न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स ऐसे कैंसर हैं जो उन कोशिकाओं से शुरू होते हैं जिन्हें न्यूरोएंडोक्राइन कोशिकाएं कहा जाता है। न्यूरोएंडोक्राइन कोशिकाओं में तंत्रिका कोशिकाओं और हार्मोन-उत्पादक कोशिकाओं के समान लक्षण होते हैं। न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स कई प्रकार के होते हैं। जिसमें से एक है पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma)। इस आर्टिकल में इस कैंसर के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
बता दें कि न्यरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स दुर्लभ होते हैं और यह बॉडी में कहीं भी हो सकते हैं। ज्यादातर न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स फेफड़े, अपेंडिक्स, छोटी आंत, रेक्टम और पैंक्रियाज में होते हैं। कुछ धीरे-धीरे विकसित होते हैं तो कुछ तेजी से। कुछ न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स अधिक मात्रा में हॉर्मोन प्रोड्यूस करते हैं तो कुछ हॉर्मोन रिलीज नहीं करते या इतना नहीं करते जो लक्षणों का कारण बन सके। इस प्रकार के न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स का डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट ट्यूमर के प्रकार और इसकी लोकेशन पर निर्भर करता है।
पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) क्या है?
पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) पूरी बॉडी में पाई जाने वाली स्पेसिफिक नर्व सेल्स की असामान्य वृद्धि है। ये विशिष्ट नर्व सेल्स बॉडी में महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देती हैं, जिसमें ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करना शामिल है। जब ये सेल्स असामान्य हो जाती हैं तो ट्यूमर का निमार्ण कर सकती हैं। जब ट्यूमर का निमार्ण एड्रेनल ग्लैंड्स में होता है जो इसे फियोक्रोमोसाइटोमास (Pheochromocytomas) कहते हैं और जब और जब ट्यूमर बॉडी में किसी अन्य जगह होता है तो इसे पैरागैंग्लिओमा कहा जाता है। पैरागैंग्लिओमा आमतौर पर नॉनकैंसरस (Benign) होते हैं, लेकिन कुछ पैरागैंग्लिओमा कैंसरस (Malignant) बन जाते हैं और बॉडी के दूसरे हिस्सों में भी फैल (Metastasize) सकते हैं।
ये दुर्लभ ट्यूमर हैं जो किसी भी उम्र में हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर ये व्यस्कों में 30-50 साल के बीच में डायग्नोस होते हैं। ज्यादातर पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) का कोई कारण नहीं होता है लेकिन कुछ जीन म्यूटेशन के कारण होते हें जो पेरेंट्स से बच्चों में पास होते हैं।
पैरागैंग्लिओमा आमतौर पर हॉर्मोन्स को सीक्रेट करते हैं जिन्हें केटेकोलेमिन्ज (Catecholamines) कहा जाता है जिसमें एड्रेनालाइन शामिल है। जो हाय ब्लड प्रेशर, तेज हार्टबीट, स्वेटिंग, सिर में दर्द का कारण बन सकता है। पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) का इलाज आमतौर पर सर्जरी के द्वारा किया जाता है जिसमें ट्यूमर को हटा दिया जाता है। अगर ये कैंसरस है और शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल रहा है तो एडिशनल ट्रीटमेंट शुरू किया जा सकता है।
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पैरागैंग्लिओमा के लक्षण (Paraganglioma Symptoms)
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स हमेशा लक्षण और संकेत का कारण नहीं बनते। लक्षणों को आप ट्यूमर की लोकेशन और हॉर्मोन के प्रोडक्शन पर महसूस कर सकते हैं। सामान्य तौर पर न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के लक्षणों में निम्न शामिल हैं।
- बढ़ते हुए ट्यूमर के चलते दर्द होना
- स्किन के अंदर लम्प का बढ़ना
- असामान्य रूप से थकान महसूस होना
- बिना प्रयास के वजन कम होना
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स जो अधिक हॉर्मोन प्रोड्यूस करते हैं। वे निम्न का कारण बन सकते हैं।
- डायरिया
- बार-बार पेशाब जाना
- प्यास अधिक लगना
- चक्कर आना
- त्वचा पर चकत्ते होना
- त्वचा निस्तब्धता
अगर ऊपर बताए गए लक्षण लंबे समय से दिखाई दे रहे हैं जो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। साथ ही यह भी याद रखें कि ये लक्षण किसी दूसरी हेल्थ कंडिशन से भी मैच कर सकते हैं इसलिए घबराएं नहीं और डॉक्टर के दिए निर्देशों का पालन करें।
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पैरागैंग्लिओमा या न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स के कारण क्या हैं? (Paraganglioma Causes)
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स के सटीक कारण के बारे में जानकारी नहीं है। ये कैंसर ऐसी कोशिकाओं से शुरू होते हैं जिन्हें न्यूरोएंडोक्राइन कोशिकाएं कहा जाता है। न्यूरोएंडोक्राइन कोशिकाओं में तंत्रिका कोशिकाओं और हाॅर्मोन-उत्पादक कोशिकाओं के समान लक्षण होते हैं। न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स जब शुरू होते हैं जब न्यूरोएंडोक्राइन कोशिकाओं के डीएनड में म्यूटेशन होता है। सेल के अंदर मौजूद डीएनए के अंदर निर्देश रहते हैं कि कोशिकाओं को क्या करना है। बदलाव न्यूरोएंडोक्राइन कोशिकाओं को जल्दी जल्दी बढ़ने के लिए कहते हैं और ट्यूमर का निमार्ण हो जाता है।
