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Stages of colorectal cancer: कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज और कैसे होता है इसका उपचार, जानिए

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/06/2022

    Stages of colorectal cancer: कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज और कैसे होता है इसका उपचार, जानिए

    जिस कैंसर की शुरुआत कोलन से होती है, उसे कोलन कैंसर कहा जाता है। जबकि, रेक्टम में होने वाले कैंसर को रेक्टम कैंसर कहा जाता है। जो कैंसर इनमें से किसी भी ऑर्गन को प्रभावित कर सकता है उसे कोलोरेक्टल कैंसर के नाम से जाना जाता है। लेकिन, सभी मामलों के लिए यह सच नहीं है, अधिकतर कोलोरेक्टल कैंसर आमतौर पर एडिनोमेटस पोलिप्स में समय के साथ डेवलप होते हैं। इस कैंसर से जुड़े कुछ रिस्क फैक्टर्स हैं कोलन या रेक्टल कैंसर (Rectal cancer) की हिस्ट्री, डायट, एल्कोहॉल, स्मोकिंग और इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (inflammatory bowel disease) आज हम बात करने वाले हैं कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer) के बारे में। लेकिन, कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer) से पहले इस कैंसर के बारे में थोड़ा और जान लेते हैं।

    कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer): पाएं पूरी जानकारी

    जैसा कि पहले ही बताया गया है कि कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) वो कैंसर है जिसकी शुरुआत लार्ज इंटेस्टाइन यानी कोलन या रेक्टम से होती है। अन्य तरह के कैंसर भी कोलन को प्रभावित कर सकते हैं जैसे लिंफोमा (Lymphoma), मेलेनोमा (Melanoma), और सार्कोमा (Sarcomas) आदि। हालांकि, यह दुर्लभ हैं। इसके कारण इस प्रकार हो सकते हैं:

    कोलोरेक्टल कैंसर के कारण क्या हैं?

    लगभग सभी कोलोरेक्टल कैंसर की शुरुआत कोलन और रेक्टम की लायनिंग में होती है। इस कैंसर का कोई सिंगल कारण नहीं है। सभी कोलन कैंसरस की स्टार्टिंग बिनाइन पोलिप्स से होती है जो धीरे-धीरे कैंसर में प्रतिवर्तित हो सकते हैं। कोलोरेक्टल कैंसर से जुड़े कुछ रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं:

    • उम्र का 45 से अधिक होना
    • अधिक रेड या प्रोसेस्ड मीट खाना
    • कोलोरेक्टल पोलिप्स होना
    • इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (Inflammatory bowel disease) होना
    • कोलन कैंसर की हिस्ट्री होना

    कुछ इनहेरिटेड डिजीज भी कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) के विकसित होने का जोखिम बढ़ सकता है। कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer) से पहले जान लेते हैं कि क्या हैं इसके लक्षण?

    और पढ़ें: मेटास्टेटिक कोलोरेक्टल कैंसर (Metastatic Colorectal Cancer) क्या है?

    कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) के लक्षण क्या हैं?

    कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) के अधिकतर मामलों में कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन, यह स्थितियां इस कैंसर का संकेत हो सकती हैं:

    अब जानिए कौन सी हैं कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer)?

    और पढ़ें: Colorectal Cancer: कोलोरेक्टल कैंसर क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय

    कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer)

    अगर किसी व्यक्ति में कोलोरेक्टल कैंसर का निदान हुआ है, तो डॉक्टर जिस चीज के बारे में सबसे पहले जानने की कोशिश करेंगे, वो है कैंसर की स्टेज। स्टेज इस चीज को रिप्रेजेंट करती हैं कि कैंसर का प्रकार क्या है और यह कितनी दूर तक फैल गया है? इसके साथ ही इससे ट्रीटमेंट के बारे में निर्धारित किया जा सकता है। कोलोरेक्टल कैंसर को टीएनएम (TNM) स्टेजिंग सिस्टम के आधार पर स्टेजड किया जाता है। इस सिस्टम में निम्नलिखित फैक्टर्स को ध्यान में रखा जाता है:

