क्रोमियम डायबिटीज वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह सुझाव दिया गया है कि क्रोमियम पिकोलिनेट (Chromium picolinate) ब्लड शुगर के लेवल को कम करने के लिए विशेष रूप से उपयुक्त हो सकता है। मार्केट में टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में क्रोमियम (Chromium in type 2 diabetes management) पिकोलिनेट सप्लिमेंट के इस्तेमाल किए जा रहे हैं। टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के रूप में भी क्रोमियम सप्लिमेंट नई पहचान बन रहे हैं। हालांकि, यह क्रोमियम सप्लिमेंट अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है।
कुछ स्टडीज के अनुसार, क्रोमियम पिकोलिनेट डायबिटीज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। वर्मोंट यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के एक एसोसिएट प्रोफेसर के अनुसार, “पहले ह्यूमन स्टडीज ने सुझाव दिया है कि क्रोमियम पिकोलिनेट इंसुलिन (Insulin) के लेवल को कम करता है और ओबेसिटी वाले लोगों और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 daibetes) वाले लोगों दोनों में ब्लड शुगर (Blood Sugar) के मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है।”
जानिए इस आर्टिकल में कि क्रोमियम पिकोलिनेट क्या है, यह किस तरह के फूड्स में पाया जाता है, इसके साइड इफेक्ट्स और लाभ क्या हैं?
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क्रोमियम पिकोलिनेट (Chromium picolinate) क्या है?
क्रोमियम (Chromium) एक एसेंशियल मिनरल है। क्रोमियम इंसुलिन को स्ट्रॉन्ग बना सकता है। यह एक मेटैलिक तत्व है जिसकी लोगों को बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है। क्रोमियम एक एसेंशियल ट्रेस खनिज है जो इंसुलिन सेंस्टिविटी (Insulin senstivity) में सुधार कर सकता है। अमेरिकी कृषि विभाग के रिचर्ड एंडरसन ने क्रोमियम के पॉजिटिव अस्सेस्मेंट का सपोर्ट किया, “बिगड़ा हुआ ग्लूकोज इन्टॉलरेंस और डायबिटीज के लिए क्रोमियम पिकोलिनेट सप्लिमेंट का उपयोग करने वाले सभी अध्ययनों ने सकारात्मक प्रभाव दिखाया।”
हाय क्रोमियम फूड प्रोडक्ट्स (High Chromium Food Products)
क्रोमियम के कुछ बेहतरीन स्रोत ब्रोकली, लिवर और ब्रेवर यीस्ट हैं। आलू, साबुत अनाज, सी फूड और मीट में भी क्रोमियम होता है। ये कुछ निम्नलिखित अच्छे सोर्स हैं:
- ब्रोकली
- ग्रेप जूस
- टर्की ब्रेस्ट
- इंग्लिश मफिन, व्होल व्हीट मफिन
- आलू, मसला हुआ
- हरी बीन्स
अधिकांश डेयरी उत्पादों में क्रोमियम की मात्रा कम होती है।
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क्रोमियम की किसको कितनी है जरूरत? (Who needs how much chromium?)
9 साल और उससे अधिक उम्र के लिए क्रोमियम का पर्याप्त सेवन (एआई) महिलाओं के लिए प्रति दिन 21 से 25 माइक्रोग्राम (एमसीजी) और पुरुषों के लिए 25 से 35 एमसीजी प्रति दिन बताया गया है। लेकिन यह मात्रा हेल्थ कंडिशन, उम्र और जेंडर के अनुसार अलग हो सकती है।
शिशुओं और बच्चों के लिए, अनुशंसित डोज है:
- 6 महीने तक: 2 एमसीजी प्रति दिन के लगभग
- 7 से 12 महीने तक: 5 एमसीजी प्रति दिन के लगभग
- 1 से 3 साल तक: प्रति दिन 11 एमसीजी के लगभग
- 4 से 8 साल तक: प्रति दिन 15 एमसीजी के लगभग
क्रोमियम न्यूट्रिशनल स्टेट्स का कोई सटीक माप नहीं है, लेकिन ह्यूमन्स में क्रोमियम की कमी दुर्लभ है।
टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में क्रोमियम के बेनिफिट्स और रिस्क (Benefits and risks of chromium in type 2 diabetes management)
क्रोमियम पिकोलिनेट (Chromium picolinate) एक सप्लिमेंट है जो अक्सर उन लोगों द्वारा कंज्यूम किया जाता है जो मसल्स बिल्ड करना चाहते हैं या वजन कम करना चाहते हैं। कुछ बॉडीबिल्डर और एथलीट इसे परफॉरमेंस बढ़ाने और एनर्जी बढ़ाने के लिए लेते हैं।
स्टडीज सुझाव देती हैं कि क्रोमियम सप्लिमेंट्स वजन घटाने में योगदान दे सकते हैं और मसल मास को बढ़ाने में मदद कर सकता है। हालांकि, ये स्टडीज कन्क्लूसिव नहीं हैं, लेकिन हाल के अध्ययनों ने मांसपेशियों की ग्रोथ में सुधार के बारे में बताया है। सप्लिमेंट लेने वालों में से कुछ लोगों ने साइड इफेक्ट का भी अनुभव किया, जिसमें चक्कर, सिरदर्द और पित्ती शामिल हैं। पिछली रिसर्च यह पुष्टि करने में असमर्थ थे कि सप्लिमेंट क्रोमियम बिगड़े हुए ग्लूकोज टॉलरेंस और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को फायदा पहुंचा सकता है, लेकिन हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि यह डायबिटीज के मैनेजमेंट, ब्लड लिपिड के लेवल को कम करने, वेट लॉस को बढ़ाने और बॉडी कम्पोजिशन में सुधार करने में मदद कर सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में क्रोमियम
वास्तव में क्रोमियम शरीर को कैसे लाभ पहुंचाता है यह स्पष्ट नहीं है, और इंसान में इसकी कमी की रिपोर्ट दुर्लभ है। संभावित रूप से, क्रोमियम की कमी कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से संबंधित हो सकती है। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- बिगड़ा हुआ ग्लूकोज इनटॉलेरेंस, जिससे टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर कंट्रोल कम हो जाता है
- कोलेस्ट्रॉल के लो एफ्फिसिएंट कंट्रोल से एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) और हार्ट डिजीज की संभावना बढ़ जाती है
हालांकि, क्रोमियम के लाभों या नुकसानों की पुष्टि करने के लिए बहुत कम एविडेंस हैं।
टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में क्रोमियम (Chromium in type 2 diabetes management) सप्लिमेंट के बारे में क्या कहती है रिसर्च?
