कफ निकालने के उपाय के लिए ब्रोमलेन
ब्रोमलेन एंजाइम कफ को साफ करने में मदद करता है। ब्रोमलेन एंजाइम होता है जो कि पाइनएप्पल में पाया जाता है। ब्रोमलेन में एंटी इंफ्लामेट्री गुण और म्युकोलाइट प्रॉपर्टी होती है। इस कारण से म्युकस को ब्रेकडाउन करके शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। कुछ लोग गले में कफ की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना एक ग्लास पाइन एप्पल जूस पीते हैं। ब्रोमलेन की बहुत कम मात्रा जूस से मिल पाती है। अगर आप सप्लीमेंट लेना चाहते हैं तो बेहतर रहेगा कि एक बार डॉक्टर से संपर्क करें। कुछ लोगों को हर्ब या फिर ब्रोमलेन से एलर्जी हो सकती है। जो लोग ब्लड थिनर्स ले रहे हो या फिर कोई एंटीबॉडी ले रहे हो, उन्हें ब्रोमलेन नहीं लेना चाहिए। अधिर जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें।
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कफ निकालने के उपाय में प्रोबायोटिक्स का उपयोग
प्रोबायोटिक्स माइक्रोआर्गेनिज्म होते हैं जो शरीर को लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। प्रोबायोटिक्स को वैसे तो कफ निकालने के उपाय के तौर पर सीधे नहीं शामिल किया जा सकता है, क्योंकि इससे खांसी में राहत नहीं मिलती है। प्रोबायोटिक्स की हेल्प से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फ्लोरा बैक्टीरिया को बैलेंस करने में हेल्प मिलती है। इम्युन सिस्टम को मजबूत करने के लिए ये बैक्टीरिया मददगार साबित होता है। इसका शरीर में मौजूद रहना जरूरी होता है। लैक्टोबैसिलस फ्लू या फिर ठंड की समस्या को खत्म करने का काम करता है। आप चाहे तो फोर्टिफाइड दूध का इस्तेमाल कर सकती हैं क्योंकि ये लैक्टोबैसिलस का एक बड़ा स्रोत है। वैसे तो डेयरी प्रोडक्ट कफ को थिक करने का काम करते हैं। ऐसे में आप चाहे दही या फिर दूध की जगह प्रोबायोटिक्स सप्लीमेंट का भी यूज कर सकते हैं। बेहतर रहेगा कि इस बारे में एक बार डॉक्टर से परामर्श करें।
एन-एसिटाइलसिस्टीन ( N-acetylcysteine)
NAC एक सप्लीमेंट है जो कि अमीनो एसिड-एल-सिस्टीन से बना हुआ है। इस सप्लीमेंट की दैनिक खुराक से एयरवेज में म्युकस की मात्रा में कमी होती है और खांसी भी कम हो जाती है। ये सप्लीमेंट क्रोनिक ब्रोंकाइटिस वाले लोगों में लक्षणों को काफी कम करने में भी मदद करता है। क्रोनिक ब्रोंकाइटिस से एयरवेज में सूजन हो जाती है। इस कारण से म्युकस का बनना, खांसी और अन्य लक्षण दिखाई देते हैं। रिचर्स में ये बात सामने आई है कि जिन लोगों को एयरवेज में समस्या नहीं है उन्हें 600 मिलीग्राम और एयरवेज में समस्या वाले लोगों के लिए 1,200 मिलीग्राम का डोज लेना चाहिए। इस सप्लीमेंट के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। बेहतर रहेगा कि एक बार डॉक्टर से संपर्क करें और फिर सप्लीमेंट लें।
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कफ निकालने के उपाय: पिपरमेंट
कप निकालने के उपाय के लिए पिपरमेंट का यूज भी किया जा सकता है। पिपरमेंट की पत्तियां अपनी हीलिंग प्रॉपर्टी के कारण जानी जाती हैं। पिपरमेंट में उपस्थित मेंथॉल गले की खराश को सही करके कफ निकालने की प्रक्रिया को आसान करता है। ये म्युकस के ब्रेकडाउन करने का काम करता है। आप चाहे तो पिपरमेंट का यूज टी के रूप में या फिर पिपरमेंट वेपर स्टीम बाथ के रूप में कर सकते हैं। स्टीम बाथ को प्रिपेयर करने के लिए 150 एमएल गर्म पानी में तीन से चार बूंद पिपरमेंट ऑयल की डाले। अब अपने सिर में तौलिया डालकर तेजी से सांस को अंदर करें। ऐसा करने से गले में जमा हुआ कफ ढीला पड़ जाएगा और बाहर निकलेगा। कफ निकालने के उपाय में पिपरमेंट को बेहतर माना जाता है।
कफ निकालने के उपाय में हल्दी का उपयोग
हल्दी में कर्क्यूमिन ( curcumin) कम्पाउंड होता है। हल्दी में एंटीइफ्लामेट्री गुण होता है। सूखी खांसी में हल्दी का प्रयोग फायदेमंद होता है। हल्दी के साथ काली मिर्च लेने पर कफ की समस्या से राहत मिलती है। आप चाहे तो पेय पदार्थ में भी एक टेबलस्पून हल्दी और 1/8 टेबलस्पून काली मिर्च मिला सकते हैं। इसकी गर्म चाय भी बनाकर पी जा सकती है।
कफ निकालने के उपाय में अजवाइन का लें सहारा
कफ निकालने के उपाय के लिए अजवाइन के पत्ते का उपयोग भी बेहतर उपाय है। इसे थाइम (Thyme) भी कहते हैं। स्टडी के दौरान ये बात सामने आई है कि अजवाइन की पत्ती को पीसकर निकाला गया रस आईवी ( ivy ) के मिक्स करके लेने से कफ की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही शॉर्ट ब्रोंकाइटिस की समस्या से भी राहत मिलती है।अजवाइन की पत्तियों में फ्लेवोनोइड्स (flavonoids ) नामक यौगिक होता है जो गले की मांसपेशियों को रिलेक्स करने का काम करता हैं। साथ ही खांसी के कारण हुई सूजन को भी कम करने का काम करता है।आप चाहे तो अजवाइन के पत्तों की स्टीम भी ले सकते हैं। दो टेबलस्पून क्रश्ड थाइम लीव्स को एक कप उबलते हुए पानी में डालें। अब कप में पानी डालकर उसे 10 मिनट के लिए बंद करे दें। फिर कुछ देर बाद भाप को अंदर की ओर खींचे। ऐसा करने से कफ की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
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कफ निकालने के उपाय: डायट में करें चेंज
एसिड रिफ्लक्स के कारण कफ की समस्या आम बात है। आपको सबसे पहले एसिड रिफ्लेक्स की समस्या पर काबू पाना होगा। इसके लिए ऐसे फूड को अवाइड करना होगा जो एसिड रिफ्लेक्स का कारण बनते हैं। कुछ फूड और तरल पदार्थ एसिड रिफ्लेक्स की समस्या को बढ़ाने का काम करते हैं।
- शराब
- कैफीन
- चॉकलेट
- सिट्रस फूड
- तला हुआ और फैटी फूड
- लहसुन और प्याज
- पुदीना
- मसालेदार भोजन
- टमाटर और टमैटो बेस्ड प्रोडक्ट