हायपोग्लाइसीमिया को लो ब्लड ग्लूकोज या लो ब्लड शुगर (Low blood sugar) के नाम से भी जाना जाता है। ब्लड में शुगर लेवल की कमी की वजह से ऐसी परेशानी शुरू होती है। शरीर में एनर्जी बरकरार रहे इसके लिए ग्लूकोज सबसे महत्वपूर्ण है, जो अच्छे खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है। कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज का मुख्य आहार स्रोत है। चावल, आलू, ब्रेड, गेहूं की रोटी, अनाज, दूध, फल, और मिठाई सभी कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ हैं।
रक्त शर्करा नियंत्रण में अग्न्याशय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इंसुलिन हॉर्मोन जो अग्न्याशय द्वारा बनाया जाता है, कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए ग्लूकोज और निम्न रक्त शर्करा के स्तर का उपयोग करने में मदद करता है।
वहीं ग्लूकागन हॉर्मोन भी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। जब पैनक्रिआज से पर्याप्त ग्लूकागन का उत्पादन नहीं करता है तब ऐसी परिस्थिति में रक्त शर्करा कम हो सकता है और हायपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) का कारण हो सकता है।
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कितना सामान्य है हायपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia)?
हायपोग्लाइसीमिया वयस्कों और 10 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों में आम नहीं है। डायबिटीज के मरीजों का इलाज इंसुलिन से किया जा रहा है या डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार किया जाता है। हायपोग्लाइसीमिया शरीर में अन्य बीमारियों, हॉर्मोन की कमी या ट्यूमर के उपचार का एक दुष्प्रभाव भी हो सकता है।
और पढ़ें: समझें क्या है डायबिटीज टाइप-1 और टाइप-2
हायपोग्लाइसीमिया के लक्षण क्या-क्या हैं? (Hypoglycemia Symptoms)
हायपोग्लाइसीमिया के लक्षण में मुख्य रूप से शरीर का कांपना, चक्कर आना, सिरदर्द, बार-बार पसीना आना, भूख लगना, तेजी से दिल का धड़कना और त्वचा का रंग हल्का हो जाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। चीनी शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है इसलिए हाइपोग्लाइसीमिया वाले लोग अक्सर थका हुआ और असहज महसूस करते हैं। रक्त शर्करा में अचानक गिरावट बेहोशी या दौरे का कारण बन सकती है।
यह जरूरी नहीं है की सिर्फ ऊपर बताए गए लक्षण ही हायपोग्लाइसीमिया के लक्षण का कारण हो सकते हैं। कुछ अलग तरह की परेशानी भी बीमारी का कारण हो सकती है जिस वजह से डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर हो सकता है।
हमें डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?
हायपोग्लाइसीमिया अक्सर अचानक और तुरंत हो जाता है, इसलिए डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करना बेहतर हो सकता है-
- डायबिटीज की बीमारी नहीं होने पर भी हायपोग्लाइसीमिया के लक्षण हो सकते हैं।
- डायबिटीज या हायपोग्लाइसीमिया की वजह से भी चक्कर आने की परेशानी हो सकती है।
- अगर आपको डायबिटीज के साथ हायपोग्लाइसीमिया की भी परेशानी हो और उसका प्रभाव दवाई से नहीं हो रहा हो।
डायबिटीज और हायपोग्लाइसीमिया की वजह से होने वाली परेशानी से बचने के लिए बेहतर होगा की अपने परिवार और करीबियों को इसकी जानकारी देकर रखें। क्योंकि एमर्जेंसी होने पर बेहतर और सही इलाज किया जा सके।
और पढ़ें: हाइपरग्लाइसेमिया और टाइप 2 डायबिटीज में क्या है सम्बंध?