एक स्टडी में, टाइप 2 डायबिटीज वाले 96 रोगियों ने प्रतिदिन 400 माइक्रोग्राम (एमसीजी) क्रोमियम पिकोलिनेट, 200 एमसीजी प्रतिदिन या एक प्लेसबो लिया। जिन लोगों ने रोजाना 400 एमसीजी लिया, उन्होंने एंडोथेलियल फंक्शन, लिपिड प्रोफाइल और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के बायोमार्कर में सुधार देखा, यह सुझाव देते हुए कि टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में क्रोमियम (Chromium in type 2 diabetes management) के रोगियों को फायदा करता है।
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टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में क्रोमियम लेना चाहिए? (Should chromium be used in type 2 diabetes management?)
हालांकि मेडिकल रिसर्च इसका सपोर्ट करता है कि टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में क्रोमियम (Chromium in type 2 diabetes management) उपयोगी हो सकता है। क्लीवलैंड क्लिनिक हार्ट सेंटर के डॉ बायरन हूगवर्फ़ ने कहा, “डायबिटीज रोगियों में क्रोमियम सप्लिमेंट के नियमित उपयोग ने निश्चित रूप से लाभ नहीं दिखाया है।” इसलिए, अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित नुट्रिशन गाइडलाइन्स में नियमित क्रोमियम सप्लिमेंट को शामिल नहीं किया गया है। क्रोमियम लेना है या नहीं, इसके लिए रोगियों को डॉक्टर्स से सलाह लेनी चाहिए। टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में क्रोमियम के विषय में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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सावधानियां
डिजीज को रोकने और अच्छी हेल्थ पाने के लिए पूरी डायट सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है। सप्लिमेंट एक इंडिविजुअल न्यूट्रिएंट हैं जो कुछ फूड प्रोडक्ट्स को हमारे आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।क्रोमियम की कमी रेअर है, और स्टडीज ने अभी तक सप्लिमेंट्स के लाभों की पुष्टि नहीं की है, इसलिए भोजन के माध्यम से क्रोमियम प्राप्त करना सबसे अच्छा विकल्प है। हालांकि, सप्लीमेंट के रूप में क्रोमियम की ज्यादा डोज पेट की समस्याएं, लो ब्लड शुगर, और किडनी या लिवर डैमेज का कारण बन सकती है।
रिसर्च
नेचर (Nature) में 2017 में पब्लिश फाइंडिंग्स बताती हैं कि क्रोमियम पिकोलिनेट, स्टेटिन ड्रग्स के साथ मिलकर एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। खासकर टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में क्रोमियम (Chromium in type 2 diabetes management) सप्लिमेंट हार्ट हेल्थ में सुधार करता है।
क्रोमियम एक ऐसा मिनरल है जिसकी ह्यूमन बॉडी को बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है। इसके नेचुरल सोर्स में ब्रोकली, लीवर और ब्रेवर्स यीस्ट शामिल हैं। क्रोमियम सप्लीमेंट मसल मास बढ़ाने, वजन घटाने और ग्लूकोज कंट्रोल को बढ़ा सकते हैं, लेकिन अभी भी इसकी पुष्टि करने के लिए शोध जारी हैं। न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट की डोज दवाओं की तरह हैं और जो लोग सप्लीमेंट लेने के बारे में सोच रहे हैं उन्हें सावधानी के साथ उसका उपयोग करना चाहिए। हेल्दी नेचुरल फूड्स पोषक तत्वों का सबसे अच्छा और सुरक्षित सोर्स होते हैं। इसलिए, सप्लीमेंट को लेने की बजाय इन्हें डाइट में शामिल करना सुनिश्चित करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको टाइप 2 डायबिटीज मैनेजमेंट में क्रोमियम (Chromium in type 2 diabetes management) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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