डायबिटीज की स्थिति में किडनी डिजीज के लक्षण क्या हैं? (Kidney Disease Symptoms)
जैसा की हम पहले ही बता चुके हैं कि डायबिटीज की स्थिति में किडनी डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है। किडनी डिजीज की स्थिति में डायलिसिस जरूरी है। लेकिन, पहले जान लेते हैं डायलिसिस पेशेंट्स में डायबिटीज (Diabetes in dialysis patients) के लक्षणों के बारे में। डायबिटिक किडनी डिजीज के शुरुआती लक्षणों में यूरिन में एल्ब्यूमिन का इन्क्रीज्ड एक्सक्रीशन (Increased Excretion) है। इस समस्या के निदान के लिए सालाना टेस्ट कराना जरूरी है। इसके कारण वजन का बढ़ना और टखने में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती है। इसके कारण आप रात में बाथरूम का ज्यादा इस्तेमाल करेंगे। इसमें आपका रक्तचाप बहुत अधिक हो सकता है। डायबिटीज की स्थिति में आपको खून, यूरिन और ब्लड प्रेशर साल में एक बार चेक जरूर कराना चाहिए। इसके कारण डिजीज पर सही कंट्रोल रहता है और इससे हाय ब्लड प्रेशर व किडनी डिजीज का जल्दी उपचार हो सकता है।
अपने डायबिटीज पर नियंत्रण बनाए रखने से गंभीर किडनी डिजीज होने का खतरा कम हो सकता है। लेकिन, अगर किडनी डैमेज हो जाती है तो किडनी के फैल होने पर, आपके ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (Blood urea nitrogen) का स्तर बढ़ेगा और साथ ही आपके रक्त में क्रिएटिनिन (Creatinine) का स्तर भी बढ़ेगा। इसके साथ ही रोगी जी मचलना, उल्टी आना, भूख न लगना, कमजोरी, थकावट का बढ़ना, खुजली, मसल्स क्रैम्प्स (Muscle cramps) और एनीमिया (Anemia) जैसी समस्याएं भी अनुभव कर सकते हैं। ऐसे में आपको इंसुलिन की कम जरूरत होती है क्योंकि रोगग्रस्त किडनी कम इंसुलिन के ब्रेकडाउन का कारण बनती है।
इनके अलावा भी अन्य कुछ लक्षण रोगी को नजर आ सकते हैं। अगर आपको ऐसे कुछ लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। किडनी के फैल होने पर, यानी सही से काम न करने पर डायलिसि जरूरी है। अभी हम बात करने वाले हैं डायलिसिस पेशेंट्स में डायबिटीज (Diabetes in dialysis patients) के बारे में। अब जान लेते हैं कि डायलिसिस किसे कहा जाता है?

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डायलिसिस क्या है? (Dialysis)