किन-किन कारणों से हो सकता है हाइपोग्लाइसीमिया? (Hypoglycemia Causes)
शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन के संतुलन के बिगड़ने की वजह से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। हॉर्मोनल लेवल के बिगड़ने के अन्य कारण भी हो सकते हैं –
- अत्यधिक इंसुलिन लेना या डायबिटीज (Diabetes) की दवाओं का सेवन करना।
- ज्यादा नहीं खाना या खाने के बीच ज्यादा अंतराल होना।
- संतुलित आहार (Balanced diet) लिए बिना एक्सरसाइज करना।
- कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम लेना।
- असंतुलित आहार (Unhealthy diet)
- अत्यधिक एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करना।
किन परिस्थितयों में बढ़ सकता है हायपोग्लाइसीमिया का खतरा? (Hypoglycemia Risk factors)
कुछ खास कारण की वजह से बढ़ सकती है हायपोग्लाइसीमिया की परेशानी :
- डायबिटीज की दवा (Diabetes medicine) खाने पर।
- अत्यधिक शराब का सेवन करना।
- हेपेटाइटिस या किडनी (Kidney) की बीमारी का इलाज करना।
- एंडोक्राइन डिसऑर्डर या हायपोपिटिटारिज्म जैसी बीमारी होना।
हालांकि, खतरा नहीं होने का मतलब यह नहीं है की हैमस्ट्रिंग स्ट्रेन नहीं हो सकता है। यह सभी जानकारी सिर्फ समझने के लिए हैं लेकिन, बेहतर होगा की डॉक्टर से संपर्क किया जाए।
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दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
हायपोग्लासीमिया (Hypoglycemia) को कैसे पहचाना जा सकता है?
डॉक्टर को अपने अनुभव के अनुसार हायपोग्लाइसीमिया के लक्षण जरूर बताएं। लक्षणों को समझकर इलाज करने में आसानी हो सकती है और डॉक्टर आपको बिना कुछ खाये-पिए ब्लड टेस्ट करवाने की सलह भी दे सकते हैं।
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हायपोग्लाइसीमिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Hypoglycemia Treatment)
हायपोग्लाइसीमिया के दौरान इंसुलिन और ग्लूकोज के बीच संतुलन को सामान्य करने के लिए, आपके शरीर को जल्द चीनी की आपूर्ति की जानी चाहिए। इसके लिए आप निम्न चीजें ले सकते हैं –
- ग्लूकोज टैबलेट (Glucose tablets)
- फ्रूट जूस (Fruit juice)
- कैंडी (Candy)
लगभग 15 से 20 मिनट के बाद, यदि स्तर सामान्य नहीं है, तो एक और स्नैक खाया जाना चाहिए और 15 से 20 मिनट बाद रक्त शर्करा के स्तर को फिर से जांच करना चाहिए।
यदि आप अपनी चेतना खो देते हैं या हाइपोग्लाइसीमिया के कारण दौरे पड़ते हैं, तो आपको तुरंत ग्लूकागन लेना चाहिए।
कैसे हायपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) की परेशानी को कम किया जा सकता है ?
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको हायपोग्लाइसीमिया से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ द्वारा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा के साथ-साथ संतुलित आहार लेना जरूरी है। एक्सरसाइज से पहले पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट खाएं। एक्सरसाइज करने के पहले कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार (Carbohydrate rich food) जरूर लें या फिर एक्सरसाइज के दौरान हल्का-फुल्का नाश्ता किया जा सकता है।
- शरीर में शुगर लेवल को कम होने पर या महसूस होने पर हल्का-फुल्का खाना खाया जा सकता है।
- उन लोगों को जरूर बताएं जिनके साथ आप रहते हैं और काम करते हैं कि आपको डायबिटीज (Diabetes) की समस्या है और जरूरत पड़ने पर ग्लूकागन को कैसे लिया जा सकता है।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए समय पर ब्लड टेस्ट (Blood test) अवश्य करवाएं।
- जिन लोगों के साथ आप काम करते हैं या रहते हैं उन्हें डायबिटीज की जानकारी और इससे होने वाली परेशानी के बारे में बताएं साथ ही यह भी बताएं की अगर आपको चक्कर आ रहे हैं तो ऐसी स्थिति में ग्लुकागोन कैसे इंजेक्ट करें। ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) की जांच भी अवश्य करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
- हायपोग्लाइसीमिया के लक्षण होने पर इसे नजरअंदाज न करें इससे कोमा और ब्रेन डैमेज होने का खतरा भी हो सकता है।
- टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) होने पर परेशान न हों, इंसुलिन की मात्रा (Insulin level) से इसे ठीक किया जा सकता है।
- बीमारी की जांच और आपकी स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखने के लिए समय-समय पर पुन: जांच करें।
- डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें और अपनी इच्छा के अनुसार दवाई का सेवन बंद न करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और हायपोग्लाइसीमिया से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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