कई बार ऐसा होता है कि हमारे शरीर के किसी हिस्से में ब्लड क्लॉटिंग यानि कि खून के थक्के जम जाते हैं। जिसे हम कोई चोट या सामान्य समझकर अनदेखा कर देते हैं। लेकिन वहीं से हमारी सबसे बड़ी लापरवाही और गलती शुरू होती है। ब्लड क्लॉट को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। शरीर के किसी हिस्से में यदि खून का थक्का जम जाए, तो यह खतरनाक बीमारी का शुरूआती लक्षण भी हो सकता है, जिसमें से एक कैंसर की बीमारी भी है। इसके अलावा ब्लड क्लॉटिंग की समस्या को डीवीटी कहते हैं। आइए जानते हैं कि ब्लड क्लॉट और कैंसर (Blood clotting and cancer) में क्या संबं है और ऐसा क्या होता है। इसी के साथ ब्लड क्लॉट और कैंसर (Blood clotting and cancer) होने पर क्या लक्षण नजर आते हैं, यह भी जानें:
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ब्लड क्लॉट क्या (Blood Clotting) है?
ब्लड क्लॉट और कैंसर के बारे जानने से पहले ये जान लें कि कैंसर है क्या। सबसे पहले आपका यह जानना जरूरी है कि ब्लड क्लॉटिंग (blood clotting) है क्या। आम भाषा में हम इसे खून का थक्का कहते हैं। इसमें शरीर के किसी हिस्से में खून एक जगह जम कर इकट्ठा हो जाता है। जिसके कारण शरीर में सूजन (swelling) और कई अन्य दिक्कतें आने लगती हैं। ब्लड क्लॉट के भी कई प्रकार (Blood clot Types) होते हैं और यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किन कारणों से ब्लड क्लॉट की दिक्कत हुई है। जिसमें से एक कारण कैंसर जैसा डिजीज (Disease) भी है। कैंसर की कई स्थितयों में ब्लड क्लॉट होने लगता है।
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ब्लड क्लॉट और कैंसर: लक्षण (Cancer Symptoms)
ब्लड क्लॉट और कैंसर के बारे में बात करें, तो कई प्रकार के कैंसर में रक्त के थक्के जमना अधिक जोखिम की स्थिति पैदा कर सकते हैं, जिनमें शामिल है: पेट का कैंसर (Stomach Cancer), ब्रेन टयूमर ( Brain Tumor), लंग कैंसर, ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) और साथ-साथ ब्लड कैंसर, जैसे लिम्फोमा (lymphoma) और मायलोमा (myeloma) शामिल हैं।आपका कैंसर चरण जितना अधिक होगा, रक्त के थक्के के लिए आपका जोखिम उतना ही अधिक होगा। कैंसर के कई स्टेजेड में ब्लड क्लॉटेज लक्षण के रूप में नजर आ सकता है।
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ब्लड क्लॉट और कैंसर: उपचार (Treatment)
ब्लड क्लॉट और कैंसर के उपचार को समझने के लिए पहले कैसंर के उपचार के बारे में जानें। कई बार कैंसर के उपचार (Cancer Treatment) के दौरान भी लोगों में ब्लड क्लॉट बढ़ने लगता है, जिनमें शामिल हैं सर्जरी (Surgery), कीमोथेरिपी (Chemotherapy), हाॅर्मोनल थेरिपी (Hormonal therapy), और कैथेटर से जुड़े उपचार (Catheter-related treatment) आपके रक्त के थक्के के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अन्य जोखिम कारक (Risk Factor) की तरफ भी ध्यान देना है जरूरी
- रक्त का थक्का जमना (Blood clotting)
- फैमिल हिस्ट्री में होना (Family History)
- मांसपेशियों में गंभीर चोट (Muscle injury)
- गंभीर शारीरिक आघात (Physical trauma)
- गंभीर चिकित्सीय स्थितियां, जैसे डायबिटीज, ट्रामा, हार्ट प्रॉब्लम और लंग्स प्रॉब्लम (Heart Problem & Lung Problem)
- बहुत देर तक बैठना (Long Sitting Hours )
- अधिक वजन और मोटापा (Obesity)
- धूम्रपान (Smoking)
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ब्लड क्लॉटिंग के अन्य कारण (Causes)
