अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (American Diabetes Association) में पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) की मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कम उम्र के लोगो में भी टाइप 2 डायबिटीज की समस्या ज्यादा देखी जा रही है। ऐसे में डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट (Vildagliptin tablets for diabetes) का विकल्प अपनाया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर से कंसल्टेशन के बाद। आज इस आर्टिकल में टाइप 2 डायबिटी एवं डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट (Vildagliptin tablets for diabetes) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपसे शेयर करें।
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) की समस्या क्या है?
टाइप 2 डायबिटीज की समस्या की समस्या को अगर आसान शब्दों में समझें, तो जब पैंक्रियाज से इंसुलिन का निर्माण तो होता है, लेकिन बॉडी उस इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाती है। ऐसी स्थिति में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है, जिसे टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) कहते हैं। डायबिटीज की समस्या होने पर डॉक्टर अलग-अलग डायबिटीज मेडिकेशन (Diabetes medication) या जरूरत पड़ने पर इंसुलिन इंजेक्शन लेने (Insulin injection) की भी सलाह देते हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल में डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट के फायदे और इससे जुड़ी कई अन्य महत्वपूर्ण बातों को आर्टिकल में आगे जानेंगे।
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार विल्डग्लिप्टिन टेबलेट टाइप 2 डायबिटीज पेशेंट के लिए नई ओरल टेबलेट है। डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट DPP-4 इन्हिबिटर्स की श्रेणी से आता है। यहां DPP-4 का अर्थ है डायपेप्टिडाइल पेप्टिडेज-4 (Dipeptidyl peptidase-4)। यह दवा पैंक्रियाज द्वारा बनने वाले इंसुलिन का शरीर बेहतर तरीका से उपयोग कर सके, इसमें सहायक होता है। अगर इसे संक्षेप में समझें, तो डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस में रखने में मदद मिलती है। डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट के उपयोग के बारे में इस आर्टिकल में आगे समझेंगे।
डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट का उपयोग कैसे करें? (Use of Vildagliptin in Type 2 Diabetes)
टाइप 2 डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट का उपयोग लाभकारी माना जाता है। अगर आप जिम जाते हैं और टाइप 2 डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं, तो ऐसे में भी विल्डग्लिप्टिन टेबलेट का सेवन किया जा सकता है। विल्डग्लिप्टिन टेबलेट के सेवन से ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) कंट्रोल रहता है। दरअसल विल्डग्लिप्टिन टेबलेट पैंक्रियाज को इन्सुलिन निर्माण में सहायता प्रदान करता है और वैसे हॉर्मोन्स को कम करने में सक्षम माना जाता है, जिनकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। टाइप 2 डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट (Vildagliptin tablets for diabetes) या मधुमेह में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट के सेवन से फास्टिंग या पोस्ट मील दोनों की वक्त में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रह सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए ये अत्यधिक लाभकारी दवा मानी जाती है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स भी देखे जा सकते हैं।
चेहरे, होंठ या आंखों की पलकों पर सूजन (Swelling) आना।
कॉमन साइड इफेक्ट्स के लिए डॉक्टर से कंसल्टेशन की जरूरत नहीं होती है और जैसे ही दवा का सेवन करना आप रोजाना शुरू करते हैं, तो धीरे-धीरे ये तकलीफें भी दूर होने लगती है। हालांकि अगर इस दवा के सेवन से कोई गंभीर समस्या होती है, तो ऐसे में डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्टेशन आवश्यक माना जाता है।
विल्डग्लिप्टिन टेबलेट के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखें? (Precautions before taking Vildagliptin tablets)
डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट (Vildagliptin tablets for diabetes) या मधुमेह में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट के सेवन से पहले इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपको एलर्जी की समस्या है, तो अपने हेल्थ एक्सपर्ट को जरूर बताएं। क्योंकि विल्डग्लिप्टिन टेबलेट में मौजूद इनेक्टिव इंग्रीडिएंट्स से एलर्जी की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है। वहीं अगर आप डायबिटीज (Diabetes) के अलावा किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, तो इसकी जानकारी भी दें।
नोट: अगर आप किसी भी तरह के दवाओं का सेवन करते हैं, तो विल्डग्लिप्टिन टेबलेट के सेवन से पहले अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी जरूर दें।
टाइप 2 डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट की डोज मिस होने पर क्या करें?
अगर दवा की डोज मिस हो गई है, तो याद आते ही विल्डग्लिप्टिन टेबलेट का सेवन करें। हालांकि अगर दवा के दूसरे डोज का वक्त हो चूका है, तो मिस्ड डोज को स्किप करें। ध्यान रखें एक बार में दोनों डोज लेना नुकसानदायक दो सकता है।
ओवर डोज हो सकता है खतरनाक! (Risk factors of overdose of Vildagliptin tablets)
अगर विल्डग्लिप्टिन टेबलेट का सेवन प्रिस्क्राइब्ड डोज से ज्यादा किया जाता है, तो डायबिटीज पेशेंट में निम्नलिखित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जैसे:
इन ऊपर दी गई परेशानियों से बचने के लिए हमेशा डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड डोज का ही सेवन करें।
नोट: प्रेग्नेंसी (Pregnancy) या ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) के दौरान विल्डग्लिप्टिन टेबलेट का सेवन नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए अगर आप प्रेग्नेंट हैं या ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं, तो इस दवा के सेवन से पहले इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें।
विल्डग्लिप्टिन टेबलेट को स्टोर कैसे करें? (Storage of Vildagliptin tablets)
विल्डग्लिप्टिन टेबलेट को धूप या गर्म स्थानों पर ना रखें और बच्चों के पहुंच से भी दवा को दूर रखें। दवा को 68ºF से 77ºF टेम्प्रेचर पर स्टोर किया जा सकता है।
डायबिटीज पेशेंट के लिए इंसुलिन या दवाएं लाभकारी मानी जाती है। अमेरिकन डायबिटीज असोसिएशन (American Diabetes Association) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज पेशेंट इंसुलिन पेन् का इस्तेमाल आसानी से करते हैं। वहीं नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 73 प्रतिशत डायबिटीज पेशेंट इंसुलिन पेन् (Insulin Pen) का इस्तेमाल करते हैं। ठीक वैसे ही डायबिटीज की दवाओं का भी सेवन किया जाता है। इसलिए अगर आप डायबिटीज के शिकार हैं और डायबिटीज में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट (Vildagliptin tablets for diabetes) या मधुमेह में विल्डग्लिप्टिन टेबलेट लेने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी गई है, तो इसके डोज का विशेष ध्यान रखें और जितनी डोज प्रिस्क्राइब की गई है, उतनी ही लें। अगर विल्डग्लिप्टिन टेबलेट लेने के बाद कोई परेशानी महसूस होती है, तो डॉक्टर को जरूर इस बारे में जरूर बतायें। अगर आप डायबिटीज या विल्डग्लिप्टिन टेबलेट से जुड़े अपने किसी सवालों का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
डायबिटीज पेशेंट डायबिटिक दवाओं एवं इन्सुलिन इंजेक्शन की मदद से ब्लड शुगर लेवल बैलेंस रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन इन सबके साथ डायबिटीज पेशेंट को डायट का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसलिए नीचे दिए इस क्विज को खेलिए और डायबिटिक डायट से जुड़ी सवालों के जवाब जानिए।
Effects of Vildagliptin and Metformin on Blood Pressure and Heart Rate Responses to Small Intestinal Glucose in Type 2 Diabetes/https://care.diabetesjournals.org/content/40/5/702/Accessed on 16/08/2021