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डायबिटिक अल्सर का ट्रीटमेंट (Diabetic ulcer treatment)
इस बीमारी से ग्रसित मरीजों का इलाज करने के लिए प्रिवेंशन के साथ-साथ एंटी प्रेशर ट्रीटमेंट दिए जाने के बाद भी यदि इंफेक्शन बढ़ते ही जाता है तो डॉक्टर कुछ दवा का सुझाव भी देते हैं। उनमें एंटीबायटिक, एंटी प्लेट्लेट्स, एंटी क्लोटिंग दवा देकर मरीजों का इलाज किया जाता है। इनमें से कई एंटीबॉयटिक्स स्टाफीलोकोकस (Staphylococcus aureus) बैक्टीरिया पर अटैक करने के साथ यह स्टैफ इंफेक्शन रोकने में मदद करते हैं, वहीं हीमोलाइटिक स्टाफीलोकोकस (haemolytic Streptococcus) जो हमारे इंटेस्टाइन में पाए जाते हैं, वैसे बैक्टीरिया पर भी अटैक करते हैं।
इस बीमारी से ग्रसित लोगों को डॉक्टर से सुझाव लेना चाहिए कि कहीं इस इंफेक्शन के कारण और खतरनाक बैक्टीरिया के पनपने के कारण कहीं कोई और गंभीर बीमारी तो नहीं हो सकती है, यहां तक कि एचआईवी और लिवर प्रॉब्लम भी। इन मामलों में इसीलिए डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
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ओवर द काउंटर ट्रीटमेंट का ले सकते हैं सहारा (Over the counter treatment for Diabetic ulcer)
डायबिटिक अल्सर (Diabetic ulcer) का इलाज करने के लिए कई पारंपरिक दवाइयां हैं, जिसका इस्तेमाल कर बीमारी से निजात पाया जा सकता है, जैसे
- मेडिकल ग्रेड शहद, मरहम या जेल लगाकर कर सकते हैं इलाज
- आयोडीन (प्रोडोन और कैडेक्सोमर) देकर किया जा सकता है इलाज
- ड्रेसिंग जिसमें सिल्वर, सिल्वर सल्फेडियाजीन क्रीम हो
- पॉली हेक्सामेथिलीन बिगुआनाइड (polyhexamethylene biguanide) जेल और सॉल्यूशन का इस्तेमाल कर
किसी भी दवा या ट्रीटमेंट का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना न करें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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सर्जिकल प्रक्रियाओं को अपनाकर
इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को उनके डॉक्टर सुझाव दे सकते हैं कि सर्जिकल ट्रीटमेंट कर अल्सर का इलाज किया जा सकता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए डॉक्टर अल्सर के आसपास की जगह से प्रेशर को कम करने के साथ अल्सर के आसपास की डिफॉर्मिटी जैसे बनियन्स, हैमर टो आदि को हटा देते हैं।
आप यदि अल्सर की बीमारी से ग्रसित हैं तो आप निश्चित ही इसकी सर्जरी कराना पसंद नहीं करेंगे। वहीं जब ट्रीटमेंट का अन्य कोई विकल्प नहीं बचेगा तो ऐसे में सर्जरी कर इंफेक्शन को रोका जा सकता है। इस कंडीशन में भी सर्जरी न की जाए तो मरीज की स्थिति बद से बदतर हो सकती है।
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