मखाना
सुपरफूड्स की लिस्ट में मखाना काफी ऊपर आता है। मकई के लावे (पॉपकॉर्न) के बजाय, मखाना बेहतरीन हेल्दी स्नैक है। मखाना प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और जिंक जैसे तत्वों से भरपूर होते है। मैग्नीशियम के कारण मखाना दिल की सेहत को दुरुस्त रखने में मददगार है। इसके अलावा यह हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापे को कम करने के लिए भी फायदेमंद है। मखाना, बुढ़ापे के लक्षणों को काबू करने और शरीर की सूजन से राहत पाने में भी फायदेमंद है।
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बीन्स और दाल
बीन्स और दालों में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की काफी अच्छी मात्रा पायी जाती है। बीन्स बच्चों को कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है, जो ऊर्जा के लिए बहुत जरूरी है। दाल में मौजूद प्रोटीन बच्चों में निरंतर ऊर्जा बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इनके सेवन से बच्चे के स्वास्थ्य और दिमागी क्षमता को बढ़ाने में बहुत मदद मिलती है। इन्हें भी सुपरफूड की कैटेगरी में रखा जाता है।
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केला
केला भी सुपरफूड्स में से एक है। केले में भरपूर विटामिन बी-कॉम्पलेक्स, खासकर बी6 और मैग्नीशियम होता है, जो नर्वस सिस्टम को शांत करता है। इसमें भारी मात्रा में ट्रिप्टोफन भी होता है, जो सेरोटोनिन में परिवर्तित हो जाता है, जिससे आपका मूड अच्छा होता है। आपको चाहिए कि अपने न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह करके इन सभी सुपरफूड्स को अपनी डायट में शामिल करें।
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अंडा
अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए अंडा भी एक अच्छा सुपरफूड है। अंडे में विटामिन और प्रोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो कि मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें मौजूद आवश्यक पोषक तत्वों से दिमागों में सेल्स का विकास होता है। जिससे दिमाग बहुत तेज चलता है। इसके अलावा अंडे के इस्तेमाल से न केवल दिमागी क्षमता में वृद्धि होती है, बल्कि शारीरिक विकास के लिए भी अच्छा है।
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सोयाबीन
सोयाबीन भी सुपरफूड्स में से एक है। बच्चे के आहार में सोयाबीन शामिल करें। ये हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती देने में इसकी बहुत भूमिका होती है। सोयाबीन साबूत, बड़ी और कूटे हुए टुकड़ों में मिल जाएंगी। जिसकी सब्जी, पुलाव, बिरियानी आदि तरह के व्यंजन बना कर बच्चे को खाने में दें। सोयाबीन में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है। ये शरीर के विकास में मदद करता है।
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बीज
कीटो डायट के चलन से सीड्स का खाना बेहद लोकप्रिय हो चूका है। इन्हे सबसे हैल्थी स्नैक माना जाता है। चिया सीड्स से लेकर कदु के बीज तक सभी को आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। आप चाहें तो इन्हें देसी घी में भूनकर खा सकते हैं।
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जई
कार्ब्स को खत्म को खत्म करने वाला यह साबुत अनाज एक औषधि की तरह काम करता है। कार्ब्स के अलावा जई वसा को भी कम करने में मदद करता है। इस अनाज को एक समय पर सस्ता होने के कारण गरीब का गेहूं भी कहा जाता था। आज के समय में इसके भूख को लड़ने वाले गुण और कोलेस्ट्रॉल को कम करना इसे लोकप्रिय बना चूका है।
जई का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। यानि यह अन्य खाद्य पदार्थो के मुकाबले रक्त में शुगर की मात्रा को धीरे बढ़ाता है। इसके साथ ही इसमें आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन ई भी मौजूद होते हैं। आप चाहें तो इसे केलॉग्स के सीरियल की तरह या इसके आते की रोटी बनाकर भी खा सकते हैं।
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अलसी
अलसी में पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं जो की हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसके साथ ही यह माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन बी, मैंगनीज और ओमेगा 3 से भी भरपूर होते हैं।
आप अलसी को रुखा या घी में भूनकर खा सकते हैं।
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