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Diabetic mastopathy: डायबिटीज की बीमारी के कारण क्या स्तनों में पड़ जाती है गांठ?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

    Diabetic mastopathy: डायबिटीज की बीमारी के कारण क्या स्तनों में पड़ जाती है गांठ?

    डायबिटीज (Diabetes) के कारण शरीर में एक नहीं बल्कि बहुत सी समस्याएं पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज के कारण आंखों, पैरों के साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों में विकार की संभावना बढ़ जाती है। डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) नॉन कैंसरस घाव होता है, जो कि टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) से ग्रसित महिलाओं में अधिक होने की संभावना होती है। इस बीमारी का क्या कारण है, इस बारे में अभी तक जानकारी ज्ञात नहीं है। प्री मोनोपॉजल महिलाओं (Pre-menopausal women) में  करीब 13 प्रतिशत की संभावना होती है कि उन्हें डायबिटीज मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) की समस्या का सामना करना पड़े। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) के बारे में अहम जानकारी देंगे।

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    डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) कैसे होती है?

    डायबिटीज मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy)

    डायबिटिक मास्टोपैथी के कारण के साथ ही इससे संबंधित कम ही जानकारी उपलब्ध है। हाय ब्लड शुगर के कारण स्तनों या ब्रेस्ट टिशू में मास डेवलपिंग (Mass developing) की समस्या हो जाती है। डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) की समस्या झेल रहे लोगों को मधुमेह से संबंधित अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। इंसुलिन इंजेक्शन लेने के बाद कुछ प्रकार के इम्यून रिएक्शन देखने को मिलते हैं। कुछ थ्योरीज के अनुसार ये बात सामने आई है कि जिन पेशेंट्स को टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) होता है और साथ ही इंसुलिन के रेगुलर डोज दिए जाते हैं, उनमें डायबिटिक मास्टोपैथी का खतरा अधिक बढ़ जाता है। यानी इंसुलिन के कारण ब्रेस्ट टिशू बढ़ जाते हैं। ये एक तरह की थ्योरी है, जिसे कुछ साइंटिस्ट गलत मानते हैं। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के कारण हाय ब्लड शुगर (High blood sugar) की समस्या हो जाती है। डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) से संबंधित कई थ्योरीज सामने आई हैं, जिसमें हाय ब्लड शुगर (High blood sugar) या फिर इंसुलिन को स्तनों में पाए जाने वाले टिशू के द्रव्यमान की बढ़त का कारण बताया गया है। यानी इस समस्या के कारण के बारे में सही जानकारी उपलब्ध नहीं है।

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    डायबिटिक मास्टोपैथी के लक्षण (Symptoms of diabetic mastopathy)

    डायबिटिक मास्टोपैथी के लक्षण जानना बहुत जरूरी है। ब्रेस्ट कैंसर की तरह ही, डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) में भी स्तनों में गांठ का अनुभव होता है। गांठ कोमल नहीं होती है और छूने में कठोर लगती है। डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) होने पर स्तनों में दर्द का अनुभव नहीं होता है। ये एक नहीं बल्कि कई पैटर्न के रूप में सामने आ सकती है। गांठ एक भी हो सकती है या फिर एक साथ कई गांठ भी बन सकती हैं। ऐसा नहीं है कि गांठ का निर्माण केवल एक स्तन में ही हो। ये दोनों स्तनों में भी हो सकती हैं। गांठ के साइज में धीरे धीरे ग्रोथ होती है और ये बड़ी हो जाती है। अगर कोई महिला गांठ के उभार पर ध्यान न दें, तो उसे डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) के बारे में जानकारी नहीं मिल पाएगी। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें किसी भी तरह के लक्षण नहीं दिखाई पड़ते हैं। जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी लंबे समय से है, उनके स्तनों में गांठ का निर्माण हो सकता है। इस समस्या के लिए उम्र नहीं मायने रखती है बल्कि ये बात मायने रखनी है कि व्यक्ति को कितने समय से डायबिटीज की समस्या है।

