backup og meta

डायबिटीज के हैं पेशेंट, तो स्किन की बीमारियों को न करें नजरअंदाज!

डायबिटीज के हैं पेशेंट, तो स्किन की बीमारियों को न करें नजरअंदाज!

डायबिटीज की बीमारी होने पर लोगों को चोट से खुद को बचाने की सलाह दी जाती है क्योंकि चोट आसानी से ठीक नहीं होती है और घाव बढ़ता जाता है। मधुमेह की बीमारी के कारण शरीर के अन्य ऑर्गन्स भी प्रभावित होते हैं। मधुमेह के कारण स्किन संबंधित इंफेक्शन से लेकर ब्लड वेसल्स में बुरा प्रभाव भी देखने को मिलता है। ब्लड सर्कुलेशन की कमी के कारण त्वचा के रंग में बदलाव हो जाता है और साथ ही स्किन कंडिशन का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर कहा जाए कि डायबिटीज और स्किन हेल्थ (Diabetes and skin problems) एक दूसरे से संबंधित है, तो ये गलत नहीं होगा। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको मधुमेह के कारण त्वचा संबंधी समस्याएं क्या हो सकती हैं, इस बारे में जानकारी देंगे।

और पढ़ें: डायबिटीज टाइप 2 में मेडिकेशन, ध्यान रखें इन बातों का….

डायबिटीज और स्किन हेल्थ (Diabetes and skin problems)

डायबिटीज और स्किन हेल्थ

डायबिटीज की समस्या से गुजरने वाले पेशेंट को एक समय बाद स्किन संबंधित समस्याओं का सामना भी करना ही पड़ता है। कुछ लोगों में तो स्किन संबंधित समस्याएं डायबिटीज के लक्षण के रूप में भी नजर आती है। अगर आपको स्किन के रंग में बदलाव दिख रहा हो, या फिर कोई अन्य समस्या नजर आ रही हो, तो डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं और साथ ही जांच भी कराएं। डायबिटीज पेशेंट में बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection), फंगल इंफेक्शन और इचिंग से  संबंधित समस्याएं अधिक हो सकती हैं। जानिए डायबिटीज और स्किन हेल्थ (Diabetes and skin problems) का क्या है संबंध।

डायबिटीज और स्किन हेल्थ: एलर्जिक रिएक्शन (Allergic reactions)

डायबिटीज पेशेंट को फूड संबंधित, बग बाइट्स या फिर मेडिसिन के कारण एलर्जी की समस्या (Allergy problem) हो सकती है। कुछ एलर्जिक रिएक्शन को इमरजेंसी ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इंसुलिन इंजेक्शन लेने के स्थान पर या आसपास अगर आपको रैशेज दिखाई पड़ते हैं, तो इस संबंध में डॉक्टर को जरूर जानकारी दें।

और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज के लॉन्ग टर्म कॉम्प्लीकेशन में शामिल हो सकती हैं ये समस्याएं!

एकन्थोसिस निगरिकन्स (Acanthosis nigricans)

डायबिटीज और स्किन हेल्थ (Diabetes and skin problems) में ये हेल्थ कंडिशन भी शामिल है। एकन्थोसिस निगरिकन्स एक स्किन कंडिशन है, जिसके कारण त्वचा का रंग काला हो जाता है और साथ ही त्वचा मोटी भी हो जाती है। शरीर के कुछ भाग जैसे कि गर्दन में, बगल, कोहनी , घुटनों और कमर के किनारों पर इस बीमारी के कारण त्वचा का रंग बदल जाता है। डायबिटीज पेशेंट में एकन्थोसिस निगरिकन्स (Acanthosis nigricans) स्किन हेल्थ कंडिशन आम होती है। अगर आपको भी स्किन के रंग में बदलाव दिखे, तो तुरंत इस बारे में डॉक्टर को जानकारी दें।

एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis)

जब ब्लड वैसल्स या फिर रक्त वाहिकाओं में संकुचन की स्थिति पैदा हो जाती है, तो वैसल्स वॉल मोटी हो जाती है। डायबिटीज के कारण शरीर की ज्यादातर ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचता है। ऐसा ऑक्सीजन की कमी के कारण भी होता है। इस स्किन कंडिशन के कारण से बालों का झड़ना व पतला होना, त्वचा का मोटा होना और रंग फीका पड़ना आदि लक्षण नजर आते हैं। जब डायबिटीज पेशेंट में एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) स्किन कंडिशन डेवलप हो जाती है, तो फिर शरीर के कुछ भागों में घाव भरने में भी देरी होती है। ब्लड में वाइट ब्लड सेल्स भी होती है, जो इंफेक्शन से लड़ने का काम करती है।

और पढ़ें: डायबिटीज के लिए एक्यूपंक्चर थेरिपी, कंट्रोल हो सकती है आपकी बढ़ी हुई शुगर

डायबिटीज के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें ये 3 डी मॉडल-

बैक्टीरिया से फैलने वाला इंफेक्शन (Bacterial Infections)

