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Lung Cancer Stages: लंग कैंसर स्टेज के बारे में पूरी जानकारी!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/06/2022

    Lung Cancer Stages: लंग कैंसर स्टेज के बारे में पूरी जानकारी!

    इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (Indian Council for Medical Research) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार साल 2025 तक भारत में कैंसर पेशेंट्स की संख्या 26.7 मिलियन से बढ़कर 29.8 मिलियन हो सकती है। कैंसर की समस्या अलग-अलग होती है और जिस ऑर्गन में कैंसर की समस्या हो उसे उसी से जोड़कर बोला जाता है जैसे लंग्स में कैंसर होने पर लंग कैंसर कहा जाता है या ब्रेस्ट में कैंसर होने पर ब्रेस्ट कैंसर। आज इस आर्टिकल में लंग कैंसर स्टेज (Lung Cancer Stages) को समझेंगे। वैसे तो कैंसर गंभीर और जानलेवा बीमारियों में से एक है, लेकिन अगर कैंसर का सही वक्त या शुरुआती स्टेज में इलाज शुरू किया जाए तो कैंसर से भी बचाव संभव है। इसलिए लंग कैंसर स्टेजिंग (Lung cancer staging) को समझना जरूरी है। 

    लंग कैंसर जिसे आम बोलचाल की भाषा में फेफड़े का कैंसर कहते हैं। फेफड़े में कैंसर की समस्या तब शुरू होती है जब लंग्स के टिशू असामान्य गति से बढ़ने लगते हैं और धीरे धीरे ट्यूमर बनने लगते हैं। ऐसी स्थिति होने पर बॉडी में ऑक्सिजन (Oxygen) सप्लाई में बाधा पहुंचती है। ऑक्सिजन की सप्लाई में कमी व्यक्ति को कमजोर और बीमार बनाने के लिए काफी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organisation) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार कैंसर के कारण होने वाली मौतों में लंग कैंसर के पेशेंट्स की संख्या ज्यादा होती है। लंग कैंसर स्टेज (Lung Cancer Stages) अलग-अलग होते हैं, जिनके बारे में आगे समझेंगे।  

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    लंग कैंसर स्टेज कौन-कौन से होते हैं? (Lung Cancer Stages) 

    लंग कैंसर स्टेज को समझने से पहले इससे जुड़ी कुछ बातों को समझना जरूरी है। जैसे लंग कैंसर दो अलग-अलग प्रकार के होते हैं-

    1. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (Non-small cell lung cancer)
    2. स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small cell lung cancer)

    इन दोनों लंग कैंसर की स्टेजिंग अलग-अलग होती है, जिसे डॉक्टर डायग्नोसिस के बाद जानकारी देते हैं। 

    1. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (Non-small cell lung cancer)

    अमेरिकन कैंसर सोसाइटी में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 80 से 85 प्रतिशत फेफड़े के कैंसर नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (Non-small cell lung cancer) होते हैं। नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर तीन अलग-अलग तरह के होते हैं। 

    1. एडिनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma)- तकरीबन 40 प्रतिशत तक लंग कैंसर पेशेंट्स में एडिनोकार्सिनोमा की समस्या होती है। यह ऐसी स्थिति है जब कैंसर सेल्स लंग्स के साथ-साथ लंग्स के बाहरी हिस्सों में भी फैल जाता है। 
    2. स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous cell carcinoma)- 25 से 30 प्रतिशत तक लंग कैंसर पेशेंट्स में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा की समस्या होती है। स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा लंग्स के बीच में डेवलप होता है। 
    3. लार्ज सेल कार्सिनोमा (Large cell carcinoma)- लंग्स कैंसर पेशेंट्स में 10 से 15 प्रतिशत पेशेंट्स में लार्ज सेल कार्सिनोमा की समस्या देखी जाती है। यह फेफड़े के किसी भी हिस्से में फैलने के साथ ही तेजी से बढ़ने वाले कैंसर की लिस्ट में शामिल है। 