कैंसर के अलावा ब्लड क्लॉटिंग के और भी कई कारण हो सकते हैं। बहुत सी डिजीज में ब्लड क्लॉटिंग ( Blood Clotting) को शुरूआती लक्षण माना जाता है, जिनमें शामिल हैं, जैसे कि:
हाथ पैरों में ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण
- सूजन आना
- दर्द होना (Pain)
- क्रैंप्स होना (Cramp)
दिल में ब्लड क्लॉटिंग के संकेत
दिल के किसी हिस्से में खून का थक्का बनने से दिल का दौरे या अटैक के खतरे को बढ़ देता है। लोग कहते हैं कि दिल का दौरा अचानक से पड़ा, पर हर केस में ऐसा नहीं होता है। अधिकतर लोगों में इसके शुरूआती लक्षण नजर आने लगते हैं, बस लोगों का ध्यान नहीं जाता है, जैसे कि:
- सांस लेने में तकलीफ (Breathing Problem)
- दिल की धड़कन का तेज होना (Fast Heartbeat)
- सोते समय सांस के साथ तेज आवाज आना
पेट में ब्लड क्लॉटिंग (Stomach)
गंभीर पेट दर्द और सूजन या फूड पॉइजनिंग जैसे मामलों में मरीज को ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। जिसमें कई सामान्य लक्षण नजर आ सकते हैं। जिसमें पेट में दर्द (Stomach Pain), उल्टी (Vomiting), चक्कर आना (Dizziness) और दस्त (Diarrhea) जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं। गभीर मामलों में तो शरीर का रंग भी बदलने लगता है।
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मस्तिष्क में ब्लड क्लॉटिंग (Brain)
मस्तिष्क में जमे रक्त के थक्के को स्ट्रोक के रूप में जाना जाता है। स्ट्रोक का अटैक पड़ने से पहले शरीर में कई लक्षण नजर आने लगते हैं, जैसे कि सांस लेने में तकलीफ (Breathing Problem), सिर दर्द होना, चक्कर, उल्टी (Vomiting) और अन्य कई लक्षण।
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ब्लड क्लॉटिंग को रोकने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
ब्लड क्लॉट और कैंसर से बचाव के लिए आप कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपायों को भी अपना सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- हल्दी में मौजूद एक्टिव कंपाउंड (Active compound) करक्यूमिन के रूप में जाना जाता है, जो थक्कों को रोकने के लिए ब्लड प्लेटलेट्स (Blood platelets) पर काम करता है। औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी क्लॉटिंग के कारण (Turmeric Causes of Clotting) बनने वाले दर्द को ठीक करने में भी मददगार है। हल्दी में कई जैव-सक्रिय गुण पाए जाते हैं।
- अदरक को आयुर्वेद में रामबाण माना जाता है, जो रक्त के थक्के को रोक सकता है। इसमें सैलिसिलेट (Salicylates) नामक एक प्राकृतिक एसिड होता है। एस्पिरिन (Aspirin) सैलिसिलेट का सिंथेटिक व्युत्पन्नरक्त पतला करने में मदद करता है। अदरक का सेवन रोज करें।
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- विटामिन ई (Vitamin E) कुछ अलग तरीकों से रक्त के थक्के को कम करता है।
- ब्लड क्लॉट के इलाज के लिए रोज रात को पानी में भिगोकर 2 से 4 पीस लहसुGarlic) खाएं।
- दालचीनी वाली चाय (Cinnamon Tea) का सेवन करें। इससे इस समस्या में आपको काफी आराम मिलेगा।
- हरी सब्जियों (Green Vegetable) का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करे।
- पानी अच्छी मात्रा में पिएं।
- बॉडी को डिटॉक्स ( Body Detox)करते रहें।
- अनार सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इसका रोजाना सेवन आपको ब्लड क्लॉटेज की समस्या से बचा सकता है।
तो इस तरह आपने जाना कि किसी तरह से ब्लड क्लॉट और कैंसर का संबंध है। इसके अलावा ब्लड क्लॉट अन्य कई कारणों से भी हो सकता है। जैसा कि मामला गंभीर है, इसलिए आपको ब्लड क्लॉट और कैंसर की अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।