डायबिटीज और स्किन (Diabetes and skin problems) हेल्थ में एक और कंडिशन शामिल है और वो है बैक्टीरिया से फैलने वाला इंफेक्शन। जिन लोगों को मधुमेह की बीमारी होती है, उनमें बैक्टीरिया से फैलने वाले इंफेक्शन की संभावना भी बढ़ जाती है। स्किन के किसी स्थान में पस भर सकता है या फिर इंफेक्शन वाली जगह में जलन, दर्द के साथ ही लालिमा भी हो सकती है। स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया (Staphylococcus Bacteria) के कारण होता है। अगर आपको भी स्किन में पस भरा हुआ दिख रहा है, तो आपको डॉक्टर से ट्रीटमेंट कराना चाहिए। डॉक्टर पस निकालने के बाद कुछ दवाओं का सेवन करने की सलाह भी देते हैं।

डायबिटीज के कारण स्किन में अल्सर की समस्या (Diabetic Ulcers)

डायबिटीज की बीमारी होने पर व्यक्ति को खुद को किसी चोट से बचाना बहुत जरूरी हो जाता है। डायबिटिक अल्सर भी डायबिटीज और स्किन हेल्थ (Diabetes and skin problems) से ही संबंधित है। अगर व्यक्ति को पैर में चोट लग गई है, तो घाव धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा और अल्सर का रूप लेगा। ऐसे घाव जल्दी ठीक भी नहीं होते हैं। अगर डायबिटीज के पेशेंट को पैरों में घाव की समस्या हुई है, तो घर में इलाज करने से बेहतर है कि डॉक्टर से ट्रीटमेंट कराया जाए। अगर समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिलता है, पेशेंट को चलने-फिरने से लेकर अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

डायबिटीज और स्किन हेल्थ: सोरायसिस (Psoriasis)

सोरायसिस भी स्किन से संबंधित कंडिशन है। इस कंडिशन के कारण स्किन में रेड कलर के पैच हो जाते हैं जो खुजली का कारण भी बन सकते हैं। ऐसा नेल्स और स्कैल्प में भी हो सकता है। लाइफस्टाइल चेंज के साथ ही कोर्टिसोन क्रीम और मलहम का इस्तेमाल समस्या को कम कर सकता है। ब्लड शुगर को मैनेज करके और जरूरी दवाओं का सेवन करके इस स्किन कंडीशन से बचा जा सकता है।

और पढ़ें: डायबिटिक अटैक और इमरजेंसी : इसके लक्षणों को न करें अनदेखा…..

स्क्लेरोडर्मा डायबिटिकोरम (Scleroderma diabeticorum)

स्क्लेरोडर्मा डायबिटिकोरम के कारण त्वचा मोटी हो जाती है। इस स्किन कंडीशन के कारण गर्दन के पिछले हिस्से और पीठ के ऊपरी हिस्से की त्वचा प्रभावित होती है। यह कंडिशन दुर्लभ होती है, जो कि अक्सर अधिक वजन वाले मधुमेह रोगियों को प्रभावित करती है। लोशन और मॉस्चराइडजर की हेल्प से स्किन की इस समस्या का ट्रीटमेंट किया जाता है।

स्टिफ ज्वाइंट्स और वैक्सी स्किन (Stiff joints and waxy skin)

डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित लोगों की स्किन अधिक मोटी हो जाती है और साथ ही स्किन बहुत वैक्सी यानी चिकनी दिखती है। ऐसा ब्लड सर्कुलेशन के ठीक तरह से न हो पाने के कारण होता है। हाथों से शुरू होने वाली ये समस्या धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगती है। ये घुटनों के साथ ही एंकल, एल्बो को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। अगर ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन किया जाए, तो समस्या से बचा जा सकता है।

मधुमेह के कारण त्वचा संबंधी समस्याएं आपको परेशान कर सकती है लेकिन आपको बिना देरी किए त्वचा का ट्रीटमेंट कराना चाहिए। अगर आप समय पर ट्रीटमेंट नहीं कराएंगे, तो समस्या अधिक बढ़ जाएगी। आप इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से डायबिटीज और स्किन हेल्थ (Diabetes and skin problems) से  संबंधित ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

डायबिटीज को रिवर्स करने के बारे में है जानकारी, तो खेलें ये क्विज

[embed-health-tool-bmi]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

 Accessed on 20/7/2021

Bullous diabeticorum: A rare blistering manifestation of diabetes.
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5518582/

Acanthosis nigricans.
https://www.aad.org/public/diseases/color-problems/acanthosis-nigricans

Alterations of dermal connective tissue collagen in diabetes: Molecular basis of aged-appearing skin.
http://journals.plos.org/plosone/article?id=10.1371/journal.pone.0153806

Diabetic foot.
https://www.cdc.gov/diabetes/library/features/healthy-feet.html

Diabetic foot.

https://medlineplus.gov/diabeticfoot.html#:~:text=If%20you%20have%20diabetes%2C%20your,can%20cause%20ulcers%20and%20infections.

Current Version

11/12/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Nikhil deore


संबंधित पोस्ट

टाइप 1 डायबिटीज की समस्या है, तो यह व्यायाम आ सकते हैं आपके काम

डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting) है जरूरी, ऐसे सेट करें अपना गोल!


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/12/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement