग की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में पेशाब रोकने और उसे जमा करने में दिक्कते शुरू हो जाती हैं।
धू्म्रपान करने से
तंबाकू और धूम्रपान करने से भी यूरीनरी इन्कॉन्टिनेंस का जोखिम बढ़ जाता है।
आनुवंशिकी
यूरीनरी इन्कॉन्टिनेंस फैमिली मेडिकल हिस्ट्री पर निर्भर करता है। यदि परिवार के किसी पूर्वज में यह परेशानी है तो भी इस समस्या को जोखिम बना रहता है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए
इस तरह की समस्या में शर्मिंदगी महसूस करने से बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि ऐसी कोई भी समस्या होने पर एक बार डॉक्टर से परामर्श करें। ऐसे में जब आपको लगे स्थिति बिगड़ती ही जा रही है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। यूआई की समस्या आपको अपने और समाज से भी दूर करती है इसलिए समय से इसका निदान करा लेना ही बेहतर है।
जानें यूरिन टॉक्सिकोलॉजी स्क्रीन (Urine Toxicology Screen) टेस्ट के बारे में:
यूरिन टॉक्सिकोलॉजी स्क्रीन एक यूरीन ड्रग टेस्ट है जिसमें ड्रग्स का पता लगाया जाता है। इसमें यूरिन, रक्त, सलाइवा, बाल और पसीने में ड्रग की मात्रा को परखा जाता है। यूरिन टेस्ट को ड्रग स्क्रीनिंग के प्रकारों में सबसे आम माना जाता है।
यूटीआई की भूमिका
ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडॉट्रोपिन (hCG) यूरिन टेस्ट एक प्रेग्नेंसी टेस्ट है। बता दें कि गर्भवती महिला में मौजूद प्लेसेंटा कोरियोनिक गोनाडॉट्रोपिन का निर्माण करता है, जिसे प्रेग्नेंसी हार्मोन्स भी कहते हैं। गर्भवती होने पर महिला के यूरिन में इन हार्मोन्स का पहले पीरियड के चूकने के बाद भी आसानी से पता लगाया जा सकता है।
और पढ़ें: Urinary Tract Infection: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) क्या है?
यूटीएस के प्रकार
यूटीएस के चार प्राथमिक प्रकार हैं
- मेडिकल टेस्टिंग
- रोजगार दवा परीक्षण
- फोरेंसिक विश्लेषण
- एथलेटिक्स टेस्टिंग
यूटीएस किस प्रकार के ड्रग्स का पता लगाता है
इस टेस्ट में कई तरह के पदार्थों का पता लगाया जा सकता है। लेकिन आमतौर पर इस टेस्ट के जरिए नीचे दी गए बातों का पता चलता है।
- अल्कोहल जिसमें एथनोल और मिथेनोल दोनों ही शामिल होते हैं
- एम्फ़ैटेमिन (Amphetamines), जैसे कि एडडरॉल (Adderall)
- बार्बीचुरेट्स (Barbiturates)
- एन्जोदिज़ेपिनेस (Benzodiazepines)
- मेथाडोन (Methadone)
- कोकीन
- फाइक्श्लिडीन (PCP)
- टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (टीएचसी)
यूटीएस के इस्तेमाल करने के कारण
यूटीएस का कई कारणों से इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर इस तकनीक का इस्तेमाल ड्रग से स्वास्थ्य को पहुंचे नुकसान को जांचने के लिए होता है। डॉक्टर्स के मुताबिक जिन लोगों में निम्नलिखित लक्षण नज आते हैं उनका यूटीएस किया जाता है।
- भ्रम
- नाजुकपन
- बेहोशी की हालत
- पेनिक अटैक (Panic Attack)
- छाती में दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
- उल्टी
- सीजर्स (Seizures)
अगर महिलाओं को यूरिन से संबंधित किसी प्रकार की समस्या है, तो उन्हें तुरंत डाॅक्टर से मिलना चाहिए। नहीं तो यह इंफेक्शन भविष्य में गंभीर रूप ले सकता है। इसलिए इसमें देरी न करें।
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