    • प्रायमरी ट्यूमर (Primary tumor) (T). टी इस बात को बताता है कि ओरिजिनल ट्यूमर कितना बड़ा और क्या यह कैंसर कोलन की वॉल में ग्रो हो चुका है या पास के ऑर्गन्स या स्ट्रक्चर तक फैल गया है?
    • रीजनल लिम्फ नोड्स (Regional lymph nodes) (N): यह इस बात को बताती है कि क्या कैंसर सेल्स नजदीक के लिम्फ नोड्स तक फैल गया है या नहीं।
    • डिस्टेंट मेटास्टेसिस (Distant metastases) (M). एम यह बताता है कि क्या कैंसर कोलन से शरीर के अन्य भागों, जैसे फेफड़े या लिवर में मेटास्टेसाइज (फैला हुआ) हो गया है या नहीं।

    कुछ मामलों में, ट्यूमर या नोड्स का आकलन करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं होती है। ऐसे में इसे नंबर्स (जैसे T1 या N1 में) की जगह कैंसर केटेगरी TX या NX का इस्तेमाल किया जाता है। अब जानते हैं कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer) के बारे में विस्तार से।

    कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज, Stages of colorectal cancer

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    कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer): कौन सी हैं इसकी पांच स्टेजेज

    कैंसर को और भी आगे क्लासिफाइड किया जाता है और इस प्रॉब्लम की सीमा को बताने के लिए एक नंबर और लेटर का इस्तेमाल किया जाता है। कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer) इस प्रकार हैं:

    स्टेज 0 (Stage 0)

    यह कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) की शुरुआती स्टेज है। स्टेज 0 का अर्थ है कि कैंसर म्यूकोसा, या कोलोरेक्टल की सबसे अंदरूनी परत से आगे नहीं बढ़ा है।

    स्टेज 1 (Stage 1)

    स्टेज 1 कोलोरेक्टल कैंसर का अर्थ है कि कैंसर इनरमोस्ट लेयर यानी म्यूकोसा (Mucosa) से कोलन की अगली लेयर यानी सबम्यूकोसल (Submucosa) तक ग्रो हो चुका है। हो सकता है कि यह मस्कुलर लेयर में भी ग्रो हो गया है, जिसे मस्क्युलरिस प्रोप्रिया (Muscularis propria) कहा जाता है। लेकिन, यह लिम्फ नोड्स तक नहीं फैला होता।

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    कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer): स्टेज 2 (Stage 2)

    स्टेज 2 कोलन कैंसर में, बीमारी थोड़ी और एडवांस हो चुकी होती है और म्यूकोसा (Mucosa) और सबम्यूकोसल (Submucosa) से परे ग्रो हो चुका होता है। स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर भी आगे 2ए (2A), 2बी (2B), या 2सी (2C) में विभाजित किया जाता है।

    • स्टेज 2ए (Stage 2A): इस स्टेज का अर्थ है कि कैंसर लिम्फ नोड्स या नियरबाय टिश्यू तक नहीं फैला होता है। यह कोलन के आउटर लेयर्स तक पहुंच गया होता है। लेकिन, पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता।
    • 2बी (Stage 2B): इस स्टेज का अर्थ है कि कैंसर लिम्फ नोड्स तक नहीं फैला है लेकिन यह कोलन के आउटर लेयर और विसेरल पेरिटोनियम (Visceral Peritoneum) तक ग्रो हो चुका होता है।
    • स्टेज 2सी (Stage 2C): इस स्टेज में कैंसर लिम्फ नोड्स तक नहीं स्प्रेड हुआ होता। लेकिन, यह कोलन की आउटर लेयर के साथ ही पास के ऑर्गन्स और स्ट्रक्चर तक ग्रो हो चुका होता है।

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    कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer): स्टेज 3 (Stage 3)

    स्टेज 3 कोलोरेक्टल कैंसर को भी आगे अन्य स्टेजेज में बांटा गया है, जो इस प्रकार है:

    • स्टेज 3ए (Stage 3A):इस स्टेज का अर्थ है कि ट्यूमर कोलन की मस्कुलर लेयर्स तक फैल गया है और नजदीक के लिम्फ नॉड्स तक स्प्रेड हो गया है। लेकिन, यह दूर के नॉड्स और ऑर्गन्स तक नहीं फैला है।
    •  3बी (Stage 3B): निम्नलिखित सिचुऎशन्स में कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) को स्टेज 3बी में क्लासिफाइड किया जा सकता है:

    1)अगर ट्यूमर कोलन की सबसे बाहरी लेयर्स में फैल गया हो और विसेरल पेरिटोनियम (Visceral Peritoneum) में प्रवेश कर गया हो।

    2) यह तीन में से एक लिम्फ नोड्स में भी पाया जा सकता है।

    • स्टेज 3सी (Stage 3C): इस स्टेज का अर्थ है कि ट्यूमर मस्कुलर लेयर्स के परे फैल गया है। कैंसर चार या और अधिक लिम्फ नोड्स में भी पाया जा सकता है। लेकिन, यह दूर के अंगों तक स्प्रेड नहीं हुआ होता।

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    कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer): स्टेज 4 (Stage 4)

    स्टेज 4 कोलोरेक्टल कैंसर को भी सबस्टेजेज में बांटा गया है, जो इस प्रकार है:

    • Stage 4A (स्टेज 4ए ):यह स्टेज बताती है कि कैंसर किसी दूर के अंग तक फैल गया है जैसे लिवर, लंग या लिम्फ नोड्स।
    • Stage 4B (स्टेज 4बी): यह स्टेज बताती है कि कैंसर दो या अधिक दूर की साइट्स तक फैल गया है लेकिन पेरिटोनियम तक नहीं स्प्रेड हुआ है।
    • स्टेज 4सी (Stage 4C): इसका अर्थ है कि कैंसर पेरिटोनियम (Peritoneum) तक फैल गया है।

    यह तो थी जानकारी कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer) के बारे में। अब जानिए हर स्टेज का उपचार कैसे हो सकता है?

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    स्टेज के अनुसार कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) का उपचार कैसे संभव है?

    कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer) के उपचार इसकी स्टेजेज पर निर्भर करता है। इसके साथ ही इसके उपचार में कैंसर का ग्रेड, रोगी की उम्र और संपूर्ण स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाता है। स्टेजेज के अनुसार इस कैंसर का उपचार इस प्रकार है:

    • स्टेज 0 (Stage 0): इस स्टेज में उपचार के रूप में केवल सर्जरी का सुझाव दिया जाता है
    • कोलोरेक्टल कैंसर स्टेज 1 (Stage 1): स्टेज 1 कोलोरेक्टल कैंसर के लिए अकेले सर्जरी की सलाह दी जाती है। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक ट्यूमर के स्थान और आकार के आधार पर भिन्न हो सकती है।
    • स्टेज 2 (Stage 2): कोलन और आसपास के लिम्फ नोड्स के कैंसरस सेक्शन को रिमूव करने के लिए सर्जरी की राय दी जाती है। कुछ मामलों में कीमोथेरेपी की सलाह भी दी जा सकती है
    • कोलोरेक्टल कैंसर स्टेज 3 (Stage 3): इस स्टेज के उपचार में ट्यूमर और लिम्फ नोड्स को रिमूव करने के लिए सर्जरी और उसके बाद कीमोथेरेपी के लिए कहा जाता है। कुछ मामलों में रेडिएशन थेरेपी की भी सलाह दी जा सकती है।
    • स्टेज 4 (Stage 4): स्टेज 4 कोलोरेक्टल कैंसर के उपचार में सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी के लिए कहा जा सकता है। कुछ मामलों में टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी के लिए भी कहा जा सकता है।

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    यह तो थी जानकारी कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer) के बारे में जानकारी। कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेज (Stages of colorectal cancer) के बारे में जानकारी होना जरूरी है। शुरुआती स्टेजेज में इसका निदान होने से इसका उपचार होना और सर्वाइवल रेट की संभावना अधिक होती है। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से अवश्य पूछें।

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