    इन तीन बातों को ध्यान में रखकर ही नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के स्टेज के बारे में जानकारी देते हैं। 

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    नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के स्टेज कौन-कौन से हैं? (Stages of Non-small cell lung cancer)

    ऑन्कोलॉजिस्ट नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के स्टेज को समझने के लिए:-

    1. ट्यूमर ऑर्गन में कहां है और उसका साइज क्या है यह ध्यान देते हैं। 
    2. लिम्फ नॉड या फिर इसके आसपास कैंसर फैला है या नहीं। 
    3. कैंसर किसी दूसरे ऑर्गन में भी फैल चूका है। 

    इन तीन बातों को ध्यान में रखकर ही नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के स्टेज के बारे में जानकारी देते हैं। 

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    1. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर स्टेज 1 (Non-small cell lung cancer Stage 1): स्टेज 1 का मतलब है कि कैंसर अभी फेफड़े के एक ही हिस्से में है जो अभी दूर ऑर्गन तक नहीं फैला है।  

    2. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर स्टेज 2 (Non-small cell lung cancer Stage 2): स्टेज 2 में कैंसर का होने का अर्थ है कि यह 3 cm तक फैल चूका है। इस स्टेज में कैंसर चेस्ट के बीच स्थिति लिम्फ नॉड्स में फैल चूका है, लेकिन दूसरे ऑर्गन तक नहीं पहुंचा है। 

    3. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर स्टेज 3 (​​Non-small cell lung cancer Stage 3): स्टेज 3 में कैंसर का सामान्य से ज्यादा बड़ा होना होता है। अगर नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर स्टेज 3 में है तो यह 7 cm तक बड़ा हो चूका है और यह इस स्टेज में भी दूसरे ऑर्गन तक नहीं पहुंचा है। नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर स्टेज 3 को दो अलग-अलग लेवल में डिवाइड किया गया है। 

    a) नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर स्टेज 3 ए (Non-small cell lung cancer 3a): इसका अर्थ है कैंसर सेल्स चेस्ट में होने के बावजूद यह चेस्ट के दूसरे हिस्से तक नहीं फैला है। 

    b) नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर स्टेज 3 बी (Non-small cell lung cancer 3b): अब अगर नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर स्टेज 3 बी की जानकारी मिलती है, तो इसका अर्थ यह है कि कैंसर सेल्स फेफड़े के पिछले हिस्सा (Opposite lung) या फिर कॉलर बोन (Collar bone) तक पहुंच चूका है। 

    4. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर स्टेज 4 (Non-small cell lung cancer Stage 4): इस स्टेज में कैंसर सेल्स सिर्फ लंग्स ही नहीं, बल्कि हार्ट और दूर ऑर्गन को भी अपना शिकार बना लेते हैं। 

    ये हैं चार अलग-अलग नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के स्टेज और स्टेज के अनुसार ही डॉक्टर ट्रीटमेंट शुरू करते हैं।

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    2. स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small cell lung cancer)

    लंग कैंसर पेशेंट्स में 15 प्रतिशत पेशेंट्स स्मॉल सेल लंग कैंसर के शिकार होते हैं। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार स्मॉल सेल लंग कैंसर दो अलग-अलग कटैगरी में डिवाइड किया गया है। 

    1. लिमिटेड स्टेज (Limited stage)- स्मॉल सेल लंग कैंसर में लिमिटेड स्टेज का अर्थ है कि कैंसर सेल्स सीने (Chest) एवं फेफड़े (Lungs), लिम्फ नॉड (Lymph node) इनमें से दोनों या किसी एक ऑर्गन में फैला हुआ होता है।  

    2. एक्सटेंसिव स्टेज (Extensive stage)- चेस्ट के दूसरे ओर कैंसर का फैलना एक्सटेंसिव स्टेज कहलाता है। 

    स्मॉल सेल लंग कैंसर के स्टेज (Small cell lung cancer stage) में ये दो स्टेज शामिल हैं। 