कुछ न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स बहुत धीरे विकसित होते हैं कुछ अग्रेसिव होते हैं जो बॉडी के नॉर्मल टिशूज को खत्म करके बॉडी और इसके दूसरे हिस्सों में फैल जाते हैं।
पैरागैंग्लिओमा का डायग्नोसिस (Paraganglioma diagnosis)
पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) के निदान के लिए डॉक्टर निम्न टेस्ट रिकमंड कर सकते हैं।
रक्त और मूत्र परीक्षण (Blood and urine Test)
डॉक्टर आपके शरीर में हॉर्मोन के स्तर को मापने के लिए रक्त परीक्षण और मूत्र परीक्षण की सिफारिश कर सकता है। ये परीक्षण पैरागैंग्लोमा कोशिकाओं द्वारा उत्पादित अतिरिक्त हॉर्मोन या क्रोमोग्रानिन ए नामक ट्यूमर मार्कर का पता लगा सकते हैं।
इमेजिंग परीक्षण (Imaging test)
इमेजिंग परीक्षण द्वारा पैरागैंग्लोमा की तस्वीरे ली जाती हैं जिससे डॉक्टर को ट्यूमर की सीमा को बेहतर ढंग से समझने और सर्वोत्तम उपचार विकल्पों को निर्धारित करने में मदद मिलती है। टेस्ट में एमआरआई, सीटी, और विशेष परमाणु चिकित्सा इमेजिंग जैसे मेटाआयोडोबेंजिलगुआनिडाइन (Metaiodobenzylguanidine) स्कैन और पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (Positron emission tomography) स्कैन शामिल हो सकते हैं।
आनुवंशिक परीक्षण (Genetic testing)
Paragangliomas कभी-कभी जीन उत्परिवर्तन के कारण होते हैं जो माता-पिता से बच्चों में जा सकते हैं। आनुवंशिक परीक्षण की सिफारिश भी की जा सकती है।
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ट्रीटमेंट (Treatment)
मरीज का ट्रीटमेंट ऑप्शन उस पर निर्भर करता है कि पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) कहां पर है? क्या यह बॉडी के दूसरे हिस्सों में फैल गया है? क्या यह अधिक मात्रा में हॉर्मोन का प्रोडक्शन कर रहा है जो लक्षण और संकेतों का कारण बन रहे हैं। इसका इलाज सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। अगर यह अधिक मात्रा में हॉर्मोन प्रोड्यूस कर रहा है तो प्रोडक्शन को ब्लॉक करना जरूरी होता है जो कि दवाओं के द्वारा किया जाता है।
हाॅर्मोन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं में अल्फा ब्लॉकर्स, बीटा ब्लॉकर्स और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स शामिल हैं। अन्य उपायों में सोडियम में उच्च आहार खाना और बहुत सारे तरल पदार्थ पीना शामिल हो सकता है। इसके उपचारों में निम्न शामिल हैं।
शल्य चिकित्सा (Surgery)
पैरागैंग्लोमा को हटाने के लिए सर्जरी का उपयोग किया जाता है। यहां तक कि अगर पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) को पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता है, तो भी आपका डॉक्टर जितना संभव हो सके निकालने के लिए एक ऑपरेशन की सिफारिश कर सकता है।
रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy)
विकिरण चिकित्सा ट्यूमर के विकास को नियंत्रित करने के लिए एक्स-रे और प्रोटॉन जैसे उच्च-ऊर्जा बीम का उपयोग किया जाता है। विकिरण चिकित्सा की सिफारिश की जा सकती है यदि पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) को सर्जरी से पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता है। इसका उपयोग शरीर के अन्य भागों में फैलने वाले पैरागैंग्लोमा के कारण होने वाले दर्द को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।
स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडियोथेरेपी नामक एक विशेष प्रकार की विकिरण चिकित्सा में ट्यूमर पर विकिरण के कई बीमों को लक्षित करना शामिल है। बीम को पैरागैंग्लोमा कोशिकाओं पर सटीक रूप से लक्षित किया जाता है ताकि आस-पास के स्वस्थ ऊतकों को नुकसान का न्यूनतम जोखिम हो।
थर्मल एब्लेशन थेरिपी (Thermal ablation therapy)
थर्मल एब्लेशन ट्रीटमेंट में ट्यूमर कोशिकाओं को मारने और पैरागैंग्लोमा के विकास को नियंत्रित करने के लिए गर्म या ठंडे का उपयोग किया जाता है। यह कुछ स्थितियों में एक विकल्प हो सकता है, जैसे कि जब एक पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैलता है, जैसे कि हड्डियों या लिवर।
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कीमोथेरिपी (Chemotherapy)
कीमोथेरेपी में दवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ने वाली कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है। यदि पैरागैंग्लोमा फैल गया है, तो डॉक्टर ट्यूमर को सिकोड़ने में मदद करने के लिए कीमोथेरेपी की सिफारिश कर सकता है। यदि पैरागैंग्लोमा अतिरिक्त हाॅर्मोन का उत्पादन हो रहा है, तो कीमोथेरेपी से पहले हाॅर्मोन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए दवाएं दी जाएंगी।
टार्गेटेड ड्रग थेरिपी (Targeted drug therapy)
टार्गेटेड ड्रग थेरिपी कैंसर कोशिकाओं के भीतर मौजूद विशिष्ट असामान्यताओं पर ध्यान केंद्रित करती है। इन असामान्यताओं को रोककर, लक्षित दवा उपचार कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा कर सकते हैं या कोशिकाओं की मृत्यु का कारण बन सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको पैरागैंग्लिओमा (Paraganglioma) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।