    डायबिटीज के कारण हो जाए स्तनों में गांठ, तो ऐसे करते हैं डायग्नोसिस (Diagnosis of diabetic mastopathy)

    आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) और स्तन कैंसर (Breast Cancer) के बारे में कई बार पता लगाना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि इमेजिंग टेक्नीक (Imaging Technique) भी इनके बीच के अंतर को नहीं समझ पाती है। ऐसे में स्तन कैंसर (Breast Cancer) की शंका के चलते अनावश्यक सर्जरी भी की जा सकती है। ऐसा सभी केस में हो, ये जरूरी नहीं होता है। डॉक्टर कोर बायोप्सी (Core biopsy) की मदद से मास्टोपैथी के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं।आपको डॉक्टर से डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। बीमारी का सही समय पर डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट आपको बड़े खतरे से बचाने का काम करता है।

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    डायबिटिक मास्टोपैथी का ट्रीटमेंट (Treatment of diabetic mastopathy)

    डॉक्टर कोर बायोप्सी (Core biopsy) की मदद से बीमारी का पता लगाते हैं। अगर डॉक्टर को मास्टोपैथी के बारे में जानकारी मिलती है, तो वो बिना सर्जरी के भी ब्रेस्ट से टिशू को हटाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में लोकल एनिस्थीसिया की जरूरत पड़ती है। हालांकि डायबिटिक मास्टोपैथी सौम्य हो सकती है लेकिन स्तन कैंसर (Breast Cancer)  में ऐसा नहीं होता है। अगर आपको लंबे समय से मधुमेह की बीमारी (Diabetic disease) है और आपको स्तनों में गांठ का अनुभव हो रहा है, तो ये डायबिटीज से जुड़ा मामला हो सकता है। आपको इस बारे में अवेयर रहने की जरूरत है ताकि समय पर बीमारी का इलाज कराया जा सके। स्तन कैंसर (Breast Cancer) बहुत अधिक आम है, लेकिन डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) के ट्रीटमेंट में अनावश्यक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। बेहतर होगा कि आप अच्छे डॉक्टर का चुनाव करें और अपनी समस्या का बताएं। डॉक्टर तय करेंगे कि आपको किस तरह से ट्रीटमेंट की जरूरत है।

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    अगर आपको ये लग रहा है कि डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) कैंसर नहीं होती है, तो फिर इसका ट्रीटमेंट नहीं कराना चाहिए, तो आप गलत सोच रहे हैं। ये भले ही कैंसरस न होती हो लेकिन आपको ट्रीटमेंट जरूर कराना चाहिए। सर्जरी की मदद से बढ़े हुए टिशू को हटाने में मदद मिलती है लेकिन करीब 36 प्रतिशत लोगों में कुछ समय बाद ये दोबारा बढ़ जाती है।

    यानी सर्जरी के पांच साल बाद हो सकता है कि सेल्स दोबारा ग्रो करना शुरू कर दें। सर्जरी के कारण टिशू में निशान पड़ जाते हैं। दोबार टिशू बढ़ने पर कैंसर के बारे में भी जानकारी नहीं मिल पाती है। डायबिटीज के पेशेंट में ये समस्या हो, ऐसा जरूरी नहीं है। अगर आपको डायबिटीज डायग्नोज हुआ है, तो समय पर ट्रीटमेंट कराने के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव जरूर करें। आपको खाने में पौष्टिक आहार (Healthy food) शामिल करने के साथ ही शुगर की मात्रा में भी नियंत्रण रखने की जरूरत है। इस बारे में डॉक्टर से भी अधिक जानकारी ले सकते हैं। अगर आपको इंसुलिन इंजेक्शन (Insulin injection) लेने के लिए कहा गया है, तो रोजाना समय पर जरूर लें और अन्य सावधानियां भी रखें।

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    हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से डायबिटिक मास्टोपैथी (Diabetic mastopathy) के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

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