    लंग कैंसर स्टेजिंग (Lung cancer staging) को समझने के लिए और इलाज के लिए सबसे पहले डायग्नोसिस की प्रक्रिया शुरू होती है, लेकिन सबसे पहले इसके लक्षण को समझते हैं।

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    लंग कैंसर के लक्षण क्या हैं? (Lung cancer symptoms)

    लंग कैंसर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

    • कफ (Cough) की समस्या ज्यादा दिनों से बने रहना और ठीक नहीं होना।
    • सीने में दर्द (Chest pain) होना और खांसने या हंसने पर सीने में दर्द अत्यधिक तेज हो जाना।
    • सांस लेने में तकलीफ (Shortness of breath) होना।
    • आवाज में बदलाव (Hoarse voice) आना।
    • गले से घरघराहट (Wheezing) की आवाज आना।
    • अपने आप वजन कम (Weight lose) होना।
    • कमजोरी (Weak) महसूस होना।
    • हमेशा थका (Tired) हुआ महसूस होना।

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    लंग कैंसर स्टेजिंग का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Lung cancer staging)

    लंग कैंसर स्टेज (Lung Cancer Stages)

    लंग कैंसर स्टेजिंग की जानकारी के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट की सलाह देता है जैसे फेफड़ों को देखने के लिए इमेजिंग टेस्ट (स्पाइरल सीटी स्कैन (CT Scan), पीईटी स्कैन (PET Scan) ट्यूमर की पहचान करने के लिए और थूक की जांच के लिए साइटोलॉजी नामक लैब टेस्ट आदि। ऑन्कोलॉजिस्ट बायोप्सी टेस्ट (Biopsy test) भी करवा सकते हैं। बायोप्सी का मतलब है कि कैंसर कोशिकाओं को माइक्रोस्कोप से देखने के लिए फेफड़े के टिश्यू का एक छोटा सा नमूना लेना। नमूना प्राप्त करने के कई तरीके हैं:

    ब्रोंकोस्कोपी (Broncoscopy): सैंपल लेने के लिए मुंह या नाक के माध्यम से फेफड़ों तक एक पतली ट्यूब का उपयोग किया जाता है ।

    बायोप्सी (Biopsy): छाती के टिश्यू का नमूना लेने के लिए छाती में एक छोटी सी सुई डाली जाती है। दर्द को रोकने के लिए उस जगह को सुन्न कर दिया जाता है।

    थोरेसेंटिस (Thoracentesis): इसमें भी सुई का ही इस्तेमाल किया जाता है, परन्तु आपके फेफड़ों से कोशिकाओं को लेने के बजाय, फेफड़ों के आसपास के तरल पदार्थ को कैंसर कोशिकाओं की जांच के लिए लिया जाता है।

    थोरैकोटॉमी (Thoracotomy): यह फेफड़े के कैंसर के डाइग्नोस का एक आखिरी तरीका होता है, जो सर्जरी के रूप में होता है, जिसका उपयोग केवल तब किया जाता है, जब निदान का कोई अन्य तरीका नहीं बचता है।

    इन टेस्ट के साथ-साथ अलग टेस्ट की भी आवश्यकता पड़ सकती है। दरअसल टेस्ट पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health Condition) और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर किया जाता है।

    नोट: लंग कैंसर स्टेजिंग (Lung cancer staging) और पेशेंट की हेल्थ को ध्यान में रखकर इलाज किया जाता है।

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    कैंसर का नाम सुनते ही ज्यादातर मरीज या उनके केयर टेकर परेशान हो जाते हैं। जबकि डॉक्टर्स एवं अलग-अलग रिसर्च रिपोर्ट की मानें तो किसी भी गंभीर बीमारी की जानकारी अगर शुरुआती स्टेज में मिल जाए तो उस बीमारी को हराना आसान होता है। इसलिए शरीर में होने वाले अच्छे बुरे सभी तरह के बदलाव पर ध्यान दें और परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें।

    अगर आप लंग कैंसर स्टेज (Lung Cancer Stages) से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे।

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