अगर आप गणेश भगवान की पूजा करते हैं, तो आपको ये भी पता होगा कि जामुन उनका प्रिय फल है। ऐसा माना जाता है कि गणेश भगवान को मोदक बहुत पसंद थे और अधिक मात्रा में मोदक खाने के साथ ही उन्हें जामुन खाना भी अच्छा लगता था। जामुन शरीर की अधिक मिठास को नियंत्रित रखने में मदद करता है। यानी अगर आप मीठा खा रहे हैं, तो साथ ही आपको ऐसा कुछ भी खाना चाहिए, जो आपके शरीर में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित कर सके। खैर ये तो हमने आपको मिठास और जामुन के संबंध में लोगों द्वारा मानी जाने वाली बात (मान्यता) बताई थी। अब हम बात करते हैं डायबिटीज और करेले की। डायबिटीज में करेला जामुन जूस (Karela jamun juice in diabetes) बहुत फायदा पहुंचाता है और ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है।
डायबिटीज की बीमारी खानपान की गड़बड़ी के कारण होती है और खानपान में सुधार कर आप इसे कंट्रोल भी कर सकते हैं। अक्सर लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि उनके घर में ही डायबिटीज से राहत पाने के उपाय मौजूद हैं। अक्सर डायबिटीज की समस्या होने पर लोगों को करेले के जूस को पीने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि करेले में ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने की पावर होती है। करेले का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। जानिए डायबिटीज में करेला जामुन जूस (Karela jamun juice in diabetes) का सेवन क्यों जरूरी होता है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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डायबिटीज में करेला जामुन जूस (Karela jamun juice in diabetes)
डायबिटीज एक क्रॉनिक कंडीशन है, जो इंसुलिन लेवल के बिगड़ने के कारण पैदा होती है। पैंक्रियाज से प्रोड्यूस होने वाले इंसुलिन हॉर्मोन की मात्रा कम होने पर ब्लड में शुगर का लेवल बिगड़ जाता है और फिर डायबिटीज की समस्या शुरू हो जाती है। इंसुलिन की कमी (Insulin deficiency) कई समस्याओं का कारण बन सकती है। डायबिटीज के कारण एक नहीं बल्कि कई समस्याएं खड़ी होती हैं। कहा जाता है कि बचाव करने से आप किसी बड़ी बीमारी को भी दूर भगा सकते हैं। अगर आपको डायबिटीज की समस्या (Problem of diabetes) हो या फिर ना हो, तो भी आप करेले के साथ ही जामुन के जूस का सेवन कर सकते हैं।
करेला और जामुन का सेवन लोग आमतौर पर सब्जी और फल के रूप में करते हैं। कम ही लोगों को जानकारी होती है कि इनका जूस भी बनाकर पिया जा सकता है। जहां एक ओर करेले का स्वाद कड़वा होता है, वहीं जामुन की मिठास बेहद अच्छी लगती है। डायबिटीज पेशेंट अक्सर करेले के जूस का सेवन करते हैं लेकिन करेले के साथ जामुन का जूस पीना बहुत लाभकारी होता है, इसके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं होती है। डायबिटीज में करेला जामुन जूस (Karela jamun juice in diabetes) के बारे में जाने अधिक जानकारी!
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वैसे तो डायबिटीज से छुटकारे के लिए लाइफस्टाइल में सुधार के साथ ही रोजाना एक्सरसाइज (Daily exercise) और बूरी आदतों जैसे कि स्मोकिंग छोड़ना, एल्कोहॉल से दूरी बनाना आदि शामिल है। रोजाना योगा या एक्सरसाइज आपके वजन को कंट्रोल रखने में अहम भूमिका निभाती है। आप आयुर्वेदिक ढंग से भी डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं। करेला साल भर नहीं आता है, ऐसे में करेला का सेवन हमेशा कर पाना डायबिटीज पेशेंट के लिए संभव नहीं है। मार्केट में करेले के साथ ही जामुन का जूस आप ले सकते हैं। ऐसी कई कंपनी हैं, जो डायबिटीज में करेला जामुन जूस (Karela jamun juice in diabetes) पीने को बढ़ावा दे रही है। अगर आपके आस पास करेला, जामुन उपलब्ध नहीं है, तो आप मार्केट से भी इसे आसानी से खरीद सकते हैं। डॉक्टर से सलाह के बाद ही करेला जामुन जूस का सेवन करें और उनसे सही मात्रा के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर लें।
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डायबिटीज में करेला जामुन जूस: थोड़ी मात्रा से करें शुरुआत!
जर्नल ऑफ एथनोफार्माकोलॉजी (Journal of Ethnopharmacolog) में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें तो टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने में करेला अहम भूमिका निभाता है। ये फ्रक्टोसामाइन के स्तर (Fructosamine levels) के स्तर को कम करने में मदद करता है। डायबिटीज में करेला जामुन जूस (Karela jamun juice in diabetes) आयुर्वेदिक औषधी की तरह काम करता है। आप एक से दो करेले के साथ छह से सात जामुन को मिलाकर जूस तैयार कर सकते हैं। हो सकता है कि आपको इसका स्वाद पसंद न आए लेकिन आप थोड़ी सी मात्रा से इसकी शुरुआत कर सकते हैं।
करेले में एंटीडायबिटिक कम्पाउंड जैसे कि पॉलीपेप्टाइड-पी (Polypeptide-p), विसीन (Vicine) और चेराटिन (Charatin) होता है, जिसका महत्वपूर्ण काम है ग्लूकोज लेवल को कम करना। ये ग्लूकोज के अवशोषण को भी कम करने में मदद करते हैं। करेले में लैक्टिन होता है, जो ब्लड ग्लूकोज कोन्संट्रेशन और मोमोर्डिन (Momordin) ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में मदद करता है।
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डायबिटीज में करेला जामुन जूस: जामुन करता है ग्लूकोज के अवशोषण को कम
जामुन में एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) पाए जाते हैं। पॉलीफेनोल्स के कारण जामुन का गहरा रंग होता है और एलाजिक एसिड (Ellagic acid) पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करता है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स को खत्म करने का काम करते हैं। जामुन फाइबर का भी अच्छा सोर्स होता है। फाइबर युक्त फ्रूट्स खाने से ब्लड में शुगर लेवल की मात्रा कम होती है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक बेरीज में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) ग्लूकोज के अवशोषण को कम करने का काम करता है। एक दिन में जामुन की कितनी मात्रा डायबिटीज के पेशेंट को फायदा पहुंचा सकती है, आपको इस बारे में डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं।
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अगर आपको डायबिटीज या फिर मधुमेह की समस्या है, तो आपको करेले और जामुन का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। अगर आप इन दोनों का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको इसके संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको डायबिटीज में करेला जामुन जूस (Karela jamun juice in diabetes) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको डायबिटीज में करेला जामुन जूस के संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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