एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन (Annals of Internal Medicine) में प्रकाशित, 2007 से 2012 तक नेशनल हेल्थ एंड नुट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे (एनएचएएनईएस) के आंकड़ों की मानें तो 2012 में, अनुमानित 28.4 मिलियन अमेरिकी वयस्कों को डायबिटीज था। उनमें से 30 प्रतिशत या लगभग 8 मिलियन अमेरिकी एडल्ट्स इस बात से अनजान थे कि वे डायबिटिक हैं।
निदान किए गए वयस्कों में, 95 प्रतिशत के पास सामान्य केयर प्रोवाइडर था और लगभग 92 प्रतिशत लोगों ने बीते साल में अपने डॉक्टर को दो या दो से अधिक बार विजिट भी किया था। इसके विपरीत, निदान न किए गए वयस्कों में, 85 प्रतिशत के पास सामान्य केयर प्रोवाइडर था और 67 प्रतिशत ने पिछले वर्ष में दो या दो से अधिक बार डॉक्टर के पास विजिट किया था।
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क्या हम एड्स केयर मॉडल के साथ डायबिटीज ट्रीटमेंट (Diabetes Treatment with AIDs Care Model) कर सकते हैं?
“कैस्केड-ऑफ-केयर” मॉडल जिसका उपयोग एचआईवी और एड्स केयर के लिए किया जाता है, डायबिटीज केयर में भी सुधार कर सकता है। यानी कि एड्स केयर मॉडल के साथ डायबिटीज ट्रीटमेंट (Diabetes Treatment with AIDs Care Model) हो सकता है। यह खासकर उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जिन्हें यह नहीं पता होता है कि वे डायबिटिक हैं। कैस्केड मॉडल की मदद से पॉलिसीमेकर्स को भी यह तय करने में आसानी होगी कि केयर डिलीवरी में सबसे बड़ा गैप आखिर आ कहां रहा है। फिर वे पेशेंट्स की सब-पॉपुलेशन की पहचान कर सकते हैं जो प्रतिकूल परिणामों के लिए सबसे अधिक रिस्क में हो सकते हैं या जो डायबिटीज रोगियों के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
नई रिसर्च में पाया गया है कि डायबिटीज से पीड़ित लगभग एक तिहाई अमेरिकी वयस्कों में रेगुलर केयर की नियमित पहुंच के बावजूद भी उनमें डायबिटीज अनडायग्नोसड ही रहता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि “कैस्केड-ऑफ-केयर” मॉडल को देखकर जिसे एचआईवी/एड्स केयर में अंतराल खोजने के लिए सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है, डायबिटीज के डायग्नोसिस, इंगेजमेंट और ट्रीटमेंट के बारे में भी जागरूकता बढ़ा सकता है। एड्स केयर मॉडल के साथ डायबिटीज ट्रीटमेंट (Diabetes Treatment with AIDs Care Model) के बाद जानिए स्क्रीनिंग कितनी जरूरी है। एड्स केयर मॉडल के साथ डायबिटीज ट्रीटमेंट की जानकारी एक्सपर्ट से जरूर लें।
स्क्रीनिंग कितनी जरूरी है?