आजकल लोग अपनी सेहत को लेकर बहुत जागरूक हो गए हैं। शरीर को डिटॉक्सिफाय करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हीं में से एक है एक्टिवेटेड चारकोल का इस्तेमाल। शरीर को डिटॉक्सिफाय करने के लिए इसका इस्तेमाल एक ट्रेंड बन गया है। लोग शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने के लिए भोजन या शराब के अत्यधिक सेवन के बाद एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) को लेते हैं। लेकिन इसके इस्तेमाल या सेवन से इसके बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है। आइए जानें क्या है एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) और क्या है इसके लाभ?
एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) किसे कहा जाता है?
एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) एक काला, गंधरहित और फ्लेवरलेस पाउडर है, जिसका इस्तेमाल लंबे समय से किया जाता रहा है। इसे एक्टिवेटेड कार्बन के नाम से भी जाना जाता है। इसके कई बेनिफिट्स भी होते हैं, जिसमें गैस का कम होना, ब्लोटिंग, लोअर कोलेस्ट्रॉल लेवल और किडनी फंक्शन को सुधारना आदि शामिल है। ऐसा भी माना जाता है कि यह दांतों को सफेद करने और हैंगओवर को कम करने में भी मददगार है। आइए जानें क्या हैं इसके फायदे?
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एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) के क्या है फायदे?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने एक्टिवेटेड चारकोल को ओवरडोज या पॉयजनिंग के एमरजेंसी ट्रीटमेंट के रूप में अप्रूव किया गया है। लेकिन, इसकी पावरफुल टोक्सिन-क्लीयरिंग प्रॉपर्टीज के कारण इसका इस्तेमाल अन्य कंडिशंस में भी किया जाता है। इसके कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
किडनी हेल्थ (Kidney health)
एक्टिवेटेड चारकोल अनडायजेस्टेड टॉक्सिन्स और ड्रग्स को फिल्टर कर के किडनी फंक्शन्स को सही बनाए रखने में मदद करता है। यूरिया से ड्राइव्ड टॉक्सिन्स को रिमूव करने के लिए भी इसे विशेष रूप से प्रभावी माना गया है। हालांकि, इसे लेकर अभी और अधिक स्टडी की जानी जरूरी है। लेकिन, कुछ स्टडीज यह बताती हैं कि एक्टिवेटेड चारकोल किडनी फंक्शन को सुधारने में सहायता करता है और जिन लोगों को किडनी डिजीज है, उनमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डैमेज और इंफ्लेमेशन को कम करता है।
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इंटेस्टाइनल गैस (Intestinal gas)
एक्टिव चारकोल पाउडर को इंटेस्टाइनल गैस को बाधित करने में सक्षम माना जाता है, हालांकि शोधकर्ता अभी भी यह नहीं समझ पाए हैं कि ऐसा कैसे होता है? इंटेस्टाइन में फंसे तरल पदार्थ और गैस सक्रिय चारकोल में लाखों छोटे होल्स से आसानी से गुजर सकते हैं, और यह प्रक्रिया उन्हें बेअसर कर सकती है। ऐसा पाया गया है कि एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) का सेवन करने से गैस की समस्या कम होती है और लक्षण सुधरते हैं।
वॉटर फिल्ट्रेशन (Water filtration)
एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) नेचुरल वॉटर फिल्टर के रूप में काम करता है। जैसे ही यह इंटेस्टाइन और पेट में जाता है, यह पानी में पाए जाने वाले विषाक्त पदार्थों, दवाओं, वायरस, बैक्टीरिया, कवक और केमिकल्स के साथ इंटरैक्ट और एब्जॉर्ब कर सकता है। कमर्शियल सेटिंग्स जैसे वॉटर मैनेजमेंट सेंटर्स में फिल्ट्रेशन प्रोसेस के एक पार्ट के लिए ऑपरेटर्स अधिकतर एक्टिवेटेड कार्बन ग्रनोला का इस्तेमाल करते हैं। दर्जनों वॉटर फिल्ट्रेशन प्रोडक्ट्स को भी घर में उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें टॉक्सिन्स और इम्प्योरिटीज वाले पानी को शुद्ध करने के लिए कार्बन कार्ट्रिज का उपयोग किया जाता है।
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डायरिया (Diarrhoea)
ओवरडोज और पॉयजनिंग में इसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एब्सॉर्बेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इसका डायरिया के उपचार के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। एक स्टडी के अनुसार एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) उन बैक्टीरिया से बचाव में भी सक्षम है, जो डायरिया का कारण बनते हैं। लेकिन, रीसर्चर ने यह भी बताया कि आम एंटीडायरियल (Antidiarrheal)दवाओं की तुलना में एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) के कुछ दुष्प्रभाव भी हैं।
दांतों का सफेद होना और ओरल हेल्थ
कई टीथ-व्हाइटनिंग प्रोडक्ट्स में एक्टिवेटेड चारकोल होता है। कई ओरल हेल्थ प्रोडक्ट्स जिनमें एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) होता है, उनके विभिन्न लाभ होने का दावा करते हैं, जैसे कि:
- एंटीवायरल (Antiviral)
- एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial)
- एंटीफंगल (Antifungal)
- डिटॉक्सिफाइंग (Detoxifying)
इस चारकोल की टॉक्सिन एब्जॉर्बिंग प्रॉपर्टीज बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन कोई भी रिसर्च इसका इस्तेमाल टीथ व्हाइटनिंग या ओरल हेल्थ के लिए किए जाने का सपोर्ट नहीं करती है।
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स्किन केयर (Skin care)
ऐसा भी कहा जाता है कि यह स्किन के सरफेस से मायक्रोपार्टिकल्स जैसे डर्ट, डस्ट, केमिकल्स, टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया आदि को बाहर निकालने में सहायता करता है। जिससे त्वचा का हेल्दी और ग्लोइंग बनाने रखने में मदद मिलती है। ऐसा भी माना जाता है कि एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) स्मेल और हार्मफुल गैसेस को एब्जॉर्ब कर सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल अंडरआर्म, शूज और रेफ्रीजिरेटर डिओडोरेंट के रूप में भी किया जा सकता है।
स्किन इंफेक्शन (Skin infection)
दुनिया भर में, कई अलग-अलग ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रैक्टिशनर्स त्वचा के संक्रमण जैसे सॉफ्ट टिश्यूज कंडिशंस की स्थिति के इलाज के लिए कोकोनट शेल्स से बने एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) का उपयोग करते हैं। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल इफेक्ट्स से घावों से हार्मफुल माइक्रोब्स को एब्जॉर्ब किया जा सकता है। अब जानते हैं कि एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) कैसे काम करता है?
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एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) कैसे काम करता है?
हाय टेम्प्रेचर पर गैस के साथ चारकोल को एक्टिवेट करने से इसमें माइक्रोस्कोपिक होल्स विकसित हो जाते हैं, जिससे इसकी सतह का क्षेत्रफल बढ़ जाता है। एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) को गट एब्जॉर्ब नहीं कर पाता है। इसलिए, जब आप इसे निगलते हैं, तो यह गट में अनचेंज्ड फॉर्म में पहुंचता है। चारकोल के टेक्सचर में नेगेटिव इलेक्ट्रिकल चार्ज होता है, जो इसे पॉजीटिवली चार्ज्ड मोलेक्युल्स जैसे कि टॉक्सिन्स और गैसेस को एब्जॉर्ब करने का कारण बनता है। जब तरल पदार्थ या गैसें इस एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) से होकर गुजरते हैं, तो वे इसे एब्ज़ोर्प्शन की प्रक्रिया के माध्यम से बाइंड होते हैं।
यह टॉक्सिन्स और केमिकल्स गट में ट्रैप हो जाते हैं और शरीर में एब्जॉर्ब होने की जगह स्टूल के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं। एक्टिवेटेड चारकोल एब्जॉर्बिंग गैसेस में भी बहुत प्रभावी होता है जो पेट फूलने को कम करने में मदद कर सकता है। यह तो थे एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) के फायदे। अब जानते हैं इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में।
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एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) के क्या हैं साइड-इफेक्ट्स
चारकोल का इस्तेमाल आमतौर पर लाभदायक माना जाता है। लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं: जैसे:
- ब्लैक स्टूल
- कब्ज
इसके कुछ दुर्लभ साइड इफेक्ट्स भी हैं, जैसे:
- इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट का स्लो होना
- इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट का ब्लॉक होना
- लंग्स में रिगर्जेटेशन
- डिहायड्रेशन
यह एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) के कारण होने वाले सभी साइड इफेक्ट्स की सूची नहीं है। कुछ लोग इसके कारण अन्य परेशानियों का अनुभव भी कर सकते हैं। अगर आपको इसका इस्तेमाल करने के बाद कोई भी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अब जानते हैं इससे जुड़ी प्रीकॉशन्स और वॉर्निंग्स के बारे में।
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प्रीकॉशन्स और वॉर्निंग्स
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि इसके सेवन या इस्तेमाल करने से आप कुछ समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। इसलिये इसे लेने से पहले कुछ खास चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानें इसके बारे में:
- ओरल यूज : एक्टिवेटेड चारकोल का अगर कम समय के लिए इस्तेमाल किया जाए तो यह सुरक्षित है। यही नहीं लॉन्ग-टर्म में भी इसका यूज किया जा सकता है। इसके सामान्य साइड इफेक्ट्स में कब्ज और ब्लैक स्टूल है।
- त्वचा पर इस्तेमाल: एडल्ट्स द्वारा किसी घाव पर इसके प्रयोग को भी सुरक्षित माना गया है। लेकिन अगर इसके बाद कोई समस्या हो, तो मेडिकल हेल्प लें।
- प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: अगर प्रेग्नेंसी या ब्रेस्टफीडिंग में इसका इस्तेमाल शार्ट-टर्म के लिए किया जाए तो भी इसे सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से अवश्य बात करें, ताकि आप और आपके शिशु को कोई नुकसान न हो।
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लॉकेज : गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लॉकेज या इंटेस्टाइन में फूड की स्लो मूवमेंट होने पर आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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यह तो थी एक्टिवेटेड चारकोल (Activated Charcoal) के बारे में पूरी जानकारी। इसे आप एक नेचुरल रेमेडी मान सकते हैं जिसके कई लाभ हैं। इसका इस्तेमाल आमतौर पर एमरजेंसी ओवरडोज और एंटी-पॉयजन ट्रीटमेंट में किया जाता है। लेकिन, इसके बारे में अभी पर्याप्त स्टडी नहीं की गयी है। हो सकता है कि यह आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही रखने, दुर्गंध से बचने, किडनी फंक्शन को सुधारने और गैस व डायरिया को कम करने में सहायक हो। लेकिन, अभी इसके फायदों को लेकर अधिक स्टडी की जानी आवश्यक है। इसके साथ ही इसे सही डोज में लें। अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से अवश्य जानें।
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